Manipur Violence: मणिपुर में एक साल से चल रही जातीय हिंसा के बीच, गृह मंत्रालय ने मणिपुर के मेइती, कुकि और नागा समुदायों के विधायकों की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया है। यह बैठक नई दिल्ली में मंगलवार को होगी, जिसमें इन समुदायों के नेताओं के बीच पहली बार चर्चा होगी। इस बैठक का उद्देश्य मणिपुर में चल रही हिंसा को समाप्त करना और शांति बहाल करना है।
मणिपुर की स्थिति
मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा का सिलसिला जारी है, जिसमें अब तक 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। यह हिंसा मेइती और कुकि समुदायों के बीच भूमि के अधिकारों और जनसंख्या के असंतुलन को लेकर शुरू हुई थी। जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती गई, नगा समुदाय भी इस संघर्ष में शामिल हो गया। इस प्रकार, मणिपुर की स्थिति अब एक जटिल जातीय संघर्ष में बदल गई है।
बैठक का उद्देश्य
गृह मंत्रालय का यह कदम एक सकारात्मक संकेत है। यह पहली बार है जब विभिन्न जातीय समुदायों के नेताओं को एक मंच पर लाया जा रहा है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य शांति बहाल करना और संघर्ष का समाधान खोजना है। यह महत्वपूर्ण है कि सभी समुदायों के नेताओं को इस चर्चा में शामिल किया जाए, ताकि सभी की चिंताओं को सुना जा सके और एक साझा समाधान निकाला जा सके।
नागा नेताओं की भागीदारी
बैठक में तीन नागा विधायक शामिल होंगे, जो नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) के सदस्य हैं। ये विधायक मणिपुर में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी दल से हैं। विधायक अवांगबौ न्यूमई, एल. डिको और राम मुइवाह दिल्ली में बैठक में भाग लेंगे। न्यूमई ने कहा, “हमें दिल्ली आने के लिए कहा गया है ताकि हम कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर सकें।”
स्थानीय राजनीतिक प्रतिक्रिया
बैठक को लेकर मणिपुर की स्थानीय राजनीति में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के मेघचंद्र ने इस पहल को सकारात्मक बताते हुए कहा कि किसी भी समाधान की दिशा में उठाया गया कदम महत्वपूर्ण है। हालांकि, उन्होंने यह भी चिंता व्यक्त की कि विपक्षी दल को इस बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है। यह दर्शाता है कि मणिपुर की राजनीति में विभाजन की स्थिति बनी हुई है, और सभी समुदायों की आवाज़ें सुनी जानी चाहिए।
सुरक्षा स्थिति और सशस्त्र संगठनों की गतिविधियाँ
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच, भारतीय सेना ने हाल ही में कई स्थानों पर भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है। इस खोजबीन में एक एके-47 राइफल, कार्बाइन मशीन, ग्रेनेड और अन्य युद्ध सामग्री शामिल हैं। यह स्पष्ट करता है कि क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति बेहद गंभीर है, और सशस्त्र समूहों की गतिविधियां शांति बहाल करने के प्रयासों के लिए चुनौती बन रही हैं।
हथियारों की बरामदगी
हाल के दिनों में, मणिपुर में की गई एक विशेष ऑपरेशन में, असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस ने विभिन्न क्षेत्रों से भारी मात्रा में हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी की। इस ऑपरेशन में कई उच्च क्षमता वाले हथियार जैसे एम-16 राइफल और विभिन्न प्रकार के देशी निर्मित स्टेन गन भी शामिल हैं। ये हथियार उन समूहों के पास हैं जो हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं।
शांति की उम्मीदें
गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित बैठक से सभी समुदायों को एक साथ लाने की उम्मीद की जा रही है। यह स्पष्ट है कि बिना संवाद और सामंजस्य के, मणिपुर की स्थिति को सामान्य करना बहुत कठिन है। इसलिए, इस बैठक को एक अवसर के रूप में देखा जा रहा है, जिससे सभी समुदायों के बीच बातचीत की शुरुआत हो सके और एक ऐसा रास्ता निकाला जा सके जो स्थायी शांति की ओर ले जाए।