UP Bypoll: बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के नौ सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए आठ उम्मीदवारों की सूची जारी की। इन चुनावों के लिए BSP प्रमुख मायावती ने अपनी पार्टी की स्थिति को मजबूती से पेश किया है। पार्टी ने अमित वर्मा को अंबेडकर नगर के कटेहरी सीट से, जितेंद्र कुमार सिंह को प्रयागराज के फूलपुर सीट से, शाहनजर को मुजफ्फरनगर के मीरापुर सीट से, और वीरेंद्र कुमार शुक्ला को कानपुर नगर के सिसामऊ सीट से उम्मीदवार घोषित किया है।
इसी प्रकार, मैनपुरी के करहल सीट से डॉ. अवनीश कुमार शाक्य, मुरादाबाद के कुंदरकी सीट से रफतुल्लाह उर्फ नेता छिड़ा, गाजियाबाद से परमआनंद गरम और मिर्जापुर के मझवां सीट से दीपक तिवारी को उम्मीदवार बनाया गया है। एक सीट पर अब तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है।
नामांकन से पहले ही फाइल किया गया नामांकन
BSP उम्मीदवार अमित वर्मा ने अंबेडकर नगर के कटेहरी उपचुनाव के लिए मंगलवार को ही अपना नामांकन दाखिल कर दिया था। अमित वर्मा, जो 2012 में कांग्रेस के टिकट पर कटेहरी से चुनाव लड़ चुके थे, इस बार BSP से चुनाव लड़ रहे हैं। नामांकन दाखिल करने के बाद, अमित ने कहा कि उपचुनाव में BSP की जीत निश्चित है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी अपने उम्मीदवार की घोषणा करने में सक्षम नहीं है और समाजवादी पार्टी (सपा) में आंतरिक कलह चल रही है।
किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी BSP
हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद, BSP सुप्रीमो मायावती ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि पार्टी अब किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा था कि BSP सभी राज्यों और उपचुनावों में अकेले चुनाव लड़ेगी। मायावती ने यह भी कहा कि गठबंधन में BSP के वोट तो दूसरे दलों को ट्रांसफर हो जाते हैं, लेकिन अन्य पार्टियों के वोट BSP को नहीं मिलते। इसलिए, पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी ताकि BSP की राजनीतिक ताकत को और बढ़ाया जा सके।
उपचुनाव का महत्व और BSP की तैयारी
उत्तर प्रदेश के इन उपचुनावों में नौ सीटों पर मुकाबला होने वाला है, जिसमें BSP की रणनीति और उम्मीदवार चयन विशेष महत्व रखता है। BSP प्रमुख मायावती ने कई मौकों पर यह स्पष्ट किया है कि पार्टी की विचारधारा और रणनीति मजबूत रही है। इस बार पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के चयन में नए चेहरों को भी मौका दिया है ताकि पार्टी को नए सिरे से मजबूती प्रदान की जा सके।
उम्मीदवारों की सूची पर नजर
- अमित वर्मा (कटेहरी, अंबेडकर नगर): 2012 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके अमित इस बार BSP से मैदान में हैं। उनका मानना है कि बीजेपी और सपा के बीच मतभेदों का लाभ BSP को मिलेगा।
- जितेंद्र कुमार सिंह (फूलपुर, प्रयागराज): प्रयागराज की फूलपुर सीट से जितेंद्र कुमार सिंह को BSP ने टिकट दिया है। यह सीट काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि यह इलाका पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की लोकसभा सीट रही है।
- शाहनजर (मीरापुर, मुजफ्फरनगर): मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से शाहनजर को मैदान में उतारा गया है। यह क्षेत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से संवेदनशील माना जाता है और यहाँ पर BSP की मजबूत पकड़ रही है।
- वीरेंद्र कुमार शुक्ला (सिसामऊ, कानपुर नगर): कानपुर नगर की सिसामऊ सीट से वीरेंद्र कुमार शुक्ला को टिकट मिला है। शुक्ला क्षेत्रीय राजनीति में काफी सक्रिय रहे हैं और BSP के लिए एक मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं।
- डॉ. अवनीश कुमार शाक्य (करहल, मैनपुरी): करहल सीट पर मैनपुरी से डॉ. अवनीश कुमार शाक्य को नामांकित किया गया है। यह क्षेत्र सपा का गढ़ माना जाता है, लेकिन BSP ने इस बार इस सीट को जीतने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है।
- रफतुल्लाह उर्फ नेता छिड़ा (कुंदरकी, मुरादाबाद): मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से रफतुल्लाह को टिकट दिया गया है। रफतुल्लाह क्षेत्र में एक लोकप्रिय नेता रहे हैं और BSP को यहां से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।
- परमआनंद गरम (गाजियाबाद): गाजियाबाद सीट पर परमआनंद गरम को टिकट मिला है। यह सीट दिल्ली से सटी हुई है और यहां पर मुकाबला काफी कड़ा माना जा रहा है।
- दीपक तिवारी (मझवां, मिर्जापुर): मिर्जापुर की मझवां सीट से दीपक तिवारी को BSP ने उम्मीदवार बनाया है। यह क्षेत्र आदिवासी बहुल है और यहां पर BSP की अच्छी पकड़ रही है।
BSP की रणनीति और विपक्षियों की चुनौती
BSP इस बार यूपी उपचुनावों में आक्रामक रणनीति के साथ मैदान में उतरी है। मायावती ने अपने प्रत्याशियों को मजबूती से चुनाव लड़ने का निर्देश दिया है। विपक्षी दल बीजेपी और सपा के लिए यह उपचुनाव किसी चुनौती से कम नहीं होंगे, क्योंकि BSP के उम्मीदवार जमीनी स्तर पर मेहनत कर रहे हैं और मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ बना रहे हैं।
मायावती ने यह भी साफ कर दिया है कि किसी भी परिस्थिति में पार्टी गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि BSP का वोट ट्रांसफर दूसरे दलों को होता है, लेकिन अन्य दलों का वोट BSP को नहीं मिलता। इसलिए पार्टी अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
उपचुनाव की स्थिति और संभावनाएं
BSP ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर यह साबित कर दिया है कि पार्टी इन उपचुनावों में पूरी तैयारी के साथ उतरी है। मायावती की रणनीति स्पष्ट है कि पार्टी को जमीनी स्तर पर मज़बूत करना है। बीजेपी और सपा के बीच की खींचतान का फायदा BSP को मिल सकता है, और इस बार उपचुनाव में BSP की उम्मीदें और मजबूत होती दिख रही हैं।
उत्तर प्रदेश उपचुनाव में BSP के आठ उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। मायावती की स्पष्ट रणनीति और गठबंधन से इनकार करते हुए पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि वह इन उपचुनावों में पूरी ताकत से उतरेगी। BSP के उम्मीदवारों की यह सूची पार्टी की जमीनी पकड़ और चुनावी तैयारियों का संकेत देती है। अब देखना यह होगा कि उपचुनावों में BSP अपनी रणनीति को कितनी सफलतापूर्वक लागू कर पाती है।