कर्नाटक हाईकोर्ट ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स की याचिका खारिज कर दी। एक्स ने केंद्र सरकार पर IT एक्ट के माध्यम से कंटेंट ब्लॉक करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। कंपनी ने यह मांग की थी कि IT एक्ट की धारा 79(3)(बी) केंद्र को सूचना अवरुद्ध करने का अधिकार नहीं देती। हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया।
अमेरिकी कानून भारत पर लागू नहीं हो सकता
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। कोर्ट ने कहा कि सूचना और संचार को कभी भी बिना नियम के नहीं छोड़ा जा सकता। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19(2) के तहत प्रतिबंधों के अधीन है। अमेरिकी न्यायशास्त्र को भारतीय परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं किया जा सकता।
भारत में नियमों का पालन अनिवार्य
हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया को अराजक स्वतंत्रता की स्थिति में नहीं छोड़ा जा सकता। प्रत्येक संप्रभु राष्ट्र सोशल मीडिया को नियंत्रित करता है। कोई भी प्लेटफॉर्म भारत को सिर्फ खेल का मैदान नहीं मान सकता। कंटेंट को विनियमित करना आवश्यक है।
अमेरिकी प्लेटफॉर्म और भारत
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता एक्स अमेरिका में अपने कानूनों का पालन करता है, लेकिन भारत में लागू आदेशों को मानने से इनकार कर रहा है। भारत में नियमों का पालन करना अनिवार्य है। अतः कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक्स की याचिका खारिज कर दी। यह निर्णय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए भारत में नियमों के पालन का स्पष्ट संदेश है।