Gorakhpur News: पूर्वांचल की राजनीति का मजबूत प्रतीक माने जाने वाले तिवारी हाटा से एक बार फिर ब्राह्मण स्वाभिमान की बुलंद आवाज़ उठी है। पंडित हरिशंकर तिवारी के परिवार ने साफ कहा है कि अब वे एक निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार हैं और यह लड़ाई एकाधिकारवादी सत्ता के खिलाफ होगी।
परिवार का कहना है कि तिवारी हाटा कोई साधारण घर नहीं बल्कि एक जीवंत विचारधारा है जिसने हमेशा ब्राह्मण स्वाभिमान सामाजिक न्याय और जनसेवा को केंद्र में रखा है। यहां रहने वाला हर व्यक्ति समाज के लिए निस्वार्थ रूप से समर्पित रहा है।
परिवार ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों ने पहले भी तिवारी हाटा को निशाना बनाया लेकिन हर बार उन्हें गरिमा और ताकत के साथ जवाब मिला। अब जब फिर से आत्मसम्मान पर चोट हो रही है तो तिवारी हाटा संघर्ष के लिए पूरी तरह से तैयार है। परिवार ने साफ किया कि यह लड़ाई राजनीतिक नहीं बल्कि आत्मसम्मान और न्याय की लड़ाई है। इसे लोकतांत्रिक तरीके से लड़ा जाएगा। हर सवाल का जवाब गरिमा बनाए रखते हुए दिया जाएगा और किसी भी तरह की अशालीनता से बचा जाएगा।
परिवार ने समर्थकों से एकजुट होने की अपील की और कहा कि यह वक्त भावुक होने का नहीं बल्कि मजबूती से डटे रहने का है। संघर्ष ही जीवन है और हम यह लड़ाई जीतेंगे। इतिहास में फिर लिखा जाएगा कि ‘पंडित जी का वक्त लौट आया है।’