Gorakhpur University: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने छात्रों की रचनात्मक प्रतिभा को निखारने के लिए एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत तरंग नाम से एक सांस्कृतिक गतिविधि केंद्र की शुरुआत की जा रही है। विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इस बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने की।
तरंग एक ऐसा मंच होगा जहां छात्र संगीत नृत्य रंगमंच साहित्य और कला जैसी गतिविधियों में भाग ले सकेंगे। इसका उद्देश्य छात्रों की व्यक्तित्व विकास अभिव्यक्ति और संवाद कौशल को बढ़ावा देना है। यह केंद्र उनके अंदर छिपी प्रतिभा को सामने लाने का अवसर देगा।
चार क्लबों से होगी शुरुआत
तरंग की शुरुआत चार अलग अलग क्लबों के माध्यम से की जाएगी जिनके संचालन के लिए एक निदेशक और चार सहायक निदेशक नियुक्त किए जाएंगे। इन क्लबों के नाम हैं सरगम संगीत क्लब ताल नृत्य क्लब सृजन साहित्य क्लब और अभिनय रंगमंच क्लब। इन क्लबों के माध्यम से कार्यशालाएं प्रतियोगिताएं और प्रस्तुतियां आयोजित की जाएंगी।
करियर के लिए मिलेंगे नए अवसर
इन गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर के मंचों पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। साथ ही उन्हें एनएसडी और एफटीआईआई जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में करियर बनाने का मार्ग भी मिलेगा। यह केंद्र उन्हें व्यावसायिक क्षेत्र में नई पहचान दिलाने में मदद करेगा।
Gorakhpur University का मानना है कि यह केंद्र न केवल छात्रों की रचनात्मकता को बढ़ावा देगा बल्कि पूर्वांचल की सांस्कृतिक विरासत को भी आधुनिक रूप में प्रस्तुत करेगा। इसमें लोक संगीत लोक नृत्य क्षेत्रीय भाषा साहित्य और पारंपरिक कलाओं को भी स्थान मिलेगा। कुलपति प्रो टंडन ने कहा कि तरंग विश्वविद्यालय को सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में अहम कदम होगा।