Gorakhpur: गोरखपुर नगर निगम के जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र काउंटर पर दलालों की सक्रियता ने एक बार फिर सरकारी कामकाज में भ्रष्टाचार की परतों को उजागर किया है। सोमवार को एक दलाल ने दो आवेदकों से क्रमशः 500 और 600 रुपये की राशि वसूल की। इस घटना की शिकायत मिलने पर नगर आयुक्त ने तुरंत कार्रवाई की, लेकिन दलाल मौके से फरार हो गया। नगर निगम की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
मामला कैसे सामने आया?
सोमवार सुबह, संत कबीर नगर के निवासी शैलेन्द्र कुमार पांडेय और गोरखपुर के निवासी रविंद्र सिंह जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी लेने नगर निगम के काउंटर पर पहुंचे थे। वहां एक बाहरी व्यक्ति सोहराब खान बैठा था, जिसने दोनों आवेदकों को यह विश्वास दिलाया कि वह जल्दी ही उनका प्रमाणपत्र बना देगा। इसके लिए उसने क्रमशः 500 और 600 रुपये की मांग की।
जैसे ही आवेदकों को सोहराब की गतिविधियों पर संदेह हुआ, उन्होंने तुरंत नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल से इसकी शिकायत की। नगर आयुक्त ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत सुरक्षा गार्डों के साथ अपने क्लर्क संदीप को जन्म प्रमाणपत्र कार्यालय भेजा। लेकिन तब तक आरोपित सोहराब वहां से भाग चुका था।
नगर निगम की कार्रवाई
आवेदकों के द्वारा लिखित बयान लेने के बाद, जोनल अधिकारी अनुष्का सिंह ने कोतवाली पुलिस स्टेशन में सोहराब खान और अज्ञात के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए लिखित शिकायत भेजी। शाम को पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और अब इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस मामले में नगर आयुक्त ने काउंटर पर तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर को वहां से हटा दिया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। यह घटना नगर निगम के कार्यप्रणाली पर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है, खासकर जब सार्वजनिक सेवाओं में दलाली की समस्या बढ़ती जा रही है।
सार्वजनिक सेवाओं में दलाली की समस्या
यह घटना इस बात का संकेत है कि सरकारी कार्यालयों में दलालों की सक्रियता किस हद तक बढ़ चुकी है। जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जैसी मूलभूत सेवाएं आम नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण होती हैं, और इन सेवाओं के लिए दलालों का हस्तक्षेप आम लोगों के लिए समस्या पैदा कर रहा है।
सोशल मीडिया पर भी इस घटना की चर्चा तेजी से हो रही है। लोग इस पर नाराजगी जता रहे हैं और सरकारी अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि नगर निगम और अन्य सरकारी संस्थाएं इस प्रकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम उठाएं और लोगों को सही सेवाएं समय पर उपलब्ध कराएं।
लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद लोगों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कई नागरिकों ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि सरकारी अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए और अधिक सतर्क रहना चाहिए। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यह हमारे अधिकारों का उल्लंघन है। हमें बिना किसी दिक्कत के अपनी आवश्यक सेवाएं मिलनी चाहिए।”
दूसरे नागरिक ने कहा, “इस तरह की घटनाएं साबित करती हैं कि सिस्टम में खामियां हैं। हमें चाहिए कि हम इस पर ध्यान दें और सख्त कदम उठाए जाएं।”
भविष्य की कार्रवाई
अब जब इस मामले का खुलासा हो चुका है, तो यह नगर निगम के लिए चुनौती है कि वह न केवल इस विशेष मामले की जांच करे बल्कि समग्र रूप से सरकारी कार्यप्रणाली में सुधार के लिए कदम उठाए। सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी नागरिक को बिना किसी दिक्कत के आवश्यक सेवाएं उपलब्ध हों।
पुलिस ने अब तक मामले की जांच शुरू कर दी है और यह देखना है कि क्या वे आरोपित दलाल को पकड़ पाते हैं या नहीं।
गोरखपुर नगर निगम के जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र काउंटर पर हुई यह दलाली की घटना सरकारी सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर करती है। इसे केवल एक व्यक्तिगत घटना के रूप में नहीं देखा जा सकता है, बल्कि इसे एक व्यापक समस्या के रूप में लिया जाना चाहिए।
सभी नागरिकों को चाहिए कि वे ऐसे मामलों की जानकारी प्रशासन को दें और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं। इससे न केवल उनके अधिकारों की रक्षा होगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को भी रोका जा सकेगा।
यह घटना एक महत्वपूर्ण सबक है जो हमें यह बताती है कि हमें अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए और सरकारी संस्थाओं से पारदर्शिता और ईमानदारी की मांग करनी चाहिए।