Kushinagar News: हरियाणा के रोहतक में आयोजित नेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता में कुशीनगर की हाटा निवासी खिलाड़ी आइस प्रजापति को एक बार फिर से स्वर्ण पदक से चूकना पड़ा। आरके बॉक्सिंग क्लब और स्पोर्ट्स अकादमी हाटा की इस होनहार खिलाड़ी ने 54 किलोग्राम भार वर्ग में खेलते हुए रजत पदक जीता। फाइनल मुकाबले में उनका सामना मणिपुर की खिलाड़ी गिरिब्या से हुआ, जहां आइस को 3-2 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
प्रतियोगिता का आयोजन और आइस की भागीदारी
आरआरसी टैलेंट हट संयुक्त राष्ट्रीय बॉक्सिंग चैम्पियनशिप का आयोजन खेल प्राधिकरण द्वारा हरियाणा के रोहतक स्थित राष्ट्रीय बॉक्सिंग अकादमी में किया गया था। इस प्रतियोगिता में देश भर के प्रतिभाशाली बॉक्सर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे थे। आइस प्रजापति ने उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए 54 किलोग्राम भार वर्ग में अपनी जगह बनाई। हाटा की निवासी आइस ने अपनी कुशलता और जज्बे से इस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया और फाइनल तक का सफर तय किया।
फाइनल मुकाबला: स्वर्ण पदक से चूकने की कहानी
फाइनल मुकाबले में आइस प्रजापति का सामना मणिपुर की गिरिब्या से हुआ। मुकाबला बेहद ही रोमांचक और कांटे का रहा, जिसमें दोनों खिलाड़ियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। पूरे मैच के दौरान दोनों ही खिलाड़ी एक दूसरे के सामने डटकर खड़ी रहीं। हालांकि, अंत में गिरिब्या ने 3-2 के स्कोर से आइस को मात दे दी और स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया। आइस, जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया था, को स्वर्ण पदक से चूकने का अफसोस रहा, लेकिन रजत पदक के साथ ही उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत का सम्मान हासिल किया।
आइस प्रजापति की अब तक की यात्रा
आइस प्रजापति कुशीनगर के हाटा कस्बे की रहने वाली हैं और उनकी इस सफलता के पीछे वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण है। आइस का बॉक्सिंग के प्रति लगाव बचपन से ही रहा है, और उन्होंने आरके बॉक्सिंग क्लब और स्पोर्ट्स अकादमी हाटा के कोच राजेश कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में अपने खेल कौशल को निखारा है। उनकी इस मेहनत और प्रतिभा का नतीजा है कि वे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में सफल हो पाई हैं। आइस के इस प्रदर्शन ने न सिर्फ उनके परिवार को बल्कि पूरे क्षेत्र को गर्वित किया है।
कोच और खेल प्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
आइस की इस उपलब्धि पर उनके कोच राजेश कुमार गुप्ता और सभी खेल प्रतिनिधियों ने उन्हें बधाई दी है। कोच राजेश कुमार गुप्ता ने कहा, “आइस ने बहुत ही शानदार खेल दिखाया और अपने अनुभव और कौशल से सभी को प्रभावित किया। हालांकि वह स्वर्ण पदक से चूक गईं, लेकिन उनकी मेहनत और समर्पण ने यह साबित कर दिया है कि वह भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करेंगी।”
खेल प्रतिनिधियों और आइस के साथी खिलाड़ियों ने भी उन्हें रजत पदक जीतने पर बधाई दी और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। आइस के प्रदर्शन ने न सिर्फ उनके कोच और क्लब को गर्वित किया है, बल्कि उत्तर प्रदेश के खेल जगत में भी उनका नाम अब एक उभरती हुई बॉक्सर के रूप में लिया जा रहा है।
आइस की आगामी चुनौतियां
आइस प्रजापति के लिए यह रजत पदक एक नई शुरुआत है। उनके कोच और खेल विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में आइस और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का नाम रोशन करेंगी। उन्होंने कहा, “आइस में अपार संभावनाएं हैं और अगर वह इसी तरह मेहनत करती रहीं, तो वह जल्द ही स्वर्ण पदक भी जीतेंगी।”
आइस प्रजापति के लिए अब अगली चुनौती यह होगी कि वह अपनी गलतियों से सीखें और अपने खेल को और भी बेहतर बनाएं। उनकी इस हार से उन्हें यह मौका मिलेगा कि वे अपनी रणनीतियों और तकनीक में सुधार कर सकें और भविष्य के मुकाबलों में स्वर्ण पदक हासिल कर सकें।
परिवार और क्षेत्रवासियों की खुशी
आइस की इस उपलब्धि पर उनके परिवार और क्षेत्र के लोगों में भी खुशी की लहर दौड़ गई है। उनके पिता ने कहा, “हमें गर्व है कि हमारी बेटी ने राष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक जीता है। हम जानते हैं कि वह और भी बेहतर करेगी और एक दिन स्वर्ण पदक जरूर लाएगी।”
हाटा कस्बे के लोगों ने भी आइस की इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया है। उनके स्कूल के शिक्षकों और दोस्तों ने भी उन्हें बधाई दी है और कहा है कि आइस ने अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया है।