UP News: बहराइच में मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान हुई हिंसा के बाद, इस बार दीपावली पर मिश्रित जनसंख्या वाले क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था एक चुनौती बन गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बाद, सभी संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार एक नई कार्रवाई योजना बनाकर पुलिस बल की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं।
DGP का दिशा-निर्देश
DGP प्रशांत कुमार ने न केवल इंटरनेट मीडिया की निरंतर निगरानी करने के लिए कहा है, बल्कि शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है। DGP मुख्यालय पर स्थित सोशल मीडिया सेल के विभिन्न पूर्व-चिह्नित खातों पर भी नजर रख रहे हैं। शरारती तत्वों के खिलाफ विभिन्न जिलों में की जा रही रोकथाम कार्रवाई के विवरण भी मांगे गए हैं। इससे पहले की घटनाओं में शामिल आरोपियों पर भी नज़र रखी जा रही है।
शांति समिति और पैदल गश्त
सभी जिलों में धार्मिक नेताओं के साथ संवाद स्थापित कर शांति समितियों को भी सक्रिय किया गया है। विशेष रूप से मिश्रित जनसंख्या वाले क्षेत्रों में बाजारों के चारों ओर पैदल गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। DGP ने वरिष्ठ अधिकारियों को जिला स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था की निरंतर समीक्षा करने का भी निर्देश दिया है।
सुरक्षा बलों की तैनाती
सुरक्षा के लिए लगभग 150 PAC कंपनियों को संवेदनशील स्थानों पर अलर्ट रहने के लिए तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही, जोन और रेंज स्तर पर संवेदनशील जिलों में रिजर्व पुलिस बल भेजा जा रहा है। पटाखा बाजार की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं।
महाराजगंज हिंसा का मामला
महाराजगंज हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। बहराइच के जिला प्रशासन ने अब इस मामले में कठोर कदम उठाए हैं। जिला प्रशासन ने हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के पास रखे गए लाइसेंसी हथियार का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस स्टेशन और तहसील से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
हिंसा 13 सितंबर को महाराजगंज में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई थी, जिसमें रामगोपाल नामक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। रामगोपल की तेरहवीं शनिवार को भी कड़ी सुरक्षा के बीच पूरी की गई। राम गोपाल को लाइसेंसधारी बंदूक से गोली मारी गई थी। इस मामले में हार्दी थाने में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित छह नामजद और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। चार से छह लोगों को जेल भेज दिया गया है।
लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया
जिला प्रशासन ने अब लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की है। जिला मजिस्ट्रेट मोनिका रानी के निर्देश पर, शहर मजिस्ट्रेट ने यह प्रक्रिया शुरू की है। जिला प्रशासन के अनुसार, आरोपी के पास एक SBBL (एकल बैरल) गन है, जिसका लाइसेंस जल्द ही रद्द किया जाएगा।
लाइसेंस 1995 में जारी किया गया था। लाइसेंस जारी होने के बाद, इसका नवीनीकरण तहसील से किया गया था। अब पुलिस स्टेशन और तहसील से रिपोर्ट आने के बाद इसे रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
शहर मजिस्ट्रेट, शालिनी प्रभाकर ने कहा, “जिला मजिस्ट्रेट ने इसे रद्द करने के लिए निर्देश दिए हैं। पत्र भेजा गया है। रिपोर्ट पुलिस स्टेशन और तहसील से आएगी। उसके बाद रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।”
सुरक्षा के प्रति सरकार की तत्परता
दीपावली जैसे बड़े पर्व के मौके पर सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती बेहद आवश्यक है। ऐसे अवसरों पर धार्मिक भावनाएं भड़क सकती हैं, इसलिए सरकार द्वारा दिए गए निर्देश और सुरक्षा बलों की तैनाती महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी समुदायों के लोग शांति और भाईचारे के साथ इस पर्व को मना सकें।
सुरक्षा की दृष्टि से यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी लोग अपने-अपने घरों में सुरक्षित महसूस करें। मिश्रित जनसंख्या क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती और पुलिस की सख्त निगरानी से यह संभव होगा कि कोई भी अप्रिय घटना न घटे।
इस प्रकार, दीपावली के अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार की ओर से उठाए गए कदम न केवल वर्तमान स्थिति की मांग हैं, बल्कि भविष्य में भी ऐसी घटनाओं को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास हैं। यह जिम्मेदारी न केवल पुलिस प्रशासन की है, बल्कि समाज के हर तबके की है कि वे एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील रहें और मिल-जुलकर त्योहारों का आनंद लें।
हमें यह भी समझना होगा कि एक समाज के रूप में हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम एक-दूसरे के साथ सहिष्णुता और प्यार से पेश आएं। केवल कानून और व्यवस्था की दृष्टि से नहीं, बल्कि एक बेहतर समाज के निर्माण की दिशा में भी यह कदम आवश्यक हैं।