Gorakhpur: दीवाली के मौके पर गोरखपुर आने के लिए दिल्ली-मुंबई से ट्रेन में सफर करना मुश्किल हो गया है। इसका कारण यह है कि प्रमुख ट्रेनों जैसे वैशाली, गोरखधाम, बिहार संपर्क क्रांति, संपर्क क्रांति सहित कई अन्य ट्रेनों में टिकट बुकिंग बंद हो गई है। वहीं, जिन ट्रेनों को मेगा ब्लॉक के कारण रद्द कर दिया गया है, उनके यात्री अब बाकी बची ट्रेनों में टिकट खरीद रहे हैं। ऐसे में स्थिति और अधिक कठिन हो गई है। अब केवल रेलवे द्वारा विशेष ट्रेनों की घोषणा से ही यात्रियों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
इस बार पूर्वोत्तर रेलवे ने दशहरा से लेकर छठ पूजा तक 150 से अधिक ट्रेनों की घोषणा की थी। गोरखपुर के रास्ते से लगभग 50 विशेष ट्रेनों के चलने की योजना थी। गोरखपुर से दिल्ली, मुंबई, अमृतसर, हैदराबाद, अजमेर आदि शहरों के लिए विशेष ट्रेनों की भी घोषणा की गई थी। जैसे ही इन ट्रेनों की अधिसूचना जारी की गई, लोगों ने तुरंत टिकट बुक कर लिए। अब ज्यादातर विशेष ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। 28 अक्टूबर से गोंडा-गोरखपुर के बीच ट्रेनों का संचालन सामान्य हो जाएगा, जबकि दीवाली 31 अक्टूबर को है। ऐसे में यात्रियों के पास यात्रा के लिए केवल तीन दिन बचेंगे। फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे ने इन तीन दिनों के लिए कोई विशेष ट्रेन नहीं चलाई है। उम्मीद की जा रही है कि रेलवे जल्द ही विशेष ट्रेनों की घोषणा करेगा।
बसों में बुकिंग की बढ़ी मांग
प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने भी दशहरा और दीवाली के बीच ट्रेनों के रद्द होने का फायदा उठाने की तैयारी कर ली है। उन्होंने दिल्ली, जयपुर, लुधियाना, आगरा आदि से गोरखपुर के बीच अधिक बसें चलाने के लिए ट्रैवल एजेंसियों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। यह बताया जा रहा है कि 25 से 30 अक्टूबर के बीच सबसे ज्यादा बसें चलाने की योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा, पहले से चल रही 46 स्लीपर बसों में भी बुकिंग शुरू हो चुकी है। इस समय दिल्ली से गोरखपुर के लिए स्लीपर सीट का किराया 1800 से 2200 रुपये के बीच है, जो दीवाली के करीब आते-आते 3500 रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
रेलवे स्टेशन पर बढ़ती भीड़
हर दिन, पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर स्टेशन से लगभग एक लाख लोग सफर करते हैं। त्योहारों के समय यह संख्या 1.5 लाख तक पहुंच जाती है। गोरखपुर के अलावा, महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बिहार के गोपालगंज और पश्चिम चंपारण के लोग भी गोरखपुर से यात्रा करते हैं। इसके साथ ही, पड़ोसी देश नेपाल के सीमा क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग गोरखपुर स्टेशन से सफर करते हैं। जब ट्रेनें रद्द हो जाती हैं, तो घर लौटने के इच्छुक लोगों के लिए प्राइवेट बसें सबसे अच्छा विकल्प बन जाती हैं। गोरखपुर और दिल्ली के बीच बस चलाने वाले मिराज अहमद ने बताया कि पिछले साल दीवाली से लेकर छठ तक बसों में भारी भीड़ थी। अंतिम समय में बसें कम पड़ गई थीं। इस बार, अगर ट्रेनें रद्द हुईं, तो यात्रियों की संख्या और भी बढ़ जाएगी। इसी को ध्यान में रखते हुए, अतिरिक्त बसों की तैनाती भी की जाएगी।
टैक्सी बुकिंग की शुरुआत
ट्रेन के रद्द होने और बसों में भीड़ को देखते हुए निजी टैक्सी ऑपरेटरों ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। गोरखपुर रेलवे स्टेशन से टैक्सी चलाने वाले संजय सिंह ने बताया कि अब तक लखनऊ के लिए बुकिंग आनी शुरू हो गई हैं। हमारी टैक्सी को 24 से 26 अक्टूबर तक लखनऊ के लिए चार बुकिंग मिल चुकी हैं। यदि गोरखपुर से लखनऊ के लिए राइड मिल जाती है, तो यात्रियों को केवल एक तरफ का किराया देना होगा, अन्यथा दोनों तरफ का किराया एक साथ लिया जाएगा। टैक्सी चालक विजयेंद्र चौहान ने बताया कि अयोध्या और लखनऊ के लिए भी बुकिंग मिलने की उम्मीद है।
यात्रियों की परेशानियां
हर साल की तरह इस साल भी दीवाली के दौरान यात्रियों को यात्रा करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेन टिकट बुकिंग बंद होने के कारण जिन लोगों ने पहले से अपनी यात्रा की योजना बनाई थी, वे अब असमंजस में हैं। त्योहारों के दौरान घर लौटना हर किसी के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, खासकर उन लोगों के लिए जो नौकरी या व्यापार के सिलसिले में अपने घरों से दूर रहते हैं। रेलवे द्वारा विशेष ट्रेनों की घोषणा में देरी के कारण लोग अब निजी बसों और टैक्सियों का सहारा लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
निजी बसों की बढ़ती मांग
दीवाली के करीब आते ही निजी बसों में बुकिंग तेजी से बढ़ रही है। विशेष रूप से दिल्ली से गोरखपुर के बीच चलने वाली स्लीपर बसों में किराया भी आसमान छूने की संभावना है। आमतौर पर 1800 से 2200 रुपये के बीच मिलने वाली स्लीपर सीट का किराया 25 अक्टूबर के बाद 3500 रुपये तक पहुंच सकता है। ऐसे में उन यात्रियों के लिए और भी मुश्किलें खड़ी हो रही हैं, जो त्योहारों पर अपने घर जाने की योजना बना रहे थे।
रेलवे की ओर से संभावित विशेष ट्रेनें
रेलवे द्वारा दीवाली के मौके पर विशेष ट्रेनों की घोषणा की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। अगर रेलवे जल्द ही विशेष ट्रेनों की घोषणा करती है, तो इससे यात्रियों को कुछ हद तक राहत मिल सकती है। त्योहारों के मौसम में रेल यात्रा लोगों की पहली पसंद होती है, क्योंकि यह न केवल किफायती होती है, बल्कि यात्रा के समय में भी बचत होती है।