Uttar Pradesh के वॉलीबॉल खिलाड़ियों ने 68वीं राष्ट्रीय स्कूल वॉलीबॉल प्रतियोगिता में जबरदस्त प्रदर्शन किया और सिल्वर मेडल जीता। इस ऐतिहासिक उपलब्धि में गोरखपुर मंडल के खिलाड़ियों ने भी अपनी भूमिका निभाई, जो अब राज्य के युवा वॉलीबॉल खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं।
उत्तर प्रदेश टीम का शानदार प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश की अंडर 17 लड़कों की वॉलीबॉल टीम ने इस प्रतियोगिता में छह मैचों में जीत हासिल की और कुल सात में से छह मुकाबले जीतकर सिल्वर मेडल पर कब्जा किया। इस टीम को प्रशिक्षित करने वाले बलिया के निवासी कोच नीराज राय की मेहनत और मार्गदर्शन ने खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया।
पिछले वर्ष की राष्ट्रीय चैंपियन उत्तर प्रदेश टीम इस बार फाइनल में उपविजेता रही। फाइनल मुकाबले में उत्तर प्रदेश टीम को कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि टीम के प्रमुख आक्रमणकर्मी अभिषेक यादव और केंद्र ब्लॉकर मोहम्मद अनस चोटिल हो गए थे। बावजूद इसके, उत्तर प्रदेश टीम ने शानदार खेल दिखाया और सभी का दिल जीत लिया। गोरखपुर के उत्कर्ष श्रीवास्तव, देवरिया के अनुराग सिंह और मोहम्मद आसिफ खान ने भी इस जीत में अपनी अहम भूमिका निभाई और अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।
पिछले वर्ष का राष्ट्रीय चैंपियन पद और प्रतियोगिता की जानकारी
67वीं राष्ट्रीय स्कूल वॉलीबॉल प्रतियोगिता जो श्रीनगर में आयोजित की गई थी, उसमें उत्तर प्रदेश वॉलीबॉल टीम ने राष्ट्रीय चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया था। उस टीम का नेतृत्व भी नीराज राय ने किया था। कोच नीराज राय के अनुसार, उनकी सफलता का श्रेय उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग, राज्य स्कूल खेल संस्थान और उनके सहयोगियों को जाता है, जिन्होंने टीम की मेहनत और परिश्रम में साथ दिया।
इस बार, उत्तर प्रदेश टीम ने पंजाब को 3-1 से हराया और सेमीफाइनल में जगह बनाई। क्वार्टरफाइनल में उत्तर प्रदेश ने उत्तराखंड को 3-1 से हराया और प्री-क्वार्टरफाइनल में तमिलनाडु को भी 3-1 से हराकर सिल्वर मेडल तक पहुंचने का सफर तय किया।
कोच नीराज राय का बयान
टीम के कोच नीराज राय ने इस सफलता का श्रेय टीम के कठिन परिश्रम और उनके द्वारा आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को दिया। उन्होंने कहा कि Bareilly में आयोजित प्रशिक्षण शिविर ने टीम को नई ऊर्जा दी। सभी खिलाड़ियों ने इस शिविर में लगातार मेहनत की और इसने टीम की आत्मविश्वास को और भी मजबूत किया।
गोरखपुर मंडल के खिलाड़ियों का योगदान
गोरखपुर मंडल के वॉलीबॉल खिलाड़ियों ने भी इस टीम की सफलता में अहम योगदान दिया है। गोरखपुर के उत्कर्ष श्रीवास्तव ने अपनी आक्रमणक क्षमता और खेल के प्रति समर्पण से सभी को प्रभावित किया। इसके साथ ही देवरिया के अनुराग सिंह और मोहम्मद आसिफ खान भी टीम का हिस्सा बने और अपने खेल से इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में अपनी पहचान बनाई।
गोरखपुर और देवरिया के इन खिलाड़ियों का चयन टीम में विशेष रूप से हुआ था, क्योंकि इनकी कड़ी मेहनत और खेल के प्रति समर्पण को देखकर उन्हें इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिला। इन खिलाड़ियों ने भी अपनी टीम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने शहर का नाम रोशन किया।
राजनीतिक और समाजिक क्षेत्र से शुभकामनाएं
उत्तर प्रदेश की वॉलीबॉल टीम की इस शानदार सफलता पर विभिन्न नेताओं और समाजिक कार्यकर्ताओं ने टीम को बधाई दी। देवरिया सदर के विधायक डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी, भारतीय जनता पार्टी के राज्य कार्यकारिणी सदस्य राहुल श्रीवास्तव, बलिया जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह, उत्तर प्रदेश वॉलीबॉल संघ के महासचिव सुनील कुमार तिवारी, उपाध्यक्ष बीएन मिश्रा, संयुक्त सचिव प्रभात कुमार राय, आनंद शर्मा, रविंद्र सिंह, बलिया वॉलीबॉल संघ के अध्यक्ष अजीत राय, अध्यक्ष डॉ. कुँवर अरुण सिंह और खेल अधिकारी जवाहर लाल यादव समेत कई अन्य प्रमुख व्यक्तित्वों ने कोच नीराज राय और पूरी टीम को इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतने के लिए बधाई दी।
टीम चयन और प्रशिक्षण शिविर की प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश वॉलीबॉल टीम का चयन देवरिया जिले में आयोजित trials के दौरान किया गया था। इस प्रक्रिया में देवरिया जिले के खिलाड़ियों का चयन भी किया गया था, जो टीम के अहम सदस्य बने। टीम का गठन और प्रशिक्षण शिविर का आयोजन राज्य शिक्षा विभाग के आदेश पर किया गया था, जिसमें खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रशिक्षित किया गया था।
उत्तर प्रदेश वॉलीबॉल टीम ने 68वीं राष्ट्रीय स्कूल वॉलीबॉल प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतकर राज्य का नाम रोशन किया। इस सफलता का श्रेय कोच नीराज राय और खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत को जाता है। गोरखपुर और देवरिया के खिलाड़ियों ने भी टीम की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। राज्य के नेताओं और समाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा बधाई दी गई और यह सफलता आने वाले समय में अन्य युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।