Mathura Case: मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिन्दू पक्ष के लिए बड़ी जीत का संकेत दिया है। बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। इस फैसले के बाद अब हिन्दू पक्ष की एक दर्जन से अधिक याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है।
पुनर्विचार याचिका खारिज
शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी ने हिन्दू पक्ष की याचिकाओं को एक साथ सुनने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के 11 जनवरी के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी। मस्जिद कमेटी ने मांग की थी कि हिन्दू पक्ष की याचिकाओं में भिन्नताएं हैं और इनकी अलग-अलग सुनवाई होनी चाहिए। लेकिन कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज कर दिया और 11 जनवरी के फैसले को उचित ठहराया।
11 जनवरी का फैसला फिर से बरकरार
हाईकोर्ट ने 11 जनवरी को दिए गए अपने पुराने फैसले को दोहराते हुए कहा कि हिन्दू पक्ष की याचिकाओं को एक साथ सुनना जायज है। इससे हिन्दू पक्ष की एक साथ दर्ज की गई करीब 15 याचिकाओं पर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट के इस फैसले को हिन्दू पक्ष की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। अब मथुरा के इस बहुचर्चित मामले में तेजी से सुनवाई होने की उम्मीद है।
मुस्लिम पक्ष की मांग क्या थी?
मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में तर्क दिया था कि हिन्दू पक्ष की याचिकाओं में आपस में काफी भिन्नताएं हैं, जिसके चलते इन याचिकाओं की एक साथ सुनवाई नहीं होनी चाहिए। मुस्लिम पक्ष का कहना था कि याचिकाओं की मान्यता का फैसला होने से पहले उन्हें एक साथ क्लब नहीं किया जा सकता। इस आधार पर उन्होंने याचिकाओं की अलग-अलग सुनवाई की मांग की थी।
मुस्लिम पक्ष की दलील थी कि अगर सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई की जाती है तो यह न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, कोर्ट ने इस तर्क को अस्वीकार करते हुए 11 जनवरी के अपने फैसले को बरकरार रखा और पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया।
अगली सुनवाई 6 नवंबर को
अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को दोपहर 2 बजे होगी। कोर्ट ने इस तारीख को केस की ट्रायल प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है। हिन्दू पक्ष की ओर से दायर की गई याचिकाओं में मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि के ऐतिहासिक स्थल पर हुए तथाकथित अतिक्रमण और मस्जिद के निर्माण को चुनौती दी गई है।
मामले की पृष्ठभूमि
यह विवाद मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर लंबे समय से चला आ रहा है। हिन्दू पक्ष का दावा है कि मस्जिद को उस स्थल पर बनाया गया है, जो श्रीकृष्ण की जन्मस्थली है। इसके तहत हिन्दू पक्ष ने मस्जिद को हटाकर वहां पर पुनः मंदिर निर्माण की मांग की है। वहीं, मुस्लिम पक्ष का तर्क है कि मस्जिद का निर्माण ऐतिहासिक रूप से वैध है और वहां कोई विवादित संरचना नहीं है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस ताजा फैसले से हिन्दू पक्ष को बड़ी राहत मिली है और अब उनकी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है। मुस्लिम पक्ष की पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद अब इस विवाद पर न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है। मथुरा का यह मामला अब एक अहम मोड़ पर पहुंच गया है और आने वाले दिनों में इस पर होने वाली सुनवाईयों पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।