Kushinagar: कुशीनगर में किसानों ने गड़ौरा चीनी मिल को गन्ना आवंटन का किया विरोध

Kushinagar: कुशीनगर में किसानों ने गड़ौरा चीनी मिल को गन्ना आवंटन का किया विरोध

Kushinagar: कुशीनगर और महाराजगंज जिलों के गन्ना किसान गड़ौरा  चीनी मिल को गन्ना आवंटन के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें खेतों में आग लगाना स्वीकार है, लेकिन वे अपने गन्ने को गड़ौरा  चीनी मिल को नहीं देंगे। किसानों ने आरोप लगाया है कि गन्ना मिल प्रशासन पहले से ही लाखों रुपये के गन्ने का भुगतान रोक रहा है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को और भी गंभीर बना रहा है।

किसानों का एकजुट होना:

किसानों ने खड्डा ब्लॉक के मार्चहवा, बसंतपुर, शिवपुर, हरिहरपुर, नारायणपुर और महाराजगंज जिले के निचलौल ब्लॉक के सोहागीबरवा सहित कई गांवों से एकत्रित होकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान, उन्होंने बैनर और पोस्टर के माध्यम से अपनी नाराजगी व्यक्त की। किसानों ने कहा कि प्रशासन गड़ौरा  चीनी मिल को बालू क्षेत्र के गन्ने का आवंटन करने की तैयारी कर रहा है, जो उनके लिए अन्याय है।

किसानों की परेशानियाँ:

किसान रमेश शुक्ला, इजहार अंसारी, रामसहाय दुबे, बर्मा यादव, सुग्रीम चौहान, इंद्रासन कुशवाहा, आयुब खान, रामनारायण, हरिंदर, लक्ष्मी, फूलबादन, बद्री, लालू भगत, नथुनी, सिमरेखिया देवी और शांति देवी ने कहा कि गन्ना मिल प्रशासन लाखों रुपये के गन्ने का भुगतान नहीं कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि गड़ौरा  चीनी मिल को गन्ना आवंटित किया गया, तो यह उनके लिए एक गंभीर समस्या होगी।

Kushinagar: कुशीनगर में किसानों ने गड़ौरा चीनी मिल को गन्ना आवंटन का किया विरोध

किसानों ने प्रशासन से सवाल किया कि जब वे पहले से ही आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, तो ऐसे में गड़ौरा  चीनी मिल को गन्ना आवंटित करना उनके लिए और भी अधिक कठिनाइयाँ उत्पन्न करेगा। किसान समुदाय ने यह स्पष्ट किया कि अगर उनकी आवाज़ नहीं सुनी गई, तो वे संघर्ष जारी रखेंगे।

प्रशासन का अनदेखी:

किसान इस बात से परेशान हैं कि प्रशासन उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रहा है। उन्होंने कहा कि गन्ना मिल प्रशासन द्वारा उनके गन्ने के भुगतान में देरी से उनकी आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ रही है। किसानों का आरोप है कि जब वे अपनी मेहनत की उपज को बेचने का प्रयास करते हैं, तो उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिलता है।

गन्ना उत्पादन में गिरावट:

किसान बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में गन्ना उत्पादन में गिरावट आई है, जिससे उनकी आय प्रभावित हुई है। बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाएँ उनकी फसल को नुकसान पहुँचा रही हैं। ऐसे में अगर गड़ौरा  चीनी मिल को गन्ना आवंटित किया गया, तो उनकी मेहनत का कोई मूल्य नहीं रहेगा।

गन्ना मिल का रवैया:

गन्ना मिल प्रशासन ने किसानों के आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि वे उचित प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं। मिल के अधिकारियों का कहना है कि गन्ना किसानों को समय पर भुगतान किया जाएगा और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। हालांकि, किसानों को इस बात पर विश्वास नहीं है और वे अपनी आवाज उठाते रहेंगे।

सरकार से अपील:

किसानों ने सरकार से अपील की है कि वह उनकी समस्याओं को गंभीरता से लें और गड़ौरा  चीनी मिल को गन्ना आवंटन की प्रक्रिया को रोकें। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे और अधिक सख्त आंदोलन करने के लिए तैयार हैं।

किसानों ने कहा कि वे अपनी मेहनत के उचित मुआवजे के बिना पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रशासन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करता है, तो वे अपनी आवाज उठाने के लिए और भी बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे।

किसानों का संकल्प:

किसानों ने एकजुटता दिखाई है और यह स्पष्ट किया है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे। उनका कहना है कि वे किसी भी प्रकार के अन्याय को सहन नहीं करेंगे और प्रशासन को उनकी आवाज सुननी होगी।

समाज के समर्थन की आवश्यकता:

किसानों का यह संघर्ष न केवल उनके लिए है, बल्कि यह समाज के अन्य वर्गों के लिए भी एक संदेश है कि जब वे एकजुट होते हैं, तो उनके अधिकारों की रक्षा की जा सकती है। समाज के अन्य वर्गों को भी किसानों के इस संघर्ष में समर्थन करना चाहिए ताकि वे अपनी आवाज को सही तरीके से उठा सकें।

इस विरोध प्रदर्शन ने कुशीनगर में गन्ना किसानों की एकता को दर्शाया है। वे अब अपनी आवाज उठाने के लिए तैयार हैं और अपने हक की लड़ाई में पीछे नहीं हटेंगे। प्रशासन को चाहिए कि वह किसानों की समस्याओं को समझे और उनके प्रति संवेदनशीलता दिखाए ताकि वे अपने हक की लड़ाई में सफल हो सकें।

किसान समुदाय का यह संघर्ष न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए है, बल्कि यह अन्य किसानों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि जब वे एकजुट होते हैं, तो उनके अधिकारों की रक्षा की जा सकती है। किसान एक नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ रहे हैं, और उनकी मेहनत और संघर्ष का फल अवश्य मिलेगा।

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