Kushinagar: डॉक्टर को MRI मशीन देने के नाम पर 1.61 करोड़ की ठगी, पुलिस ने मामला दर्ज किया

Kushinagar: डॉक्टर को MRI मशीन देने के नाम पर 1.61 करोड़ की ठगी, पुलिस ने मामला दर्ज किया

Kushinagar: कुशीनगर जिले में एक डॉक्टर दंपति से MRI मशीन देने के नाम पर 1.61 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। यह ठगी संत कबीर नगर के एक व्यक्ति द्वारा की गई। जब तय समय पर मशीन नहीं मिली और ठग बहाने बनाने लगा, तब डॉक्टर को ठगी का एहसास हुआ। डॉक्टर की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

क्या है पूरा मामला?

डॉ. कमलेश वर्मा, जो मुन्ना कॉलोनी बलुचहा रोड के निवासी हैं, पडरौना में एक अस्पताल का संचालन करते हैं। कसया में MRI मशीन लगाने की योजना के तहत, करीब दो साल पहले संत कबीर नगर के साहस्रव माफी निवासी मोहम्मद इमरान खान नामक ठग ने डॉक्टर कमलेश वर्मा से संपर्क किया। उसने खुद को एक कंपनी का निदेशक बताया और कहा कि कंपनी का कार्यालय लखनऊ में स्थित है।

Kushinagar: डॉक्टर को MRI मशीन देने के नाम पर 1.61 करोड़ की ठगी, पुलिस ने मामला दर्ज किया

डॉ. वर्मा को ठग ने यह आश्वासन दिया कि वह MRI मशीन उचित कीमत पर उन्हें उपलब्ध करवा देगा। इस पर विश्वास करते हुए डॉक्टर ने उसे पहली बार में 30 लाख रुपये दिए। ठग ने कुछ समय बाद और पैसों की मांग की। डॉक्टर ने कुल मिलाकर 1.61 करोड़ रुपये ठग को नकद और बैंक खाते के माध्यम से दे दिए।

ठगी का खुलासा

समय बीतने के बावजूद जब MRI मशीन नहीं मिली, तो डॉक्टर और उनकी पत्नी को शक हुआ। इसके बाद वे ठग के घर गए, जहां उन्हें कुछ मशीन के हिस्से दिए गए। ठग ने कहा कि जल्द ही पूरी मशीन भी आ जाएगी। लेकिन जब मशीन नहीं आई और ठग ने टालमटोल शुरू किया, तब डॉक्टर को एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हो गई है।

ठग ने जब डॉक्टर पर दबाव डाला गया तो उसने मशीन देने में असमर्थता जताई और पैसे वापस करने के लिए समय मांगा। तय समय बीतने के बाद भी पैसे वापस नहीं किए गए।

पुलिस में शिकायत और कार्रवाई

डॉ. कमलेश वर्मा ने इस मामले की शिकायत पडरौना कोतवाली में दर्ज करवाई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी मोहम्मद इमरान खान के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। कोतवाली इंस्पेक्टर रवि राय ने बताया कि ठगी का मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

ठगी के शिकार डॉक्टर का बयान

डॉ. कमलेश वर्मा ने बताया कि उनकी मंशा कसया क्षेत्र में MRI मशीन लगाकर वहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की थी। उन्होंने ठग मोहम्मद इमरान खान पर भरोसा किया, जो खुद को एक प्रतिष्ठित कंपनी का निदेशक बता रहा था। लेकिन वह पूरी योजना केवल एक धोखाधड़ी निकली। डॉक्टर ने बताया कि जब उन्होंने पहली बार 30 लाख रुपये दिए थे, तब उन्हें कोई शक नहीं हुआ, क्योंकि ठग ने खुद को बेहद पेशेवर ढंग से पेश किया था।

लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया और मशीन नहीं मिली, तब उन्होंने ठग के इरादों पर शक करना शुरू किया। जब उन्होंने मशीन की मांग की, तो ठग ने कुछ हिस्से भेज दिए, जिससे उन्हें लगा कि मशीन आ जाएगी। परंतु यह केवल ठग का एक और बहाना था।

पुलिस की जांच और अगली कार्रवाई

पुलिस ने डॉक्टर की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अब ठग की तलाश कर रही है और यह जांच कर रही है कि आरोपी ने और कितने लोगों को इस तरह से ठगा है।

कोतवाली इंस्पेक्टर रवि राय ने कहा कि मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी ने अन्य जगहों पर भी इस तरह की धोखाधड़ी की है या नहीं। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में धोखाधड़ी का मामला

यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि स्वास्थ्य सेवा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भी धोखाधड़ी करने वाले सक्रिय हैं। डॉक्टर कमलेश वर्मा जैसे लोगों का उद्देश्य जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, लेकिन ऐसे ठग उनके प्रयासों को नुकसान पहुंचाते हैं। यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अधिक सावधानी और पारदर्शिता की मांग को उजागर करता है।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *