Kushinagar: कुशीनगर के रामकोला थाना क्षेत्र के रामपुर बाघा गांव में दो समुदायों के बीच झड़प हो गई, जिसमें पत्थरबाजी की घटनाओं में 10 लोग घायल हो गए। घटना के बाद गांव में तनाव बढ़ गया, और सुरक्षा के मद्देनजर पूरे गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।
घटना का विवरण
सूत्रों के अनुसार, रामपुर बाघा गांव में सहबगंज टोला के निवासी अल्हाम और मुन्ना रौनियार के बच्चों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ। इस विवाद की सूचना मिलते ही दोनों पक्ष के लोग वहां पहुंचे और कहासुनी शुरू हो गई। यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच मारपीट और पत्थरबाजी होने लगी।
घटनास्थल पर पहुंचने के बाद पुलिस ने गंभीर रूप से घायल लोगों को अस्पताल भेजा। एक पक्ष के अल्हाम (40), अब्दुल हसन (18), सरफुन नेशा (38), और जाहिरु नेशा (45) को चोटें आईं, जबकि दूसरे पक्ष के मुन्ना रौनियार (45), सतीश रौनियार (17), पिंकी देवी (33), मुकेश (18), और राधेश्याम चौबे (30) भी घायल हुए।
पुलिस का कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही कुशीनगर के एसपी संतोष कुमार मिश्रा सहित पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थिति की जानकारी ली। सुरक्षा के लिहाज से गांव में पुलिस बल तैनात किया गया। तीन गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को काप्तागंज सीएचसी से मेडिकल कॉलेज कुशीनगर रेफर किया गया।
एसपी ने रात तक गांव में गश्त की और स्थानीय निवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “हमने गांव में सुरक्षा बढ़ा दी है। हालात सामान्य हैं, लेकिन किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए सतर्क रहना आवश्यक है।”
पहले हुए विवाद का असर
इस विवाद की पृष्ठभूमि में दो दिन पहले गांव के टipu और मुन्ना रौनियार के बीच एक बच्चे के साथ विवाद हो चुका था। हालांकि, उस समय ग्रामीणों ने मामले को समझा-बुझाकर सुलझा दिया था। लेकिन इस घटना के कारण दोनों पक्षों के बीच तनाव बना रहा। अब जब बच्चों के बीच एक बार फिर से विवाद हुआ, तो यह स्थिति हाथ से निकल गई और पत्थरबाजी की घटना हो गई।
स्थानीय व्यापारियों और निवासियों की चिंताएं
इस घटना के बाद स्थानीय व्यापारियों और निवासियों में चिंता का माहौल है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से अनुरोध किया है कि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। गांव में बढ़ते तनाव को देखते हुए व्यापारियों ने अपने व्यापारिक गतिविधियों को भी प्रभावित होने का डर जताया है।
एक स्थानीय व्यापारी ने कहा, “इस तरह की घटनाएं हमारे व्यवसाय को नुकसान पहुंचा सकती हैं। हमें सुरक्षित माहौल चाहिए ताकि हम अपने व्यापार को सामान्य रूप से चला सकें।”
सुरक्षा और शांति बनाए रखने के प्रयास
गांव में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्रशासन ने कई सुरक्षा उपाय किए हैं। गांव के चारों ओर पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है, और क्षेत्राधिकारी को मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया है। पुलिस ने सभी संबंधित पक्षों के लोगों से शांत रहने और किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने की अपील की है।
एसपी संतोष कुमार मिश्रा ने कहा, “हम इस मामले की जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी को यह समझना होगा कि किसी भी तरह की हिंसा से न केवल समाज में तनाव बढ़ता है, बल्कि इससे समाज का सामूहिक सद्भाव भी खतरे में पड़ता है।”
कुशीनगर के रामपुर बाघा गांव में हुए इस विवाद ने एक बार फिर से सामुदायिक तनाव को उजागर किया है। पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए जो कदम उठाए हैं, वे सराहनीय हैं। लेकिन गांव के निवासियों को भी यह समझना होगा कि शांति और एकता ही सबसे बड़ी ताकत है।
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि कैसे छोटे-छोटे विवाद बड़ी समस्या बन सकते हैं। इसलिए सभी को चाहिए कि वे समझदारी से काम लें और किसी भी तरह की झड़प से बचें। आशा है कि कुशीनगर प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और भविष्य में ऐसे विवादों को रोकने के लिए उचित कदम उठाएगा।