Silk Expo 2024: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लखनऊ के इंदिरा नगर में सिल्क एक्सपो के उद्घाटन समारोह में कहा कि यूपी की प्रगति भले ही पहले की तुलना में संतोषजनक है, लेकिन राज्य की असीम संभावनाओं के मद्देनजर यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि सिल्क एक्सपो भी राज्य के विकास का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन सकता है।
रोटी, कपड़ा और मकान का महत्व
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा, “रोटी, कपड़ा और मकान का नारा हमेशा प्रचलित रहा है। कपड़ा जीवन की एक अनिवार्य आवश्यकता है और यह न केवल रोजगार का सशक्त माध्यम है बल्कि किसानों की आय बढ़ाने में भी सहायक है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कपड़ा उद्योग, विशेष रूप से रेशम उत्पादन, राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है और सिल्क एक्सपो जैसे आयोजनों के माध्यम से इस दिशा में नए कदम उठाए जा सकते हैं।
यूपी के सिल्क क्लस्टर और संभावनाएँ
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों, विशेष रूप से आजमगढ़ से लेकर मुबारकपुर तक के क्षेत्रों में रेशम क्लस्टर विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वाराणसी और भदोही के आसपास के इन क्षेत्रों में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएँ लागू की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि काशीधाम के निर्माण के बाद बनारसी साड़ियों की मांग में भारी वृद्धि हुई है। अब प्रधानमंत्री मित्रा टेक्सटाइल पार्क को 1000 एकड़ भूमि में विकसित किया जा रहा है, जिससे राज्य में रेशम उत्पादों की मांग और बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्ती, गोरखपुर और देवीपाटन जैसे कई मंडलों में रेशम उत्पादन में वृद्धि की अपार संभावनाएँ हैं।
यूपी के अनुकूल जलवायु क्षेत्र
योगी आदित्यनाथ ने यूपी के जलवायु क्षेत्र को रेशम उत्पादन के लिए उपयुक्त बताते हुए कहा कि राज्य में सभी प्रकार के रेशम के उत्पादन की अच्छी संभावनाएँ हैं। यदि बनारसी साड़ी और अन्य रेशम उत्पादों के लिए राज्य में सस्ते कच्चे माल की उपलब्धता हो जाती है, तो इसमें काफी विकास होगा। सरकार मार्केटिंग से लेकर डिज़ाइनिंग तक हर कदम पर आपके साथ है।
एक जिला, एक उत्पाद योजना
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने अपने पारंपरिक उत्पादों के लिए एक नई नीति बनाई, जिसे ‘एक जिला, एक उत्पाद’ नाम दिया गया। सरकार ने इसे उत्पादन, पैकेजिंग, मार्केटिंग और डिज़ाइनिंग से जोड़ दिया है। इस योजना के तहत, राज्य के 75 से अधिक उत्पादों को जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) मिला है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में यूपी के उत्पादों की पहचान को मजबूत करता है।
पूर्ववर्ती सरकारों की उपेक्षा
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी के पारंपरिक उत्पादों को पूर्ववर्ती सरकारों की उपेक्षा का खामियाजा भुगतना पड़ा था, लेकिन आज हर जिले के अलग-अलग उत्पाद वैश्विक मंच पर राज्य की पहचान को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिल्क क्लस्टर का निर्माण यूपी में आवश्यक है और इसके माध्यम से किसानों को “रेशम मित्र” के रूप में पहचाना जाएगा। सरकार इस दिशा में किसानों को हर संभव मदद देगी।
PM मित्रा पार्क और तकनीकी बदलाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि PM मित्रा पार्क इन संभावनाओं को और आगे बढ़ाने में मदद करेगा। रेशम उत्पादन पारंपरिक तकनीक पर आधारित है, लेकिन हमें इसे आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर खुद को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि आज चरखा बिजली से चलने लगा है और जब रेशम उत्पादों को प्रोसेसिंग से जोड़ा जा रहा है, तो आधुनिक तकनीक की मदद लेना अनिवार्य हो जाता है।
रेशम उद्योग में विकास की अपार संभावनाएँ
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में रेशम उद्योग के विकास की अपार संभावनाएँ हैं। इसके माध्यम से न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे बल्कि किसानों की आय भी बढ़ेगी। सिल्क एक्सपो जैसे आयोजनों से राज्य के उद्यमियों और किसानों को एक मंच मिलेगा, जहाँ वे अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर सकते हैं और वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बना सकते हैं।
सिल्क एक्सपो 2024 उत्तर प्रदेश के रेशम उद्योग के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में रेशम उत्पादन की संभावनाओं को उजागर करते हुए कहा कि सरकार हर संभव मदद देने के लिए तैयार है। पारंपरिक तकनीक को आधुनिक तकनीक से जोड़कर और किसानों को “रेशम मित्र” के रूप में पहचान दिलाकर, राज्य में रेशम उद्योग को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने का संकल्प लिया गया है।