दीपावली के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS ) के वरिष्ठ पदाधिकारी और शीर्ष नेतृत्व तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक के लिए जबलपुर में एकत्र होंगे। यह बैठक 30, 31 अक्टूबर और 1 नवंबर 2025 को आयोजित होगी। इस बार की बैठक खास मानी जा रही है क्योंकि संघ अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है और संगठन की रणनीतिक तैयारियों की अगली रूपरेखा महाकौशल के सांस्कृतिक नगर जबलपुर में तय की जाएगी।
आरएसएस सूत्रों के अनुसार यह बैठक शताब्दी वर्ष के प्रथम चरण की प्रमुख राष्ट्रीय बैठक होगी, जिसमें संगठन की भविष्य की दिशा, विस्तार योजना और पूरे वर्ष के कार्यक्रमों की समीक्षा की जाएगी। बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के अलावा संघ के सभी छह सह सरकार्यवाह, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और विभिन्न अखिल भारतीय विभागों के प्रमुख मौजूद रहेंगे।
नई योजनाओं की रूपरेखा तय करने की तैयारी
इस कार्यकारी मंडल बैठक में संघ के देशभर के 46 प्रांतों से प्रांत संघचालक, प्रांत कार्यवाह और प्रांत प्रचारक अपने सह पदाधिकारियों के साथ हिस्सा लेंगे। तीन दिन तक चलने वाली यह बैठक संघ के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत बनाने और नई रणनीतियों को तय करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार यह बैठक युगाब्ध 5127, विक्रम संवत 2082, कार्तिक शुक्ल अष्टमी से दशमी तक यानी 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक आयोजित की जाएगी। यह कार्यक्रम दीपावली के बाद आयोजित होगा ताकि देशभर के स्वयंसेवक उत्सवों के बाद नई योजनाओं और गतिविधियों के लिए तैयार हो सकें।
हाल ही में विजयादशमी के दौरान नागपुर में संघ के शताब्दी वर्ष का औपचारिक उद्घाटन हुआ था और पूरे देश में इस ऐतिहासिक अवसर को लेकर विशेष आयोजन किए गए थे। जबलपुर में होने वाली इस बैठक में शताब्दी वर्ष के राष्ट्रीय और प्रांतीय कार्यक्रमों की रूपरेखा की समीक्षा की जाएगी। साथ ही, प्रत्येक प्रांत अपने-अपने क्षेत्र में चल रही योजनाओं और गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
शताब्दी उत्सवों की तैयारियों का होगा आकलन
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि इस बैठक में वर्ष 2025-26 की वार्षिक योजना, संगठन के विस्तार और सामाजिक क्षेत्र में संघ की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इसके अलावा आने वाले महीनों में पूरे देश में मनाए जाने वाले शताब्दी उत्सवों की तैयारियों का भी मूल्यांकन किया जाएगा। संघ का मानना है कि शताब्दी वर्ष केवल उत्सव नहीं है बल्कि यह संगठन को नई ऊर्जा देने का अवसर है। इसलिए जबलपुर की यह बैठक संघ के भावी कार्यों की दिशा तय करने में नींव का पत्थर साबित हो सकती है।
महाकौशल क्षेत्र के प्रमुख स्वयंसेवकों के अनुसार, इस उच्चस्तरीय बैठक के लिए संघ कार्यालय, आवास, यातायात और सुरक्षा व्यवस्थाओं की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। आने वाले दिनों में जबलपुर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का केंद्र बनेगा क्योंकि यहां संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी संगठन के अगले सौ वर्षों की दिशा तय करने वाले हैं।