मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में हथकरघा और वस्त्र उद्योग में निजी निवेश बढ़ने को देखते हुए विभिन्न जिलों में वस्त्र और परिधान पार्क स्थापित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पारंपरिक हथकरघा और वस्त्र उत्पादों की समृद्ध विरासत वाला राज्य है और अगर इसकी क्षमता का सही इस्तेमाल किया जाए तो प्रदेश को राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नई पहचान मिल सकती है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वैश्विक वस्त्र और परिधान बाजार 2030 तक लगभग 2.3 ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा और भारत इस क्षेत्र में सालाना 8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सबसे तेजी से बढ़ते देशों में शामिल है। ऐसे में उत्तर प्रदेश की भागीदारी निर्णायक साबित हो सकती है। प्रस्तावित योजना को महान संत कबीर के नाम पर समर्पित किया जाएगा। संत कबीर ने अपने जीवन में श्रम, सादगी और आत्मनिर्भरता को महत्व दिया। मुख्यमंत्री का कहना है कि इस योजना से निवेश, उत्पादन और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और परंपरा और आधुनिकता का संतुलन भी स्थापित होगा।
बैठक में बताया गया कि उत्तर प्रदेश वर्तमान में देश के शीर्ष वस्त्र और परिधान निर्यातक राज्यों में शामिल है। वित्त वर्ष 2023-24 में प्रदेश से लगभग 3.5 अरब डॉलर का निर्यात हुआ, जो देश के कुल निर्यात का लगभग 9.6 प्रतिशत है। प्रदेश की जीडीपी में इस क्षेत्र का योगदान 1.5 प्रतिशत है और लगभग 22 लाख लोग इससे प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। वाराणसी, मऊ, भदोही, मिर्जापुर, सीतापुर, बाराबंकी, गोरखपुर और मेरठ जैसे पारंपरिक क्लस्टरों ने उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय वस्त्र मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।
अब तक 659 निवेश प्रस्ताव निवेश सारथी पोर्टल पर प्राप्त हुए हैं, जिनके लिए लगभग 1,642 एकड़ भूमि की जरूरत है। कुल निवेश मूल्य 15,431 करोड़ रुपये अनुमानित है और इसके चलते लगभग 1,01,768 रोजगार अवसर सृजित होने की संभावना है। प्रत्येक पार्क कम से कम 50 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा। इनमें प्रसंस्करण उद्योगों के लिए कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट अनिवार्य होगा। इसके अलावा बटन, ज़िपर, लेबल, पैकेजिंग और वेयरहाउस जैसी सहायक इकाइयों का विकास भी सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निवेश प्रस्तावों को जल्दी क्रियान्वित किया जाए और भूमि की पहचान और विकास कार्य को तेज़ किया जाए। योजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल या नोडल एजेंसी के माध्यम से लागू की जाएगी ताकि निवेशकों को समयबद्ध सुविधाएं मिल सकें। सरकार पार्कों तक सड़क, बिजली और जलापूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाएं प्राथमिकता पर उपलब्ध कराएगी। युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार सृजन इस योजना का मुख्य उद्देश्य होगा।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पॉवरलूम बुनकरों के साथ संवाद स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बुनकर परिश्रम और परंपरा के प्रतीक हैं और उनके हाथों से बना कपड़ा पूरे विश्व में पहचान रखता है। सरकार बुनकरों को सस्ती बिजली दे रही है और उनकी उम्मीदों को जानने के लिए संवाद बनाना आवश्यक है। साथ ही, पॉवरलूम को सौर ऊर्जा से जोड़ने की भी कार्रवाई की जाएगी।