Uttar Pradesh by -election 2024: 2024 के लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी (SP) के साथ मिलकर मिले अप्रत्याशित परिणामों के बाद, कांग्रेस अब विधानसभा उप चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हालांकि, उप चुनावों में कांग्रेस की दावेदारी कम रहने की संभावना है, फिर भी पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों से पहले अपनी सक्रियता बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
कांग्रेस का लक्ष्य: बीजेपी को हराना
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी का मुख्य लक्ष्य बीजेपी को हराना है। उप चुनावों की घोषणा के बाद, कांग्रेस सभी नौ सीटों पर अपने प्रभारी और पर्यवेक्षकों को सक्रिय करेगी। समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के कारण, कांग्रेस को खैर और गाज़ियाबाद की दो सीटों पर जीतने की संभावना है।
संविधान बचाओ सम्मेलन का आयोजन
कांग्रेस ने उप चुनावों के साथ सभी दस सीटों पर संविधान बचाओ सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की है। कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष की अध्यक्षता में सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिससे पार्टी के भीतर अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़े वर्गों के बीच प्रभावी ढंग से काम किया जा सके।
कांग्रेस ने एक ‘वॉर रूम’ भी स्थापित किया है और उप चुनावों की सीटों पर अपने वरिष्ठ नेताओं को प्रभारी और पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। इस वॉर रूम के माध्यम से स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ इन सीटों की जातीय समीकरणों की जानकारी इकट्ठा की जा रही है।
संगठन को मजबूत करने की कोशिशें
कांग्रेस ने बीजेपी और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के साथ अपने पांच सीटों का दावा किया है। हालांकि, अब उसके हिस्से में केवल खैर और गाज़ियाबाद की दो सीटें नजर आ रही हैं। मिल्कीपुर सीट पर अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है। वहीं, कुंडर्की और मीरापुर SP इसे अपने पास रखना चाहती है। ऐसे में, कांग्रेस अपनी संगठनात्मक मजबूती को हर सीट पर बढ़ाने का प्रयास करेगी, जो आगे चलकर उसे लाभ पहुंचा सकता है।
सीट शेयरिंग पर जल्द होगा फैसला
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि कांग्रेस राज्य में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी सक्रियता को लगातार बढ़ा रही है। केंद्रीय नेतृत्व जल्द ही उप चुनावों में सीट शेयरिंग के संबंध में निर्णय लेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि इस पर दो-तीन दिनों में पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
बसपा का अकेले चुनावी मैदान में उतरना
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों के उप चुनावों में बहुजन समाज पार्टी (BSP) अपने उम्मीदवार उतारेगी और पूरी तैयारी के साथ अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी। पिछले लोकसभा चुनाव में भी बसपा ने किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया था। NDA और INDIA से दूर रहते हुए, बसपा ने चुनावी मैदान में प्रवेश किया, लेकिन एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली।
हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनावों में, मायावती ने निश्चित रूप से INLD के साथ गठबंधन किया था, लेकिन एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हो पाईं। ऐसी स्थिति में, बसपा प्रमुख ने भविष्य में किसी राज्य की क्षेत्रीय पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन न करने का निर्णय लिया है।