Meerapur Bypoll 2024: मीरापुर विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के अध्यक्ष जयंत चौधरी की चिंता बढ़ गई है। इस सीट पर टिकट के लिए दावेदारों की एक लंबी सूची सामने आई है, जिसमें सांसद, जिला अध्यक्ष, पूर्व विधायक, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, और जिला पंचायत सदस्य शामिल हैं। ये सभी या तो खुद चुनाव लड़ना चाहते हैं या अपने परिवार के सदस्यों को टिकट दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। दावेदारों की इतनी बड़ी संख्या देख जयंत चौधरी के सामने यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि वह किसका नाम स्वीकृत करें।
RLD और भाजपा का गठबंधन
RLD और भाजपा का गठबंधन इस उपचुनाव में महत्वपूर्ण है। लोकसभा चुनाव में RLD ने बागपत और बिजनौर सीट पर जीत हासिल की थी। अब उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं, जिसमें पश्चिमी यूपी की खास मीरापुर सीट भी शामिल है। इस सीट पर टिकट के दावेदारों की लंबी सूची देखकर जयंत चौधरी को भी चिंता हो रही है कि किसे टिकट दिया जाए।
मीरापुर सीट के लिए दावेदारों की लंबी सूची
मीरापुर विधानसभा सीट के लिए सबसे ज्यादा दावेदार मुजफ्फरनगर जिले से हैं। जयंत चौधरी के दिल्ली कार्यालय और निवास पर दावेदारों की सिफारिशों की एक लंबी सूची तैयार है। दावेदार कोई भी मौका नहीं चूकना चाहते हैं और जयंत चौधरी के पास लगातार पहुंच रहे हैं। इस स्थिति ने जयंत चौधरी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या करना चाहिए।
चंदन चौहान का परिवारिक दावा
चंदन चौहान, जो मीरापुर से पूर्व विधायक रह चुके हैं, अब अपनी पत्नी यशिका चौहान के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह उनका पारंपरिक क्षेत्र है। मीरापुर पहले मोरना विधानसभा के रूप में जाना जाता था, जहां चंदन चौहान के दादा बाबू नारायण सिंह विधायक रह चुके थे और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी बने। इसके बाद, उनके पिता संजय चौहान भी मोरना से विधायक रह चुके हैं और 2009 में बिजनौर से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।
चंदन चौहान का परिवार गुरjar समुदाय से आता है और यह दावा करता है कि वे इस क्षेत्र के साथ तीन पीढ़ियों से जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही, RLD नेता और पूर्व बिजनौर सांसद मलूक नगर का परिवार भी टिकट के लिए दौड़ में शामिल है।
जिला अध्यक्ष भी टिकट के लिए दौड़ में
मुजफ्फरनगर जिला अध्यक्ष संदीप मलिक ने भी मीरापुर से चुनाव लड़ने के लिए अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है। उनका कहना है कि वह क्षेत्र को अच्छी तरह जानते हैं और जिला अध्यक्ष के रूप में उन्होंने हर चुनाव में पार्टी के पक्ष में बेहतर परिणाम लाने का काम किया है। इसके अलावा, राज्य महासचिव रामनिवास पाल, राज्य संगठन महासचिव अजीत राठी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रमा नगर, जिला पंचायत सदस्य संजय राठी, और पूर्व जिला अध्यक्ष प्रभात तोमर भी टिकट के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।
दावेदारों की संख्या का प्रभाव
RLD के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र शर्मा ने इस लंबी सूची के बारे में बात करते हुए कहा कि जब पार्टी में उत्साह बढ़ता है, तो टिकट के दावेदारों की संख्या भी बढ़ जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की स्थिति अपने चरम पर है और यह स्पष्ट है कि केवल RLD गठबंधन ही वहां चुनाव जीतेगा।
वहीं, राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी का कहना है कि RLD पश्चिमी यूपी में बहुत मजबूत है और कौन नहीं चाहेगा कि वह पार्टी से टिकट लेकर विधायक बने।
चुनावी रणनीति
RLD के लिए मीरापुर उपचुनाव में टिकट का फैसला करना एक चुनौती भरा काम होगा। पार्टी के नेता इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अपने-अपने तरीकों से प्रयासरत हैं। टिकट वितरण में पारदर्शिता और सामंजस्य बनाए रखना आवश्यक है ताकि पार्टी के अंदर कोई असंतोष न फैले।