Shivpal Singh Yadav हुए नाराज, दामाद अनुज को कहा भगौड़ा, करहल विधानसभा उपचुनाव की हो रही है चुनावी प्रचार

Shivpal Singh Yadav हुए नाराज, दामाद अनुज को कहा भगौड़ा, करहल विधानसभा उपचुनाव की हो रही है चुनावी प्रचार

उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की तारीखें घोषित हो गई हैं, और सभी राजनीतिक दलों ने भी अपने चुनावी प्रचार की शुरुआत कर दी है। करहल विधानसभा उपचुनाव में Shivpal Singh Yadav और उनके दामाद अनुज प्रताप यादव के बीच आरोप-प्रत्यारोप की जंग छिड़ गई है। इस स्थिति ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है।

मामला क्या है?

करहल विधानसभा उपचुनाव में आरोप-प्रत्यारोप का खेल भी शुरू हो गया है। एक ओर जहां समाजवादी पार्टी से तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया गया है, वहीं दूसरी ओर भाजपा ने तेज प्रताप यादव के चाचा अनुज प्रताप यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है।

सैफई परिवार अब तेज प्रताप यादव के चुनाव प्रचार के लिए एकजुट नजर आ रहा है। शिवपाल यादव, धर्मेंद्र यादव और डिंपल यादव आज एक साथ मंच पर दिखाई दिए और तेज प्रताप यादव के लिए वोट मांगने की अपील की। इस बीच, धर्मेंद्र यादव ने अपने भाई-बहन अनुज प्रताप यादव के साथ रिश्ते तोड़ने की बात कही, जबकि शिवपाल यादव ने मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अब अनुज प्रताप यादव के साथ रिश्ता टूट गया है और वह कभी भी समाजवादी पार्टी में शामिल नहीं होंगे। शिवपाल ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी ऐसे भगौड़ों को कभी शामिल नहीं करेगी।

भाजपा उम्मीदवार अनुज प्रताप यादव का क्या कहना है?

भाई-बहन और पिता-इन-लॉ शिवपाल यादव के बयानों पर अनुज प्रताप यादव ने भी जवाबी हमला किया। उन्होंने कहा कि उनके लिए चाचा सम्मानित हैं, लेकिन जिस तरह से वे बयान दे रहे हैं, पहले अपने अंदर झांकें। अनुज ने कहा कि शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी के खिलाफ जाकर अपनी खुद की पार्टी बनाई थी।

अनुज ने यह भी कहा कि उनके चाचा को पहले अखिलेश यादव द्वारा अपमानित किया गया था, फिर वे समाजवादी पार्टी में कैसे लौटे। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी पार्टी में जाने की कोशिश नहीं की और न ही कभी जाएंगे। वे भाजपा के प्रति निष्ठावान कार्यकर्ता हैं, इसलिए भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है। यहां तक कि अगर उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया गया होता, तब भी वे भाजपा में बने रहते।

Shivpal Singh Yadav हुए नाराज, दामाद अनुज को कहा भगौड़ा, करहल विधानसभा उपचुनाव की हो रही है चुनावी प्रचार

अनुज यादव का PDA नारे पर बयान

अनुज यादव ने PDA (पार्टी, परिवार, दमन) नारे पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि PDA कहां है? यहां तो भाई-भतीजावाद चल रहा है। क्या उन्हें समाजवादी पार्टी के खिलाफ लड़ने के लिए यादवों का कोई और उम्मीदवार नहीं मिला?

राजनीतिक परिस्थितियों का विश्लेषण

इस विवाद ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया मोड़ ला दिया है। सैफई परिवार का यह अंदरूनी संघर्ष समाजवादी पार्टी और भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है। शिवपाल यादव का बयान यह दर्शाता है कि परिवार में भी अब एकजुटता की कमी है। दूसरी ओर, अनुज प्रताप यादव का आत्मविश्वास यह दिखाता है कि वे भाजपा में अपने कार्य को लेकर कितने गंभीर हैं।

इस स्थिति में शिवपाल यादव का रुख और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, खासकर जब उनकी पार्टी को आगामी चुनावों में सफलता की आवश्यकता है। वहीं, भाजपा ने अनुज को उम्मीदवार बनाकर यह संकेत दिया है कि वे परिवार के अंदर के मतभेदों का फायदा उठाने के लिए तैयार हैं।

समाजवादी पार्टी का भविष्य

सिर्फ करहल विधानसभा उपचुनाव ही नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी का भविष्य भी इस अंदरूनी कलह से प्रभावित हो सकता है। अगर शिवपाल यादव अपने परिवार में इस तरह के मतभेदों को सुलझाने में असफल होते हैं, तो यह उनकी पार्टी के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है।

भाजपा को भी इस मामले में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अनुज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाकर वे केवल चुनावी लाभ नहीं लेना चाहते, बल्कि उन्हें यह भी सुनिश्चित करना है कि परिवार में कोई और फूट न पड़े।

करहल विधानसभा उपचुनाव के इस राजनीतिक खेल ने न केवल शिवपाल यादव और अनुज प्रताप यादव के बीच के रिश्तों को उजागर किया है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे राजनीतिक हित व्यक्तिगत रिश्तों को भी प्रभावित कर सकते हैं। इस चुनावी लड़ाई में कौन जीतता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस तरह की घटनाएं आगे भी जारी रहेंगी।

सभी की नजरें अब करहल विधानसभा उपचुनाव पर टिकी हुई हैं, जहां परिवार की ये अंदरूनी कलह और राजनीतिक समीकरण मतदाता के निर्णय को प्रभावित कर सकते हैं। चाहे जो भी हो, यह चुनावी लड़ाई उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ने की संभावना रखती है।

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