Gorakhpur: यूपी के मैनपुरी जिले के एक युवा नौशाद ने अचानक गोरखनाथ मंदिर परिसर में स्थित BSNL टॉवर पर चढ़कर अपने शिकायतें लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की इच्छा जताई। मुख्यमंत्री उस समय गोरखनाथ मंदिर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में थे। नौशाद का टॉवर पर चढ़ना अचानक से मंदिर परिसर में अफरा-तफरी मचा दिया।
टॉवर पर चढ़ने की घटना
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और अन्य सुरक्षा कर्मी मौके पर पहुंचे। करीब आधे घंटे की मेहनत के बाद नौशाद को सुरक्षित नीचे लाया गया। जब वह नीचे आए, तो उन्होंने अपनी कहानी सुनाई। नौशाद ने बताया कि वह मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी शिकायत बताना चाहते थे। उनके पास एक शिकायत पत्र था, जिसमें लिखा था कि “मैं, नौशाद अली, मैनपुरी का निवासी हूं। मैंने छह साल पहले सनातन धर्म अपनाया।”
धार्मिक पहचान का विवाद
नौशाद ने आगे कहा कि उनकी पत्नी ने भी उनके साथ सनातन धर्म अपनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके अपने धर्म के लोगों ने उनके खिलाफ झूठे केस दर्ज किए और उन्हें जेल भेज दिया। नौशाद मंदिर में सफाईकर्मी के रूप में काम करते हैं और उन्होंने बताया कि उन्होंने कांवड़ यात्रा के दौरान जल का अर्पण भी किया था। उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में जल भरकर लाने की भी योजना बनाई थी।
स्थानीय प्रशासन को दी गई जानकारी
नौशाद ने बताया कि उन्होंने इस मामले के बारे में स्थानीय एसपी को भी जानकारी दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके समुदाय के लोगों ने उन्हें जल भरा कांवड़ घर ले जाने से रोका और उन्हें मंदिर में ही जल रखने के लिए मजबूर किया। नौशाद ने यह भी कहा कि वह सीएम से मिलकर अपनी पीड़ा बताना चाहते थे ताकि उनकी समस्या का समाधान हो सके।
समुदाय के साथ विवाद
इस घटना ने न केवल नौशाद के जीवन को प्रभावित किया, बल्कि यह उनके समुदाय के बीच भी विवाद का कारण बन गया। नौशाद के अनुसार, उनके धर्म परिवर्तन के बाद उनके अपने ही लोगों ने उन्हें सामाजिक रूप से बहिष्कृत कर दिया। उन्होंने कहा, “मैंने अपने धर्म का पालन किया, लेकिन मेरे समुदाय के लोगों ने मुझे अकेला छोड़ दिया।”
मुख्यमंत्री से मिलने की मांग
नौशाद ने मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्याओं का समाधान चाहा। उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन था कि सीएम उनकी सुनेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। टॉवर पर चढ़ने की उनकी कार्रवाई एक तरह से उनकी desperation का प्रतीक थी, क्योंकि उन्होंने महसूस किया कि उनके पास कोई और विकल्प नहीं था।
समाज में धर्म परिवर्तन का प्रभाव
नौशाद की कहानी ने समाज में धर्म परिवर्तन के मुद्दे को भी उजागर किया है। इस मामले में न केवल धार्मिक पहचान बल्कि सामाजिक पहचान भी महत्वपूर्ण बन गई है। जब कोई व्यक्ति अपने धर्म को बदलता है, तो उसे कई बार अपने समुदाय के भीतर भेदभाव का सामना करना पड़ता है। नौशाद के मामले में भी यही हुआ, जहाँ उन्होंने अपने अधिकारों के लिए लड़ाई शुरू की है।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्थानीय प्रशासन ने नौशाद के मामले को गंभीरता से लिया है। पुलिस ने नौशाद के आरोपों की जांच करने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों का कहना है कि वे नौशाद की शिकायतों पर ध्यान देंगे और यदि आवश्यक हुआ तो कार्रवाई करेंगे।
नौशाद का संदेश
नौशाद ने अपने समुदाय के लोगों को संदेश देते हुए कहा कि धर्म परिवर्तन करना कोई अपराध नहीं है, और हर किसी को अपने धर्म का पालन करने