Gorakhpur में आज का न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जबकि अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचने की संभावना है। पूरे दिन तापमान करीब 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास बने रहने का अनुमान है। हवा की गति लगभग 1.79 किमी/घंटा रहेगी और इसके साथ ही 346 डिग्री की दिशा में 1.85 की रफ्तार से चलने का अनुमान है। सुबह लगभग 6:06 बजे सूरज उदय होगा और शाम को 5:13 बजे सूर्यास्त होने की संभावना है।
साप्ताहिक तापमान का पूर्वानुमान
इस सप्ताह गोरखपुर में तापमान स्थिर रहने की संभावना है। शनिवार से लेकर अगले शुक्रवार तक तापमान 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। ठंड के मौसम की शुरुआत होते हुए भी, गोरखपुर में दिन के समय तापमान सामान्य स्तर पर रहने की संभावना है, जो कि शहर में धीरे-धीरे ठंड का संकेत देता है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI): मध्यम श्रेणी में
गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पास का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) आज PM10 के लिए 107 दर्ज किया गया है। यह स्तर ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है। PM10 का 0-50 तक का AQI स्तर ‘अच्छा’ माना जाता है, 50-100 ‘संतोषजनक’, 100-200 ‘मध्यम’, 200-300 ‘खराब’, 300-400 ‘बहुत खराब’, और 400-500 ‘गंभीर’ माना जाता है।
वायु गुणवत्ता का विश्लेषण और सावधानियाँ
वर्तमान AQI स्तर (107) को देखते हुए, वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में आती है, जिसका मतलब है कि संवेदनशील लोगों जैसे कि बुजुर्ग, बच्चे और जिनमें पहले से श्वास संबंधी समस्याएँ हैं, उन्हें थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। यह AQI स्तर सांस लेने में थोड़ी दिक्कत पैदा कर सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो लंबे समय तक बाहर रहते हैं या जिन्हें फेफड़ों संबंधी समस्याएँ हैं। डॉक्टरों द्वारा सुझाया गया है कि ऐसे लोग जहाँ तक संभव हो, प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का उपयोग करें और बाहर के कार्यों में सावधानी बरतें।
वायु प्रदूषण के स्रोत
गोरखपुर जैसे शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण के मुख्य स्रोतों में वाहनों से निकलने वाला धुआँ, औद्योगिक उत्सर्जन, और कचरा जलाने जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं। इसके अलावा, सर्दियों के मौसम में धूल और अन्य प्रदूषणकारी कणों का स्तर बढ़ जाता है, जिससे वायु गुणवत्ता प्रभावित होती है। प्रशासन ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे कम से कम प्रदूषणकारी साधनों का उपयोग करें और शहर को स्वच्छ रखने में योगदान दें।
मौसम और वायु गुणवत्ता का स्वास्थ्य पर प्रभाव
मध्यम श्रेणी का AQI स्तर सामान्य व्यक्तियों के लिए कम जोखिम भरा है, लेकिन दीर्घकालिक प्रभाव के चलते यह फेफड़ों और श्वसन प्रणाली पर असर डाल सकता है। ठंड के मौसम में प्रदूषक कण अधिक देर तक हवा में बने रहते हैं, जिससे एयर क्वालिटी और भी खराब हो सकती है। इस स्थिति में बुजुर्ग, बच्चे और अस्थमा व श्वसन रोगों से पीड़ित लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदम
वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन विभिन्न स्तरों पर कदम उठा रहा है। प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक का संचालन सुगम करने के लिए सिग्नल टाइमिंग में बदलाव किया जा रहा है और धूल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए सड़क किनारे पानी का छिड़काव किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, वायु प्रदूषण को कम करने के लिए प्रशासन द्वारा खुले में कचरा जलाने पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं।
नागरिकों के लिए सुझाव
वायु गुणवत्ता के मध्यम स्तर को देखते हुए, प्रशासन ने नागरिकों को सुझाव दिया है कि वे बाहर जाने से पहले AQI स्तर की जांच कर लें और, जहाँ तक संभव हो, प्रदूषण से बचाव के लिए मास्क पहनें। इसके अलावा, धूल और प्रदूषण से बचने के लिए सुबह जल्दी या शाम को बाहर निकलने से बचें। प्रदूषण को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन का अधिकतम उपयोग करें और वाहनों को नियमित रूप से प्रदूषण परीक्षण कराएँ।
गोरखपुर में आज का मौसम और वायु गुणवत्ता का स्तर शहरवासियों के लिए एक सतर्कता का संकेत है। साप्ताहिक तापमान के सामान्य रहने की उम्मीद के बीच, वायु गुणवत्ता के मध्यम स्तर पर होने से यह ज़रूरी हो जाता है कि लोग अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और प्रदूषण से बचने के उपाय अपनाएँ। प्रशासन और नागरिकों के सामूहिक प्रयास से ही शहर को स्वच्छ और स्वास्थ्यप्रद वातावरण में तब्दील किया जा सकता है।