Bahraich Violence: उत्तर प्रदेश के बहरेच में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। रविवार को एक युवक की मौत के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया है। इस घटना के बाद इंटरनेट सेवा को रोक दिया गया है। सोमवार को जब युवक राम गोपाल मिश्रा का शव गांव पहुंचा, तो वहां का माहौल बेहद गरमाया। भीड़ ने हंगामा किया और हजारों लोग वहां इकट्ठा हो गए।
घटना का विवरण
रविवार को महाराजगंज नगर में एक मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान कुछ मुस्लिम युवकों ने मूर्तियों पर पथराव शुरू कर दिया। जब श्रद्धालुओं ने इसका विरोध किया, तो उन्होंने फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में 22 वर्षीय श्रद्धालु राम गोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि 15 से अधिक लोग घायल हो गए।
युवक की मौत के बाद गुस्सा भड़क गया और लोग सड़कों पर उतर आए। भीड़ ने आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव करना शुरू कर दिया। इस दौरान आधा दर्जन से अधिक दुकानों को आग लगा दी गई।
मुख्यमंत्री का आदेश
जैसे ही यह मामला सामने आया, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे उन उपद्रवियों की पहचान करें जिन्होंने माहौल को खराब किया है और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करें।
ग्रामीणों का प्रदर्शन
गांव के लोग शव को लेकर मेडिकल कॉलेज के सामने पहुंचे और वहां प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने राम गोपाल के शव को सड़क पर रखकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। श्रद्धालुओं ने अस्पताल के चौराहे पर जुलूस को रोक दिया और कठोर कार्रवाई की मांग की।
ग्रामीणों ने बहरेच-सितापुर हाईवे को भी अवरुद्ध कर दिया, जिससे दोनों तरफ कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। इस दौरान कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। रात 12 बजे डीआईजी एपी सिंह बहरेच पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
सोमवार की सुबह का हंगामा
सोमवार की सुबह जब राम गोपाल का शव गांव पहुंचा, तो वहां हंगामा मच गया। गांव में गए तहसीलदार को गांव वालों ने भगा दिया। ग्रामीणों ने आरोपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
युवक के परिवार ने अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया और बुलडोजर कार्रवाई की मांग की।
MLA का मध्यस्थता प्रयास
गांव वालों को समझाने के लिए विधायक ने पहल की, जिसके बाद सुबह मूर्ति का विसर्जन किया गया।
हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
रविवार को जब मूर्ति विसर्जन जुलूस अब्दुल हामिद के घर के सामने से गुजर रहा था, तभी एक विशेष समुदाय के लोगों ने पथराव किया। इसके विरोध में फायरिंग की गई, जिसमें राम गोपाल को गोली लगी। राम गोपाल को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। इस घटना में राजन, सुधाकर, दिव्यांग सत्यवान और अखिलेश वाजपेयी सहित 15 से अधिक लोग घायल हुए।