Student Protest: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा पीसीएस (Pre) और समीक्षा अधिकारी (RO) सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) परीक्षा को दो दिन में आयोजित करने के फैसले के खिलाफ छात्रों का विरोध तेज हो गया है। सोमवार सुबह से छात्रों ने यूपीपीएससी कार्यालय के गेट पर बैठकर प्रदर्शन किया, जो देर शाम तक जारी रहा। इस विरोध के दौरान मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने विरोध कर रहे छात्रों पर सवाल उठाए और इसे एक राजनीतिक ड्रामा करार दिया।
ओम प्रकाश राजभर का आरोप
मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने एक निजी चैनल से बात करते हुए इस विरोध को समाजवादी पार्टी (सपा) से जुड़ा हुआ बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस आंदोलन के पीछे सपा के लोग हैं और छात्रों द्वारा किया जा रहा प्रदर्शन सिर्फ ड्रामा है। उन्होंने कहा, “आप वीडियो देख सकते हैं जिसमें इलाहाबाद के प्रदर्शन में लोग लाल गमछा पहने हुए हैं। जो लोग यह विरोध कर रहे हैं, उनके पास पैसे इकट्ठा करने की क्षमता नहीं है। लेकिन जो आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है, उसे एक फॉर्च्यूनर कार मिल रही है और यह सभी चीजें कहां से आ रही हैं, यह सवाल है।” ओम प्रकाश राजभर ने यह भी कहा कि यह एक राजनीतिक साजिश है और छात्रों की भावनाओं के साथ खेला जा रहा है।
छात्रों का प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के फैसले के खिलाफ हजारों छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप था कि परीक्षा का यह तरीका असंवेदनशील है और इससे उनकी पढ़ाई और तैयारी पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। छात्रों ने यूपीपीएससी के गेट नंबर दो के पास एकजुट होकर प्रदर्शन किया और मोबाइल टॉर्च जलाकर अपनी आवाज उठाई। पुलिस ने छात्रों को गेट के पास आने से रोकने के लिए बैरिकेड लगाए थे, लेकिन इसके बावजूद छात्रों ने बैरिकेड को पार कर गेट पर आकर धरना दिया।
पुलिस द्वारा छात्रों को खदेड़ने की कोशिश की गई, लेकिन प्रदर्शनकारी छात्रों ने फिर से वहां जुटकर अपना विरोध जारी रखा। छात्रों का कहना था कि उनकी मांगे पूरी नहीं की जा रही हैं, जिसके कारण उन्हें इस तरह का विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
अखिलेश यादव का बयान
इस पूरे घटनाक्रम पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने छात्रों पर बर्बरता से लाठियां चलाईं। अखिलेश यादव ने कहा, “बिजली चार्ज करने वाली बीजेपी सरकार ने जब छात्रों ने लोक सेवा आयोग में धांधली को रोकने की मांग की, तो वे हिंसक हो गए। हम फिर से कहते हैं कि बीजेपी सरकार के एजेंडे में रोजगार नहीं है।” अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार की निंदा करते हुए छात्रों के संघर्ष में उनका समर्थन जताया।
सरकार का रुख
विरोध प्रदर्शन के बाद यूपी सरकार और पुलिस ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। यूपीपीएससी द्वारा दो दिन में परीक्षा आयोजित करने का निर्णय छात्रों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है, लेकिन सरकार ने इसे निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत आयोजित कराने की बात कही है। हालांकि, विपक्षी दलों और प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि यह निर्णय उनकी शिक्षा और भविष्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में छात्र आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है और यह मुद्दा राजनीतिक बहस का कारण बन चुका है। जहां एक ओर सरकार और मंत्री ओम प्रकाश राजभर इसे एक राजनीतिक चाल मानते हैं, वहीं छात्रों और विपक्षी दलों का कहना है कि यह उनकी शिक्षा और रोजगार के अधिकार की रक्षा के लिए एक जरूरी कदम है। अब यह देखना होगा कि क्या यूपी सरकार छात्रों की मांगों को समझेगी और उन्हें राहत देने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी, या यह आंदोलन और बढ़ेगा।