Kushinagar: कुशीनगर जिले के तमकुहीराज कस्बे में स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान एक नवजात शिशु की मौत हो गई। इस घटना के बाद शिशु के परिजनों ने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। गुस्साए परिजनों ने तमकुही-समउर रोड को लगभग 20 मिनट तक जाम कर दिया और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर तमकुहीराज अमित शर्मा ने परिजनों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। इस घटना को लेकर अस्पताल के आसपास करीब दो घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
घटना का विवरण
तमकुहीराज थाना क्षेत्र के अंतर्गत दुबहा गांव के रहने वाले ग्यासुद्दीन सैफी ने अपनी पत्नी शबाना खातून को प्रसव पीड़ा होने पर चार दिन पहले कस्बे के समउर रोड स्थित अनामिका अस्पताल में भर्ती कराया था। शबाना ने अस्पताल में एक बेटे को जन्म दिया। पीड़ित परिजनों के अनुसार, प्रसव के बाद अस्पताल संचालक ने उन्हें बताया कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं, लेकिन बच्चे को डॉक्टर की देखरेख में दो-तीन दिन तक अस्पताल में रखना होगा। पहले तीन दिनों तक बच्चा सामान्य स्थिति में था, लेकिन चौथे दिन यानी गुरुवार की सुबह अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि बच्चे की हालत गंभीर हो गई है।
परिजनों को बताया गया कि अब बच्चे को तुरंत रवींद्रनगर मेडिकल कॉलेज या गोरखपुर ले जाना होगा। जब परिजन नवजात को मेडिकल कॉलेज ले जाने की तैयारी कर रहे थे, तो अस्पताल संचालक ने उन्हें एंबुलेंस के लिए पैसे जमा करने को कहा। साथ ही यह भी बताया कि वे बच्चे का इलाज गोरखपुर में करवा देंगे। जल्दबाजी में अस्पताल संचालक ने एंबुलेंस बुलवाई और अपने कर्मचारी के साथ नवजात को गोरखपुर भेज दिया।
अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
गोरखपुर के रास्ते में एंबुलेंस में सवार अस्पताल के कर्मचारी ने पीड़ित परिवार को नवजात को छूने या पकड़ने से मना कर दिया। जब एंबुलेंस गोरखपुर पहुंची और डॉक्टरों ने बच्चे की जांच की, तो पता चला कि नवजात की काफी पहले ही मृत्यु हो चुकी थी। गोरखपुर के डॉक्टरों ने परिवार को वापस लौटा दिया।
गोरखपुर से लौटने के बाद परिजनों ने अस्पताल के सामने तमकुही-समउर रोड पर जाम लगा दिया और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। परिजनों के हंगामे को देखकर मौके पर भीड़ जमा हो गई। जब इस सड़क जाम की सूचना पुलिस को मिली, तो पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन देकर उन्हें शांत किया।
घटनाक्रम का समयानुसार विवरण
- 3:10 बजे: निजी अस्पताल से जानकारी लेने के बाद चौकी इंचार्ज तमकुहीराज संदीप सिंह घटनास्थल से निकले।
- 3:37 बजे: अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेजा जाने लगा।
- 3:39 बजे: परिजनों ने अस्पताल संचालक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
- 3:51 बजे: पीड़ित पिता नवजात के शव के साथ गोरखपुर से अस्पताल पहुंचे।
- 3:57 बजे: परिजनों ने तमकुही-समउर रोड पर धरना देना शुरू कर दिया।
- 4:02 बजे: इंस्पेक्टर तमकुहीराज अमित शर्मा मौके पर पहुंचे।
पुलिस की कार्रवाई
इंस्पेक्टर तमकुहीराज अमित शर्मा ने बताया कि घटना की शिकायत प्राप्त हो चुकी है और मामले की जांच की जा रही है। पुलिस ने परिजनों को आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ नर्स ने बच्चे के इलाज में लापरवाही बरती, जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
निजी अस्पतालों की व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने सही समय पर बच्चे की गंभीर स्थिति के बारे में जानकारी नहीं दी और बिना उचित इलाज के गोरखपुर रेफर कर दिया। साथ ही, अस्पताल ने एंबुलेंस के लिए भी अतिरिक्त पैसा वसूला, जबकि बच्चे की हालत पहले से ही नाजुक थी।