Illegal gold trade: फर्जी हॉलमार्किंग से सज रहे बाजार, जानें सावधान रहने के तरीके

Illegal gold trade: फर्जी हॉलमार्किंग से सज रहे बाजार, जानें सावधान रहने के तरीके

Illegal gold trade: दीवाली का त्योहार भारतीय समाज में विशेष महत्व रखता है, न केवल धार्मिक कारणों से बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी। इस दौरान बाजार में सोने-चांदी की मांग में अचानक इजाफा होता है। लेकिन, इस पर्व के साथ-साथ अवैध सोने का व्यापार भी अपनी चकाचौंध में नजर आता है। हाल के दिनों में यह देखा गया है कि विभिन्न ज्वेलरी बाजारों में व्यापारी फर्जी हॉलमार्किंग के जरिए अवैध सोने की बिक्री कर रहे हैं। इस लेख में, हम अवैध सोने के व्यापार के बढ़ते खतरे, फर्जी हॉलमार्किंग के तरीकों और सावधानी बरतने के उपायों पर चर्चा करेंगे।

अवैध सोने की बिक्री का बढ़ता चलन

सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में लगभग 25 किलोग्राम सोने की ज्वेलरी प्रतिदिन विभिन्न स्थानों से स्थानांतरित की जा रही है। इनमें से अधिकांश ज्वेलरी उन व्यापारियों द्वारा तैयार की जाती है, जिन्होंने अपने दुकानों पर हॉलमार्किंग मशीनें लगाई हैं और बिना किसी लाइसेंस के HM-750 BIS का निशान लगा रहे हैं। इस व्यापार में लगभग 16 किलोग्राम अवैध सोना हर दिन गोरखपुर के बाजारों में पहुँच रहा है, जिसका कुल मूल्य लगभग 22 करोड़ रुपये है।

Illegal gold trade: फर्जी हॉलमार्किंग से सज रहे बाजार, जानें सावधान रहने के तरीके

बाजार में ग्राहकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए व्यापारी अब अवैध सोने से बनी ज्वेलरी को भी हॉलमार्किंग कराने लगे हैं। इसके माध्यम से, ग्राहक इसे बैंक दर से कम कीमत पर खरीदने का प्रयास करते हैं, जबकि असल में व्यापारी इससे अधिक लाभ कमा रहे हैं। यह जानकर दुख होता है कि अधिकांश ग्राहक फर्जी हॉलमार्किंग वाले सामान को असली समझकर खरीद रहे हैं।

फर्जी हॉलमार्किंग की पृष्ठभूमि

गोरखपुर में हाल ही में एक व्यापारी के पास से फर्जी हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी जब्त की गई, जिसमें व्यापारियों ने राष्ट्रपति के नाम से ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग करवाई थी। इस मामले में पुलिस और सराफा संगठन की टीम ने एक्शन लिया। इस तरह की घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि बाजार में फर्जी हॉलमार्किंग का चलन कितना बढ़ गया है।

ग्राहकों के लिए सावधानी के उपाय

ग्राहक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे ज्वेलरी खरीदते समय उचित सावधानी बरतें। निम्नलिखित उपायों को ध्यान में रखना चाहिए:

  1. बिलिंग स्लिप की जांच: यदि व्यापारी ज्वेलरी की बिक्री पर बाजार मूल्य से कम कीमत पर बिल दे रहा है, तो सबसे पहले उस बिल की प्रकृति देखें। क्या यह कच्चा है या पका हुआ?
  2. BIS Care App का उपयोग: ग्राहक अपने मोबाइल में BIS Care App डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप के माध्यम से वे ज्वेलरी की हॉलमार्किंग की जाँच कर सकते हैं। ज्वेलरी का HUID नंबर डालकर इसकी वास्तविकता की पुष्टि कर सकते हैं।
  3. सराफा समिति से शिकायत: यदि ग्राहक को किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ता है, तो उन्हें तुरंत सराफा समिति से संपर्क करना चाहिए। इससे न केवल उन्हें मदद मिलेगी, बल्कि अन्य ग्राहकों को भी सुरक्षित रहने में सहायता मिलेगी।

त्यौहारों में व्यापारियों को मिली राहत

त्यौहारों के दौरान भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने 200 सोना और चांदी व्यापारियों को राहत प्रदान की है। ये व्यापारी जिनका BIS मानक पंजीकरण निलंबित हो गया था, अब बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अपने पिछले लाइसेंस नंबर का उपयोग कर सकते हैं। यह कदम त्यौहारों के मद्देनजर व्यापारियों के लिए एक बड़ा सहारा है।

अवैध सोने का मूल्य और इसके नुकसान

अवैध सोने के व्यापार में लागत और गुणवत्ता के मामले में गंभीर नुकसान होता है। ग्राहक यदि अवैध सोने की ज्वेलरी खरीदते हैं, तो न केवल उन्हें आर्थिक हानि होती है, बल्कि वे अवैध गतिविधियों को भी बढ़ावा देते हैं। इसके साथ ही, अवैध सोने की बिक्री से देश की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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