Gorakhpur: नगर निगम की ऐतिहासिक इमारत में संग्रहालय तैयार, पूर्व मेयर और पार्षदों से दस्तावेज़ जुटाने का कार्य जारी

Gorakhpur: नगर निगम की ऐतिहासिक इमारत में संग्रहालय तैयार, पूर्व मेयर और पार्षदों से दस्तावेज़ जुटाने का कार्य जारी

Gorakhpur में नगर निगम की पुरानी इमारत को संग्रहालय के रूप में तैयार किया जा रहा है, और अब यह अपनी अंतिम चरण में है। इस ऐतिहासिक इमारत के संग्रहालय में गोरखपुर नगर निगम से जुड़े पुराने दस्तावेज, फोटो और अन्य वस्तुओं का प्रदर्शन किया जाएगा। 124 साल पुरानी इस इमारत को ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संरक्षित करने के उद्देश्य से इसे संग्रहालय में तब्दील किया जा रहा है। इसके उद्घाटन का इंतजार शहरवासी बेसब्री से कर रहे हैं और इस ऐतिहासिक पहल के प्रति उत्साहित हैं। संग्रहालय का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा जल्द ही किया जाएगा।

संग्रहालय निर्माण का कार्य और उद्देश्य

गोरखपुर की इस पुरानी इमारत का निर्माण 1899 में हुआ था और इसे तब “अमन-ओ-अमन” के नाम से जाना जाता था। ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण इस इमारत की मजबूती आज भी बेमिसाल है। नगर निगम ने इस इमारत को संग्रहालय के रूप में बदलने का निर्णय लिया ताकि शहर के नागरिक और आगंतुक यहां गोरखपुर के इतिहास और नगर निगम के विकास के बारे में जान सकें। इस इमारत के संरक्षण का निर्णय लेना नगर निगम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे शहर की धरोहर को संभालने और इसे नई पीढ़ियों के लिए प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी।

नगर निगम के मुख्य अभियंता संजय चौहान के अनुसार, इमारत में निर्माण कार्य अब पूरा हो चुका है और अंतिम स्पर्श का कार्य जारी है। इस संग्रहालय का संचालन अगले दो वर्षों तक एक कार्यरत कंपनी द्वारा किया जाएगा, इसके बाद नगर निगम स्वयं इसका संचालन करेगा।

Gorakhpur: नगर निगम की ऐतिहासिक इमारत में संग्रहालय तैयार, पूर्व मेयर और पार्षदों से दस्तावेज़ जुटाने का कार्य जारी

दस्तावेज़ और प्राचीन वस्तुओं का संकलन

नगर निगम की इस पहल के तहत पुराने दस्तावेज़, फोटो और अन्य प्राचीन वस्तुओं को इकट्ठा करने का कार्य जारी है। इसके लिए नगर निगम ने पूर्व मेयर और पार्षदों से संपर्क किया है ताकि उनसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और फोटोग्राफ लिए जा सकें जो इस संग्रहालय के लिए आवश्यक हैं। पूर्व मेयर अंजू चौधरी के पास से कुछ महत्वपूर्ण और पुराने फोटोग्राफ लिए जाएंगे जो इस संग्रहालय के इतिहास को और समृद्ध बनाएंगे।

नगर निगम ने इस कार्य में गोरखपुर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से भी सहायता मांगी है। इसके साथ ही नगर निगम ने आम नागरिकों से भी अनुरोध किया है कि यदि किसी के पास इस संग्रहालय के लिए कोई ऐतिहासिक दस्तावेज़, फोटो या अन्य वस्त्र उपलब्ध हैं, तो वे उसे नगर निगम को उपलब्ध कराएं। मुख्य अभियंता संजय चौहान ने कहा है कि जो भी व्यक्ति इस संग्रहालय के लिए वस्तुएं देगा, उसका नाम उस वस्तु के साथ संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा।

