Pawan Singh की ‘सूर्यवंशम’ का सिनेमाघरों में 50 दिनों का धमाकेदार रिकॉर्ड

Pawan Singh की 'सूर्यवंशम' का सिनेमाघरों में 50 दिनों का धमाकेदार रिकॉर्ड

भोजपुरी सिनेमा के ‘पावर स्टार’ Pawan Singh इन दिनों अपनी सुपरहिट फिल्म ‘सूर्यवंशम’ की सफलता का जश्न मना रहे हैं। यह फिल्म यश फिल्म्स और रेनू विजय फिल्म्स एंटरटेनमेंट द्वारा प्रस्तुत की गई है और इसके निर्माता निशांत उज्जवल हैं। पवन सिंह की दमदार अभिनय और दिल छू लेने वाली कहानी ने दर्शकों का दिल जीत लिया है। इस फिल्म ने रिलीज के 50 दिन पूरे कर लिए हैं, जो भोजपुरी सिनेमा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। पिछले 5 सालों में यह पहली भोजपुरी फिल्म है, जो 50 दिनों तक सिनेमाघरों में बनी रही है। फिल्म ने आरा के सपना टॉकीज में 50 दिन पूरे किए हैं और बताया जा रहा है कि इस सिनेमा में 50 दिनों के व्यवसाय ने भोजपुरी सिनेमा में नया रिकॉर्ड बना दिया है।

आज के समय में जब लोग भोजपुरी फिल्मों को टीवी और यूट्यूब पर देखना पसंद करते हैं, ऐसे में निशांत उज्जवल और पवन सिंह ने सिनेमाघरों में नई शुरुआत की है। यह फिल्म इस हफ्ते भी दर्जनों सिनेमाघरों में चल रही है और यह पहली भोजपुरी फिल्म है जिसे 200 से अधिक थिएटरों में रिलीज किया गया था और यह अभी भी चल रही है।

फिल्म के 50 दिन पूरे होने पर टीम की खुशी

फिल्म के 50 दिन पूरे होने पर Pawan Singh, निर्माता निशांत उज्जवल और निर्देशक रजनीश मिश्रा ने दर्शकों का आभार व्यक्त किया। यश फिल्म्स के प्रस्तुतकर्ता अभय सिन्हा ने भी फिल्म की इस सफलता पर खुशी जताई। इस फिल्म ने केवल बॉक्स ऑफिस पर ही नहीं, बल्कि पवन सिंह के फैन फॉलोइंग को भी मजबूती प्रदान की है। फिल्म के हर गाने को दर्शकों से बेहद प्यार मिला है। यह फिल्म भोजपुरी सिनेमा में पवन सिंह की अहमियत को एक बार फिर साबित करती है।

पवन सिंह ने अपनी इस सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “मेरे करियर में यह फिल्म विशेष स्थान रखती है। अभय सिन्हा और निशांत उज्जवल के साथ काम करने का अनुभव हमेशा खास रहा है, और इस फिल्म ने साबित कर दिया कि अगर कहानी और टीम मजबूत हो, तो दर्शक हमेशा सराहना करते हैं।”

Pawan Singh की 'सूर्यवंशम' का सिनेमाघरों में 50 दिनों का धमाकेदार रिकॉर्ड

बॉलीवुड में भी धमाल मचा रहे पवन सिंह

Pawan Singh इन दिनों बॉलीवुड में भी छाए हुए हैं। उनके गाने ‘खेतों में’ को श्रद्दा कपूर और राजकुमार राव की फिल्म ‘स्त्री 2’ में और ‘चुम्मा’ गाने को ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। दर्शकों से मिले इस प्यार ने पवन सिंह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। फिल्म ‘सूर्यवंशम’ की सफलता ने यह साबित कर दिया कि पवन सिंह का अभिनय और उनके गानों का जादू अब भी दर्शकों के दिलों पर राज कर रहा है।

फिल्म की निर्माण टीम और अन्य कलाकार

‘सूर्यवंशम’ फिल्म का निर्माण यश फिल्म्स के अभय सिन्हा और रेनू विजय फिल्म्स एंटरटेनमेंट ने किया है। फिल्म का निर्देशन रजनीश मिश्रा ने किया है, जो इस फिल्म के लेखक भी हैं। पवन सिंह के साथ फिल्म में आस्था सिंह, शालू सिंह, चांदनी सिंह, गोपाल जी, माया यादव, अनूप अरोड़ा, राम सुजान सिंह, जोया खान और धामा वर्मा जैसे मुख्य कलाकार शामिल हैं। फिल्म के सह-निर्माता डॉ. संदीप उज्जवल और सुशांत उज्जवल हैं। डोप का जिम्मा देवेंद्र तिवारी ने संभाला है और फिल्म की एडिटिंग कोमल वर्मा द्वारा की गई है। फिल्म का संगीत रजनीश मिश्रा और एसबीआर ने दिया है और इसके गानों को प्यारे लाल यादव, विजय चौहान, रोशन सिंह विश्वास और प्रफुल्ल तिवारी ने लिखा है। फिल्म के नृत्य निर्देशन में कनु मुखर्जी, रिकी गुप्ता और रवि पंडित का योगदान है, जबकि कला निर्देशन नजीर शेख ने किया है। कार्यकारी निर्माता के रूप में हसन शेख और रमेश चौरसिया जुड़े हुए हैं। इस फिल्म का वितरण रेनू विजय एंटरटेनमेंट ने किया है, जिसने इसे पूरे देश में प्राथमिकता के साथ प्रदर्शित किया है।

भोजपुरी सिनेमा के लिए एक नई दिशा

भोजपुरी सिनेमा का पिछले कुछ सालों में एक अलग दौर देखा गया है, जहां लोग बड़े पैमाने पर भोजपुरी फिल्मों को सिनेमाघरों में देखने से परहेज कर रहे थे। आज के डिजिटल युग में लोग यूट्यूब और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भोजपुरी फिल्में देखना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे में ‘सूर्यवंशम’ की 50 दिन की सफलता ने यह साबित कर दिया कि अगर कहानी, निर्देशन और स्टार कास्ट मजबूत हो, तो दर्शक सिनेमाघरों में जाकर फिल्म देखने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। पवन सिंह ने यह साबित कर दिया कि उनकी स्टार पावर भोजपुरी सिनेमा में आज भी बनी हुई है और वह इस इंडस्ट्री के पुनरुत्थान में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

‘सूर्यवंशम’ की सफलता ने भोजपुरी सिनेमा को एक नई दिशा देने का काम किया है। यह फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ी सफलता साबित हुई है, बल्कि इसने भोजपुरी फिल्मों को सिनेमाघरों में वापसी का एक मजबूत संदेश भी दिया है। पवन सिंह की यह फिल्म उन भोजपुरी सिनेमा प्रेमियों के लिए एक उदाहरण है जो चाहते हैं कि इस इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाए।

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