MahaKumbh 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ और यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखने के लिए इंटरनेट मीडिया पर रील्स और सेल्फी लेने पर पाबंदी लगा दी गई है। पुलिस और सुरक्षा कर्मियों द्वारा मेले के क्षेत्र में रील्स और सेल्फी बनाने वालों पर पैनी नजर रखी जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों का मोबाइल भी जब्त किया जा सकता है। पुलिस की इस सख्ती से यूट्यूबर्स, डिजिटल क्रिएटर्स, और रील्स व सेल्फी के शौकीन युवाओं को धक्का लग सकता है, लेकिन यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि महाकुंभ में श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं का आगमन
महाकुंभ 2025 में देश-विदेश से लगभग 45 करोड़ श्रद्धालु, स्नान करने वाले, कल्पवासी और पर्यटकों के आने की संभावना है। ऐसे में उनकी सुरक्षा और सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाना आवश्यक है। अधिकारियों का कहना है कि मुख्य स्नान पर्व पर अखाड़ों का भव्य जुलूस निकलेगा, जिसे देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। इस भव्य आयोजन में सनातन संस्कृति की झलक देखने को मिलती है और श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर होता है। ऐसे समय में रील्स और सेल्फी बनाने वालों के कारण परेशानी उत्पन्न हो सकती है।
स्नान घाटों पर भीड़ और सुरक्षा का प्रबंध
संगम नोज, बड़े हनुमान मंदिर और अन्य धार्मिक व दर्शनीय स्थलों पर भीड़ का जमावड़ा होगा। इन स्थानों पर युवा लड़के-लड़कियों द्वारा रील्स और सेल्फी लेने से असुविधाजनक स्थिति उत्पन्न हो सकती है। अधिकारियों का मानना है कि यदि इंटरनेट मीडिया पर रील्स बनाने वाले युवाओं का समूह मेले के क्षेत्र में आकर एक स्थान पर रुक जाएगा, तो इससे यातायात और भीड़ प्रबंधन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
कई ऐसे कारणों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि महाकुंभ के दौरान रील्स बनाने, वीडियो शूटिंग और सेल्फी लेने पर पाबंदी लगाई जाएगी। हालांकि, महाकुंभ के प्रचार-प्रसार के लिए ऐसा करने वालों को पुलिस-प्रशासन से अनुमति मिल सकती है। वहीं, मेले के क्षेत्र में उन स्थानों पर सेल्फी ली जा सकेगी, जहां यातायात और भीड़ नियंत्रण व्यवस्था पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम
महाकुंभ 2025 को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) ने मंगलवार को पुलिस कर्मियों के लिए आईटी और सॉफ्ट स्किल्स का एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया। इस कार्यक्रम में मेले के दौरान भीड़ नियंत्रण के तकनीकी पहलुओं पर जोर दिया गया, साथ ही पुलिसकर्मियों को संचार और आपात स्थिति में समाधान संबंधी कौशलों में प्रशिक्षित किया गया।
यह पहल आईजी प्रेम कुमार गौतम के निर्देशन में शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य मेला क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों को आवश्यक तकनीकी और प्रबंधकीय ज्ञान से सुसज्जित करना है, ताकि वे भीड़ को कुशलतापूर्वक नियंत्रित कर सकें और किसी भी अप्रिय स्थिति का सामना कर सकें।
तनाव प्रबंधन में भी मिला प्रशिक्षण
आईआईआईटी के निदेशक प्रोफेसर मुकुल शरद सुतवाने ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महाकुंभ के प्रबंधकीय पहलुओं को मजबूत करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व प्रोफेसर ओपी व्यास कर रहे हैं। प्रोफेसर नीना कोहली ने पुलिसकर्मियों को तनाव प्रबंधन की तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रोफेसर ओपी व्यास का कहना है कि टीम का उद्देश्य पुलिसकर्मियों को ग्राउंड ड्यूटी के दौरान होने वाले तनाव को नियंत्रित करने में मदद करना है।
इस प्रशिक्षण से पुलिसकर्मी न केवल भीड़ प्रबंधन में कुशल बनेंगे, बल्कि वे अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रख सकेंगे। महाकुंभ के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों का यह प्रशिक्षण उन्हें चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सतर्कता से कार्य करने में मदद करेगा।
महाकुंभ 2025 में भीड़ और यातायात नियंत्रण के लिए सेल्फी और रील्स पर रोक लगाने का फैसला श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिकोण से लिया गया है। पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देकर उन्हें तकनीकी और मानसिक रूप से सशक्त किया जा रहा है ताकि वे इस विशाल आयोजन में किसी भी चुनौती का सामना कर सकें। महाकुंभ जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक मेले में अनुशासन बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इस निर्णय से आयोजन की भव्यता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित होगी।