Vijayadashami 2024: गोरखपुर में राघव-शक्ति मिलन सम्पन्न, भगवान श्री राम ने की आरती; माँ दुर्गा का विसर्जन

Vijayadashami 2024: गोरखपुर में राघव-शक्ति मिलन सम्पन्न, भगवान श्री राम ने की आरती; माँ दुर्गा का विसर्जन

Vijayadashami 2024: विजयादशमी, जो राम के विजय के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है, इस वर्ष गोरखपुर में धूमधाम से मनाई गई। यहाँ बिडघाट रामलीला में रावण का दहन कर भगवान राम ने अपनी विजय का जश्न मनाया। इसके बाद, भगवान राम एक भव्य रथ पर सवार होकर बासंतपुर चौराहे की ओर बढ़े, जहाँ भव्य बैंड संगीत के साथ उनके स्वागत की तैयारी की गई थी। इस महोत्सव के दौरान “जय श्री राम” के नारों से आसमान गूंज उठा, जो श्रद्धालुओं के उत्साह को दर्शाता है।

माँ दुर्गा का विसर्जन और भव्य समारोह

दूसरी ओर, बंगाली समिति दुर्गाबाड़ी की माँ दुर्गा की प्रतिमा भी विसर्जन के लिए बासंतपुर चौराहे की ओर बढ़ी। ढोल नगाड़ों की थाप पर, इस विसर्जन समारोह का वातावरण और भी भव्य हो गया। बासंतपुर चौराहे पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस परंपरा को देखने के लिए एकत्र हुए, जो पिछले 117 वर्षों से चली आ रही है।

Vijayadashami 2024: गोरखपुर में राघव-शक्ति मिलन सम्पन्न, भगवान श्री राम ने की आरती; माँ दुर्गा का विसर्जन

राघव शक्ति मिलन का यह कार्यक्रम, जिसमें भगवान राम और दुर्गाबाड़ी की मूर्ति का मिलन होता है, वर्षों से गोरखपुर के धार्मिक उत्सव का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। इस साल भी, इस कार्यक्रम ने भक्तों में विशेष उत्साह और धार्मिकता को बढ़ावा दिया।

राघव शक्ति मिलन की परंपरा

इस वर्ष, भगवान राम और माँ दुर्गा के मिलन का समारोह अत्यंत भव्य और दिव्य था। जैसे ही भगवान राम ने माँ दुर्गा की आरती की, भक्तों में एक अद्भुत उल्लास और आस्था का संचार हुआ। “जय घोष” के नारों के बीच, इस समारोह ने सभी उपस्थित भक्तों को एक साथ जोड़ दिया।

दुर्गाबाड़ी के सचिव अभिषेक चट्टोपाध्याय ने बताया कि यह परंपरा कई वर्षों से चल रही है और आज भी इसे श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “यहाँ का वातावरण पूरी तरह से भक्ति से ओत-प्रोत है।”

भक्तों की संख्या

बासंतपुर चौराहे पर जुटे भक्तों की संख्या देखी जाए तो यह अद्भुत थी। सभी श्रद्धालु एक साथ मिलकर इस समारोह का आनंद ले रहे थे। हर तरफ श्रद्धा, भक्ति और उत्साह का माहौल था। भक्तों ने इस अवसर पर अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर इस महापर्व का आनंद लिया।

विसर्जन की प्रक्रिया

आरती के बाद, माँ दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जन के लिए तैयार किया गया। भक्तों ने नृत्य किया और गाते हुए प्रतिमा को कृत्रिम घाट की ओर ले गए। यह दृश्य अपने आप में अद्भुत था, जिसमें भक्तगण एकजुट होकर माँ दुर्गा की जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे।

विजयादशमी का महत्व

विजयादशमी का पर्व सिर्फ रावण के दहन का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व है। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन में बुराइयों को दूर करके अच्छाई की ओर अग्रसर होना चाहिए। भगवान राम का आदर्श हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

सामुदायिक सहभागिता

इस वर्ष के राघव शक्ति मिलन ने सामुदायिक सहभागिता को भी प्रोत्साहित किया। विभिन्न समुदायों के लोग एक साथ मिलकर इस महापर्व का आनंद ले रहे थे। यह विविधता और एकता का प्रतीक था, जो समाज में सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा देता है।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *