Jammu And Kashmir Encounter: जम्मू और कश्मीर के जबरवान पहाड़ियों में दो ट्रेकर मौत के मुंह से निकलने में सफल रहे। ये ट्रेकर भारी गोलीबारी के बीच फंस गए थे, लेकिन उन्होंने पुलिस को 100 नंबर पर कॉल करके अपनी खतरनाक स्थिति की जानकारी दी, जिससे उनकी जान बचाई जा सकी। इस घटना के बाद, जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कश्मीर घाटी में सभी ट्रेकरों और टूर ऑपरेटरों को विशेष सुरक्षा सलाह जारी की है।
मुठभेड़ की शुरुआत और ट्रेकरों का फंसना
यह मुठभेड़ रविवार (10 नवंबर) सुबह श्रीनगर के बाहरी इलाके के इशबार गांव में शुरू हुई थी, जब भारतीय सेना की विशेष बलों को आतंकवादियों के छिपे होने की जानकारी मिली। सुरक्षा अभियान के दौरान, ट्रेकरों का रास्ता फायरिंग क्षेत्र के पास से गुजर रहा था और वे इससे फंस गए। हालांकि, तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम (PCR) से संपर्क करने के बाद सुरक्षा टीम ने अस्थायी रूप से ऑपरेशन को रोककर ट्रेकरों को बचा लिया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह घटनाक्रम उनके त्वरित कदम के कारण संभव हो सका।
आईजीपी ने जारी किया सुरक्षा प्रोटोकॉल
इस घटना के बाद, कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) विधि कुमार बिर्धी ने ट्रेकरों और टूर ऑपरेटरों को कश्मीर घाटी के संवेदनशील क्षेत्रों में यात्रा करने से पहले स्थानीय पुलिस स्टेशन को सूचित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “ट्रेकरों को अपनी यात्रा योजनाओं और मार्गों के बारे में पहले से पुलिस स्टेशन को सूचित करना चाहिए, ताकि अगर कोई अप्रत्याशित घटना घटे, तो हम उनकी सुरक्षा के लिए त्वरित कार्रवाई कर सकें।”
सुरक्षा ऑपरेशनों के दौरान तुरंत पुलिस से संपर्क करें
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि सुरक्षा ऑपरेशनों के दौरान पुलिस से तुरंत संपर्क करना कितना महत्वपूर्ण हो सकता है। पुलिस कंट्रोल रूम (PCR) के साथ समन्वय ने इस स्थिति को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके कारण ट्रेकरों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला जा सका। पुलिस ने कहा कि वे ट्रेकरों को हेल्पलाइन सेवाओं का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत मदद प्राप्त की जा सके।
पुलिस ने जनता से सहयोग की अपील की
कश्मीर के IGP ने यह भी कहा कि रविवार को ट्रेकरों की जान बचाना एक सौभाग्यपूर्ण घटना थी, लेकिन भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए पुलिस और जनता के बीच सहयोग आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि केवल पुलिस ही सुरक्षा ऑपरेशनों के दौरान उचित समन्वय और त्वरित सहायता प्रदान कर सकती है, ताकि समय रहते ऐसे हादसों से बचा जा सके।
कश्मीर में जबरवान मुठभेड़ के दौरान फंसे ट्रेकरों की जान बचाना पुलिस की तत्परता और प्रभावी प्रतिक्रिया का परिणाम था। पुलिस द्वारा तत्काल कदम उठाने और ट्रेकरों से संपर्क करने के कारण इस स्थिति का हल निकाला जा सका। इस घटना ने यह भी उजागर किया कि कश्मीर घाटी में यात्रा करते समय सुरक्षा संबंधी सावधानियां बरतना और पुलिस से समन्वय करना कितना महत्वपूर्ण है। पुलिस और आम जनता के बीच सहयोग से ही भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचा जा सकता है।