UP by-election: उत्तर प्रदेश में चल रहे उपचुनावों के दौरान एक नया विवाद सामने आया है, जहां समाजवादी पार्टी (सपा) की उम्मीदवार नसीम सोलंकी के खिलाफ फतवा जारी किया गया है। यह फतवा मौलाना मुफ्ती शाहबुद्दीन रज़वी बरेलवी, जो आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, द्वारा जारी किया गया है। मौलाना ने नसीम सोलंकी को शरिया का अपराधी बताते हुए कहा कि उन्हें तौबा करनी चाहिए और फिर से कलमा पढ़ना चाहिए।
फतवे की वजह: शिव मंदिर में पूजा
मौलाना शाहबुद्दीन ने अपने फतवे में कहा कि “मूर्ति पूजा इस्लाम में निषिद्ध है”। उनका कहना है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से ऐसा करता है, तो उस पर सख्त नियम लागू होते हैं। यदि कोई महिला इस प्रकार की पूजा अनजाने में करती है, तो भी वह शरिया के अनुसार दोषी होती है और उसे तौबा करनी चाहिए। दरअसल, नसीम सोलंकी ने दीवाली के दिन शिव मंदिर में पूजा की थी, जिसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें उन्हें जलाभिषेक और दीप जलाते हुए देखा गया था।
उपचुनाव का संदर्भ
यह उपचुनाव तब हो रहा है जब नसीम सोलंकी के पति इरफान सोलंकी को पिछले चुनाव में जीतने के बाद एक मामले में सात साल की सजा सुनाई गई थी। इसके परिणामस्वरूप, उनके विधायक पद को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब सपा ने नसीम को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। नसीम सोलंकी ने मंदिर में पूजा करने के बारे में अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन मौलवी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार उन पर सवाल उठा रहे हैं।
यूपी के उपचुनाव की स्थिति
उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, जिसमें सिसamau विधानसभा सीट भी शामिल है। सिसamau सीट के उपचुनाव की तारीख 13 नवंबर तय की गई है, जबकि नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे। हाल ही में, सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट के जरिए संदेश दिया कि ‘इंडिया ब्लॉक’ एकजुट है और सभी गठबंधन उम्मीदवार समाजवादी पार्टी के प्रतीक पर चुनाव लड़ेंगे।
मुस्लिम समुदाय में फतवे का असर
मौलाना के फतवे ने सिसamau में चुनावी माहौल को गरमा दिया है। मुस्लिम समुदाय में इस तरह के फतवे का प्रभाव महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर जब चुनाव में धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया जा रहा हो। इस संदर्भ में, यह देखना दिलचस्प होगा कि नसीम सोलंकी का चुनावी अभियान किस दिशा में बढ़ता है और वे इस विवाद को कैसे संभालती हैं।
समाजवादी पार्टी की स्थिति
सपा ने अपने चुनावी अभियान में सभी मुद्दों को उठाने का प्रयास किया है। पार्टी का यह भी कहना है कि उनके उम्मीदवार नसीम सोलंकी की व्यक्तिगत पूजा अर्चना का उनके चुनावी कार्य से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि, भाजपा और अन्य राजनीतिक विरोधियों ने इसे एक बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की है।
उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में नसीम सोलंकी के खिलाफ जारी फतवा और उनकी शिव मंदिर में पूजा ने चुनावी राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। राजनीतिक दलों के बीच चल रही खींचतान के बीच यह फतवा न केवल सोलंकी के लिए, बल्कि समाजवादी पार्टी के लिए भी एक चुनौती बन गया है। आगामी चुनावों में इसके प्रभाव का आकलन करना दिलचस्प रहेगा।
इस मामले में, नसीम सोलंकी का चुनावी भविष्य और मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया, दोनों ही महत्वपूर्ण होंगे। इससे यह स्पष्ट होगा कि क्या वे इस विवाद को अपने चुनावी अभियान में रुकावट के रूप में देखते हैं या इसे एक अवसर के रूप में समझते हैं।