Gorakhpur: पिता की लाइसेंसी राइफल से बेटे ने की आत्महत्या, घर में मचा कोहराम

Gorakhpur: पिता की लाइसेंसी राइफल से बेटे ने की आत्महत्या, घर में मचा कोहराम

Gorakhpur: गोरखपुर के मोहद्दीपुर गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 24 वर्षीय आयुष सिंह ने शुक्रवार सुबह अपने पिता की लाइसेंसी राइफल से खुद को गोली मार ली। जैसे ही परिवार को घटना की जानकारी मिली, घर में कोहराम मच गया। आयुष के इस कदम से पूरे परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।

घटना का विवरण

आयुष सिंह, जो ग्राम मोहद्दीपुर निवासी पंचम सिंह के सबसे छोटे बेटे थे, ने सुबह चाय पीने के बाद अपने कमरे में जाकर आत्महत्या की। ग्रामीणों और पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आयुष ने अपने पिता की लाइसेंसी राइफल से खुद को ठोड़ी पर गोली मारी। गोली लगते ही उनकी मृत्यु हो गई। गोली की आवाज सुनते ही परिवार के सदस्य तुरंत कमरे में पहुंचे, जहां उन्होंने आयुष को खून से लथपथ देखा।

परिवार में मचा हाहाकार

आयुष की मां अनीता देवी अपने बेटे को इस हालत में देखकर बेसुध हो गईं। उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया। घर की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग भी वहां जमा हो गए। गांव में हर ओर मातम का माहौल है, और आयुष के अचानक इस तरह चले जाने से लोग स्तब्ध हैं।

Gorakhpur: पिता की लाइसेंसी राइफल से बेटे ने की आत्महत्या, घर में मचा कोहराम

पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही

घटना की सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर मदनपुर गोरखनाथ सरोज अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने आयुष का मोबाइल फोन, राइफल, और कारतूस का खोखा भी जब्त किया है। पुलिस की प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि गोली ठोड़ी पर लगने के बाद छत को भेदते हुए सिर के हिस्से को उड़ा गई।

जांच में जुटी पुलिस

CO (सर्कल ऑफिसर) रुद्रपुर अंशुमान श्रीवास्तव ने बताया कि आयुष की मौत गोली लगने से हुई है। पुलिस अब आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। जांच के दौरान आयुष का मोबाइल फोन भी खंगाला जा रहा है, ताकि यह पता चल सके कि उसने ऐसा कदम क्यों उठाया।

आत्महत्या के कारणों पर संदेह

गांव के लोगों और परिवार के सदस्यों का कहना है कि आयुष एक शांत स्वभाव का लड़का था और किसी भी प्रकार की मानसिक परेशानी का कोई संकेत नहीं था। उसके अचानक आत्महत्या करने के फैसले से सभी हैरान हैं। हालांकि, पुलिस विभिन्न पहलुओं की जांच कर रही है।

मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण

इस घटना ने एक बार फिर युवा पीढ़ी में मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत को उजागर किया है। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि मानसिक तनाव के कारण कई बार व्यक्ति अपनी परेशानियों को किसी के साथ साझा नहीं करता और गंभीर कदम उठा लेता है। इसलिए, इस तरह के मामलों में परिवार और दोस्तों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी असामान्य व्यवहार को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

गांव में पसरा सन्नाटा

आयुष की मौत से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग इस घटना से आहत हैं और परिवार के प्रति सहानुभूति व्यक्त कर रहे हैं। एक गांववासी ने बताया, “आयुष एक सरल और शांत लड़का था। हमें यकीन नहीं हो रहा कि उसने ऐसा कदम उठाया।” गांव में हर कोई इस घटना के बारे में बात कर रहा है, लेकिन सभी के पास सिर्फ दुख के शब्द हैं।

अंतिम संस्कार की तैयारी

पुलिस की प्रारंभिक जांच और पोस्टमार्टम के बाद, आयुष का अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिवार में मातम का माहौल है और रिश्तेदार एवं गांववाले परिवार के साथ खड़े हैं। हर कोई इस घटना के पीछे के कारण को जानना चाहता है, ताकि इस दुखद घटना की सच्चाई सामने आ सके।

पिता की पोस्टिंग और परिवार की स्थिति

आयुष के पिता पंचम सिंह भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं। आयुष उनके सबसे छोटे बेटे थे और परिवार का लाडला था। पिता को अपने बेटे के इस तरह चले जाने का गहरा सदमा पहुंचा है। परिवार इस मुश्किल समय में बुरी तरह टूट गया है।

पुलिस की अपील

पुलिस ने इस मामले को संवेदनशील मानते हुए लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। पुलिस का कहना है कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है और किसी भी प्रकार की जानकारी सामने आने पर उचित कार्यवाही की जाएगी।

मनोचिकित्सकों का सुझाव

इस प्रकार की घटनाएं हमें मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझाती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अवसाद और मानसिक समस्याओं के संकेतों को गंभीरता से लेना आवश्यक है। परिवार के सदस्यों और दोस्तों को चाहिए कि यदि वे अपने प्रियजनों के व्यवहार में किसी भी प्रकार का बदलाव देखें तो उनसे बात करें और उनकी मदद के लिए हमेशा तत्पर रहें।

सारांश

आयुष सिंह की आत्महत्या ने उनके परिवार और पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है। पुलिस घटना की जांच में जुटी है और मामले के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है। इस घटना ने समाज में मानसिक स्वास्थ्य और परिवार के बीच संवाद की अहमियत को एक बार फिर से उजागर किया है।

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