Wayanad Lok Sabha bypoll: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र भरा। प्रियंका मंगलवार रात अपनी मां और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ यहां पहुंचीं। इस मौके पर पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी उनके साथ थे। प्रियंका ने नामांकन भरने से पहले जनसभा को संबोधित किया और कहा कि वह यहां अपने लिए समर्थन मांगने आई हैं।
‘यह मेरा नया आरंभ’
प्रियंका गांधी वाड्रा ने जनसभा में कहा, “मैं 35 साल बाद पहली बार अपने लिए समर्थन मांगने आई हूं। मुझे एक मौका दीजिए, यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं आपको पहचान दिला सकूं। आप सभी ने आपदा के समय मुझे बहुत समर्थन दिया है। मैं आपके परिवार का सदस्य बनना चाहती हूं। मेरे भाई ने 8 हजार किलोमीटर पैदल यात्रा की है। यह हमारे मूल्य हैं। आप मुझे बताइए आपकी समस्या क्या है। मैं आपके घर आकर आपकी समस्या जानूंगी। यह मेरा नया आरंभ है और आप मेरे मार्गदर्शक हैं। यह एक बहुत अलग अनुभव है। मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी के प्रति आभारी हूं कि उन्होंने मुझे वायनाड से उम्मीदवार बनने का विशेषाधिकार दिया।”
रोड शो में उमड़ा जनसैलाब
प्रियंका गांधी ने नामांकन पत्र भरने से पहले कालपेट्टा में एक रोड शो का आयोजन किया, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए, जिनमें संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूडीएफ) के नेता और कार्यकर्ता भी थे। इस उपचुनाव के माध्यम से प्रियंका गांधी पहली बार चुनावी राजनीति में कदम रख रही हैं। प्रियंका ने मंगलवार रात अपनी मां और सोनिया गांधी के साथ वायनाड पहुंचकर रोड शो की अगुवाई की।
रोड शो के दौरान प्रियंका के साथ उनके पति रॉबर्ट वाड्रा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और आईयूएमएल के नेता भी थे। यूडीएफ के कार्यकर्ता और समर्थक, जो सुबह से इंतज़ार कर रहे थे, ने प्रियंका और राहुल गांधी के चित्र, पार्टी के रंगों में गुब्बारे और ढोल बजाकर उनका स्वागत किया।
भाजपा की नव्या हरिदास भी चुनावी मैदान में
प्रियंका गांधी का मुकाबला वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) के सत्या मोकेरी और भाजपा की नव्या हरिदास से है। लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से जीत हासिल की थी, जिसके बाद राहुल ने वायनाड सीट छोड़ दी थी। इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है।
प्रियंका गांधी का चुनावी सफर
प्रियंका गांधी का यह चुनावी सफर उनके लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनकी राजनीतिक यात्रा का एक नया अध्याय है। उनकी पर्पल साड़ी ने इस मौके पर एक विशेष आकर्षण जोड़ा। यह न केवल एक फैशन स्टेटमेंट था, बल्कि इसने उनके व्यक्तित्व को भी उजागर किया, जो चुनावी राजनीति में एक नए सिरे से प्रवेश कर रही हैं।
प्रियंका का यह कदम दर्शाता है कि वह अपनी पार्टी और परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। उनका यह बयान कि वह वायनाड की जनता की समस्याओं को जानने के लिए उनके घर तक जाएंगी, दर्शाता है कि वह एक सक्रिय नेता के रूप में उभरना चाहती हैं।
प्रियंका गांधी वाड्रा का नामांकन भरना एक महत्वपूर्ण घटना है, जो न केवल उनकी राजनीतिक यात्रा को नया मोड़ देगा, बल्कि वायनाड के लोगों के साथ उनकी व्यक्तिगत जुड़ाव को भी दर्शाएगा। इस उपचुनाव में उनकी जीत पार्टी के लिए एक बड़ी सफलता साबित हो सकती है। इस प्रकार, प्रियंका गांधी का यह चुनावी सफर भारतीय राजनीति में एक नई दिशा प्रदान कर सकता है और यह देखना दिलचस्प होगा कि वायनाड की जनता उनका समर्थन करती है या नहीं।