आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर PM Narendra Modi मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना का शिलान्यास किया। यह परियोजना भारत की पहली नदी जोड़ने वाली परियोजना है, जो राष्ट्रीय दृष्टिकोण योजना के तहत बनाई जा रही है। इस परियोजना के माध्यम से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सिंचाई की सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे लाखों किसानों को लाभ होगा।
केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना: महत्व और उद्देश्य
केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना देश की पहली नदी जोड़ने वाली परियोजना है, जिसका उद्देश्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में सिंचाई की सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इसके माध्यम से इन राज्यों के कई जिलों में लाखों किसानों को फायदा होगा। इस परियोजना से किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं मिलेंगी, जिससे फसल उत्पादन बढ़ेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।
सिंचाई के साथ-साथ पीने के पानी की सुविधा
इस परियोजना के माध्यम से सिर्फ सिंचाई ही नहीं, बल्कि पीने के पानी की सुविधा भी उपलब्ध होगी। परियोजना के तहत 103 मेगावाट की हरित ऊर्जा भी उत्पन्न की जाएगी, जो क्षेत्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगी। इसके साथ ही इस परियोजना से रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे, जिससे स्थानीय निवासियों को आर्थिक लाभ होगा।
2030 तक पूरा होने का लक्ष्य
यह महत्वाकांक्षी परियोजना 2030 तक पूरी होने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण, प्रभावित लोगों को मुआवजा देना और पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करना जैसे कार्य चल रहे हैं। परियोजना की प्रगति के साथ क्षेत्र में जल प्रबंधन और औद्योगिक विकास में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 44 लाख किसानों को लाभ
यह परियोजना मध्य प्रदेश के 10 जिलों और उत्तर प्रदेश के 4 जिलों में सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। इससे मध्य प्रदेश के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवारी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर जिलों के लगभग 44 लाख किसान परिवारों को लाभ मिलेगा।
“केन-बेतवा लिंक परियोजना”
यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कर कमलों से 25 दिसंबर को बुंदेलखण्ड की समृद्धि और विकास का प्रारंभ होगा नया अध्याय।
बुंदेलखण्ड के 10 जिलों के 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में होगी सिंचाई एवं 40 लाख से अधिक आबादी को मिलेगा पेयजल।
अभिनंदन… pic.twitter.com/1PwldY6AHn
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 24, 2024
उपभोक्ताओं को मिलेगा 65 लाख लोगों तक पीने का पानी
इस परियोजना के माध्यम से 44 लाख लोगों को मध्य प्रदेश में और 21 लाख लोगों को उत्तर प्रदेश में पीने का पानी मिलेगा। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर और बांदा जिलों में भी सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।
उमकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट का उद्घाटन
PM Modi ने उमकारेश्वर, खंडवा जिले में स्थापित फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट का भी उद्घाटन किया। इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में अक्टूबर से पूरी क्षमता से ऊर्जा उत्पादन शुरू हो चुका है। इसके दूसरे चरण में 240 मेगावाट क्षमता का उत्पादन करने की योजना है, जो राज्य के ऊर्जा संसाधनों को मजबूत करेगा और हरित ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देगा।
अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमिपूजन
प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश में 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमिपूजन किया। राज्य के 23 हजार ग्राम पंचायतों में से 2500 ग्राम पंचायतों को नए भवनों के लिए मंजूरी दी गई है, जिनके पुराने भवन या तो जीर्ण-शीर्ण हैं या पूरी तरह से अनुपयोगी हैं। इस पहल से ग्राम पंचायतों का कार्य सुचारू रूप से संचालित होगा और विकास कार्यों में गति आएगी।
कुल मिलाकर क्या होगा फायदा?
PM Modi की इस यात्रा से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों में कृषि, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में बड़े बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है। केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना से किसानों की जीवनशैली में सुधार होगा, फसल उत्पादन बढ़ेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही, पानी की बेहतर उपलब्धता से लोग भी अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा कर सकेंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी का सपना अब प्रधानमंत्री मोदी की इस परियोजना के माध्यम से सच हो रहा है। नदी जोड़ने की यह परियोजना न केवल कृषि और सिंचाई में सुधार करेगी, बल्कि पीने के पानी की सुविधा और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
प्रधानमंत्री मोदी की यह परियोजना देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना को लेकर जहां किसानों, स्थानीय निवासियों और हरित ऊर्जा की दिशा में नए बदलाव की उम्मीदें हैं, वहीं इस परियोजना की सफलता से भारत में जल प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान निकाला जा सकता है।