UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए बयान ‘अगर हम विभाजित हुए, तो काटे जाएंगे’ पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शाहबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने कहा कि इस बयान को एक व्यापक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। यह बयान सीएम योगी ने तब दिया जब बांग्लादेश में छात्रों का आंदोलन चल रहा था और वहां के आंदोलनों ने सरकार को topple कर दिया था।
सीएम का संदेश
मौलाना ने कहा कि योगी आदित्यनाथ का इरादा यह है कि भारत में रहने वाले सभी नागरिक, चाहे वे हिंदू हों, मुस्लिम, सिख या ईसाई, सभी को एक साथ रहना चाहिए। उन्हें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और विभाजित नहीं होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हम विभाजित होते हैं, तो यह देश के लिए हानिकारक होगा। जैसे बांग्लादेश में, अराजक तत्व और कट्टरपंथी सोच वाले लोग देश को अस्थिर कर सकते हैं। इसलिए, देश में रहने वाले सभी धर्मों के लोगों को एकजुट रहना चाहिए।
सकारात्मक दृष्टिकोण से बयान लें
शाहबुद्दीन रिजवी ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान को सकारात्मक दृष्टिकोण से लेना चाहिए। इस बयान को इस तरह समझा जाना चाहिए कि 1857 से 1947 के स्वतंत्रता संग्राम में हिंदू और मुस्लिम shoulder to shoulder खड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता में किसी भी समुदाय का बलिदान कम नहीं आंका जाना चाहिए। यह देशवासियों की एकता और अखंडता का परिणाम है कि देश स्वतंत्र हुआ और सभी नागरिक स्वतंत्रता की सांस ले रहे हैं।
सभी धर्मों के लोगों को एकजुट रहना होगा
मौलाना ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री के बयान को इस संदर्भ में भी देखा जाना चाहिए कि यदि भारत के पड़ोसी देश भारत के खिलाफ साजिश करते हैं और अपनी ज़मीन को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए देते हैं, तो ऐसी स्थिति में देश में रहने वाले सभी नागरिकों की जिम्मेदारी बनती है कि सभी धर्मों के लोग देश के हित, एकता और अखंडता के लिए एकजुट हों।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह नारा भारतीयता का प्रतीक है। यह किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं है, बल्कि सभी भारतीयों के लिए है। मौलाना ने अपील की कि इस बयान को केवल हिंदुत्व के दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए।
एकता का महत्व
यह कहना महत्वपूर्ण है कि देश की एकता ही उसकी शक्ति है। विभिन्न धर्मों, जातियों और भाषाओं के लोग मिलकर इस देश को एक मजबूत पहचान देते हैं। मौलाना शाहबुद्दीन का यह बयान इस बात को रेखांकित करता है कि एकता में ही बल है। अगर हम एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सहिष्णुता रखते हैं, तो हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
इतिहास की याद दिलाना
मौलाना ने स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास की याद दिलाई, जब विभिन्न समुदायों ने मिलकर विदेशी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि अगर हम उस समय की एकता को याद करें और आज भी उसे बनाए रखें, तो कोई भी बाहरी ताकत हमारे देश को कमजोर नहीं कर सकती।
सुलह और सहिष्णुता की आवश्यकता
आज के समय में, जब देश विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहा है, यह आवश्यक है कि सभी समुदायों के लोग आपस में सुलह और सहिष्णुता के साथ रहें। मौलाना का यह बयान यह दर्शाता है कि आपसी मतभेदों को भुलाकर हमें एक सामान्य लक्ष्य की ओर बढ़ना होगा, जो कि देश की सुरक्षा और समृद्धि है।
मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह बयान केवल राजनीतिक संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे एक सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ में भी देखना चाहिए। यह बयान हमें यह याद दिलाता है कि हम सभी एक ही देश के नागरिक हैं और हमें एकजुट रहना चाहिए।