Vishal murder case: विशाल हत्याकांड में तीन वांछित आरोपियों को पुलिस की रणनीति ने फंसाने में सफलता प्राप्त की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुलिस अब इन अपराधियों के बहुत करीब पहुंच चुकी है। इस मामले के चार आरोपियों में से एक रजा खान को पहले ही मुठभेड़ में गिरफ्तार किया जा चुका है। यह मुठभेड़ भगदा नाले के पास हुई थी, जिसमें रजा खान को पैर में गोली लगी थी।
दूसरी ओर, तीन अन्य आरोपी फईज अली, राहुल अली और विनोद जयस्वाल फरार हैं। इन आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने विशेष टीमों को तैनात किया है। पुलिस के 12 दल 24 घंटे इन अपराधियों की तलाश में जुटे हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पिछले सात दिनों से नेपाल सीमा और आसपास के जिलों में इन फरार आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
पुलिस की रणनीति ने आरोपियों को फंसाया
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने अपनी रणनीति के तहत आरोपियों को फंसा लिया है और अब इनकी ठीक-ठाक लोकेशन मिल चुकी है। अब इन तीनों आरोपियों की पुलिस से आंखमिचौली का खेल खत्म होने वाला है। पुलिस इनकी गिरफ्तारी के करीब पहुंच चुकी है और इन्हें जल्दी ही पकड़ लिया जाएगा। जबकि विपक्ष आरोपियों की गिरफ्तारी में हो रही देरी को लेकर पुलिस और सरकार पर हमला बोल रहा है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार और पुलिस के बीच समन्वय की कमी के कारण हत्यारों की गिरफ्तारी में देरी हो रही है।
विपक्ष का आरोप, कानून-व्यवस्था पर सवाल
विशाल हत्याकांड को लेकर विपक्ष ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। शनिवार को पूर्व एसपी विधायक राधेश्याम सिंह होली बलिया पहुंचे और उन्होंने विशाल के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “देवरिया में युवाओं की हत्या का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे एक महीने में चार युवाओं की हत्या पर प्रतिक्रिया दें।” उन्होंने इस मामले में राज्य सरकार से पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की मांग भी की।
राधेश्याम सिंह होली ने कहा, “देवरिया में कानून-व्यवस्था की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि आम जनता में असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। पुलिस अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठा रही है, जिससे अपराधी बेलगाम हो गए हैं।”
धनंजय सिंह का देवरिया दौरा, परिवार से मिलने का ऐलान
इसी बीच, पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह ने भी इस मामले पर अपनी चिंता जताई है। धनंजय सिंह ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए कहा कि वे बहुत जल्दी देवरिया आएंगे और पीड़ित परिवार से मुलाकात करेंगे। धनंजय सिंह ने अपने पोस्ट में लिखा, “मैं देवरिया आ रहा हूं, और विशाल के परिवार से मिलकर इस हत्याकांड के खिलाफ आवाज उठाऊंगा।” उनके इस बयान से यह साफ होता है कि उन्हें इस घटना ने गहरे तक प्रभावित किया है और वे इसके खिलाफ सक्रिय रूप से आवाज उठाने के लिए तैयार हैं।
धनंजय सिंह का यह बयान राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनका यह कदम उनके समर्थकों को जोड़ने का एक प्रयास हो सकता है। उनके देवरिया जाने से इस मामले में राजनीतिक समर्थन भी मिल सकता है, जो कि पुलिस और प्रशासन के लिए एक चुनौती हो सकती है।
पुलिस की तैयारी और गिरफ्तारी की प्रक्रिया
पुलिस अब पूरी तरह से इस हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने के लिए तत्पर है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने खुद इस मामले की निगरानी शुरू कर दी है और जांच में कोई कसर नहीं छोड़ने का निर्देश दिया है। पुलिस ने विभिन्न रणनीतियों को अपनाते हुए आरोपियों के ठिकाने का पता लगाया है और जल्द ही इनकी गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
साथ ही, पुलिस ने सीमा क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात किया है, ताकि फरार आरोपियों को पकड़ने में कोई रुकावट न हो। पुलिस का मानना है कि आरोपियों के पास किसी भी समय भागने का मौका नहीं होगा और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की चुनौती
देवरिया जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति और बढ़ते अपराधों ने प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती पैदा कर दी है। लगातार हो रही हत्याओं और अपराधों के कारण आम जनता में असुरक्षा का माहौल बन गया है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार और पुलिस पर लगातार हमलावर हो रहा है।
अपराधियों की गिरफ्तारी में हो रही देरी को लेकर पुलिस और सरकार के खिलाफ बढ़ते दबाव के कारण प्रशासन ने अब अपनी तैयारियों को और भी मजबूत कर दिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द ही आरोपियों को पकड़ने में सफल होंगे और इस मामले को सुलझा लेंगे।
विशाल हत्याकांड ने देवरिया जिले के लोगों को गहरे झकझोर दिया है और अब पूरे मामले में पुलिस और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। विपक्ष के आरोपों के बावजूद, पुलिस अब अपनी रणनीति में सुधार कर रही है और फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए प्रयासरत है। इस बीच, राधेश्याम सिंह होली और धनंजय सिंह जैसे नेता भी इस मुद्दे पर सक्रिय हो गए हैं, जिससे यह मामला और भी राजनीतिक रूप से गर्म हो सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस इन आरोपियों को जल्दी पकड़ पाती है या नहीं और इस हत्याकांड के बाद देवरिया की राजनीति में क्या बदलाव आता है।