कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि एशिया कप के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाना चाहिए था। उनका कहना है कि खेल और खेल भावना को देशों के बीच तनाव से अलग रखना चाहिए। उन्होंने इसे बेहद ज़रूरी बताया।
राजनीति से अलग खेल की भावना
थरूर ने कहा कि पाकिस्तान के प्रति भावनाएं समझी जा सकती हैं। लेकिन खेल को राजनीति और सैन्य संघर्ष से जोड़ना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर हमने खेलने का फैसला किया है, तो हमें खेल की भावना के साथ खेलना चाहिए। अगर ऐसा नहीं करना था तो फिर पाकिस्तान के साथ खेलना ही नहीं चाहिए था।
#WATCH | "I personally feel that once the decision had been made to play, if we feel so strongly about Pakistan, we should not have played…But if we are going to play them, we should play in the spirit of a game, and we should have shaken their hands…We have done this before… pic.twitter.com/6luy8Gyt6i
— ANI (@ANI) September 25, 2025
थरूर ने याद दिलाया कि यह पहली बार नहीं है जब ऐसी स्थिति बनी है। 1999 में जब कारगिल युद्ध चल रहा था और हमारे सैनिक सीमा पर शहीद हो रहे थे, उसी दौरान इंग्लैंड में विश्व कप का मैच पाकिस्तान के खिलाफ खेला जा रहा था। तब भी भारतीय टीम ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ मिलाया था। उस समय भी खेल को युद्ध और तनाव से अलग रखा गया था।
खेल भावना की कमी
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बार दोनों पक्षों की प्रतिक्रिया में खेल भावना की कमी दिखी। अगर पाकिस्तान ने खुद को अपमानित महसूस करने के बाद बदले में हमें अपमानित करने का फैसला किया, तो यह साफ दिखाता है कि दोनों तरफ से खेल की सच्ची भावना कहीं गायब हो गई।
दरअसल एशिया कप 2025 में भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। पारंपरिक प्री-मैच हैंडशेक को कप्तान सूर्यकुमार यादव और पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा ने छोड़ दिया। मैच जीतने के बाद भी सूर्यकुमार यादव और शिवम दुबे तुरंत ड्रेसिंग रूम में चले गए और पाकिस्तानी खिलाड़ी मैदान पर उनका इंतजार करते रह गए।