 नागरिकों की भूमिका और उत्साह

संग्रहालय के निर्माण को लेकर शहर के नागरिकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। गोरखपुर के नागरिकों को इस बात की खुशी है कि अब उन्हें अपने शहर के इतिहास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां और चीजें एक ही जगह देखने को मिलेंगी। इस पहल ने लोगों को अपने शहर की ऐतिहासिक धरोहर से जोड़ने का एक नया माध्यम उपलब्ध करवाया है।

मुख्य अभियंता संजय चौहान के अनुसार, “इस संग्रहालय में सिर्फ गोरखपुर नगर निगम ही नहीं बल्कि पूरे गोरखपुर से जुड़े ऐतिहासिक दस्तावेज़, तस्वीरें और अन्य वस्त्र रखे जाएंगे। इससे न केवल नई पीढ़ी को उनके शहर के इतिहास के बारे में जानकारी मिलेगी, बल्कि यह भी सीखने का अवसर मिलेगा कि उनका शहर किस प्रकार विकसित हुआ।”

संग्रहालय का परिचालन और प्रमुख प्रदर्शनी

संग्रहालय में प्रमुख रूप से नगर निगम से जुड़े दस्तावेज़, रिकॉर्ड्स और ऐतिहासिक फोटोग्राफ रखे जाएंगे। इसके साथ ही गोरखपुर के ऐतिहासिक धरोहर और नगर निगम की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को भी इसमें दर्शाया जाएगा।

संग्रहालय में प्रदर्शनी के लिए विशेष स्थानों का निर्माण किया गया है, जहां आगंतुक गोरखपुर के ऐतिहासिक चित्रों और दस्तावेज़ों का अवलोकन कर सकेंगे। इस संग्रहालय का उद्देश्य केवल एक स्मारक नहीं बल्कि एक शिक्षण स्थल बनाना है। जहां लोग गोरखपुर के इतिहास और उसकी संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

इसके अलावा संग्रहालय में गोरखपुर की सांस्कृतिक और सामाजिक प्रगति के प्रतीक चिन्हों का प्रदर्शन भी किया जाएगा। नगर निगम का प्रयास है कि यह संग्रहालय शहर के इतिहास को संरक्षित करने के साथ-साथ यहां आने वाले लोगों को शिक्षा और जानकारी का माध्यम प्रदान करे।

 ऐतिहासिक भवन के पुनर्निर्माण और संरक्षण का महत्व

124 साल पुरानी इस इमारत का संरक्षण और इसे संग्रहालय के रूप में तब्दील करना नगर निगम के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है। गोरखपुर नगर निगम के अधिकारियों का मानना है कि इस संग्रहालय के माध्यम से वे शहर की धरोहर को संरक्षित कर सकेंगे और आने वाली पीढ़ियों को इसका महत्व समझा सकेंगे।

इस ऐतिहासिक इमारत के संरक्षण के लिए विशेष तकनीकों का उपयोग किया गया है ताकि इसकी मजबूती और संरचना को सुरक्षित रखा जा सके। साथ ही इसे इस प्रकार से बनाया गया है कि यह आधुनिक और पारंपरिक दोनों प्रकार की तकनीकों का समावेश कर सके।

भविष्य में संग्रहालय का योगदान और लाभ

इस संग्रहालय के निर्माण से गोरखपुर नगर निगम को यह अवसर मिला है कि वे शहर के इतिहास को संरक्षित कर सकें और इसे जनता के लिए उपलब्ध करवा सकें। इसके अलावा, शहर के लोगों को भी इसमें अपना योगदान देने का अवसर मिलेगा, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक क्षण होगा।

मुख्य अभियंता संजय चौहान ने कहा कि इस संग्रहालय का उद्देश्य न केवल शहर की धरोहर को संरक्षित करना है बल्कि इसे शैक्षिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। इस संग्रहालय के माध्यम से आने वाली पीढ़ियों को अपने शहर के इतिहास और इसकी उपलब्धियों का ज्ञान होगा और वे इसे समझने और इसके महत्व को जानने के लिए प्रेरित होंगे।

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