प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कौशल दीक्षांत समारोह में आईटीआई लखनऊ की छात्राओं प्रीति कांडू और साक्षी चौरसिया को सम्मानित किया। प्रीति और साक्षी ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से पूरे देश में आईटीआई छात्राओं का मान बढ़ाया है।
आईटीआई अलीगंज लखनऊ की छात्रा प्रीति कांडू ने इंजीनियरिंग ट्रेड की परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप किया है। वहीं, साक्षी चौरसिया ने शिल्प प्रशिक्षक प्रशिक्षण योजना (CITS) परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप-15 में स्थान हासिल किया। सम्मान मिलने के बाद दोनों छात्राओं ने कहा कि प्रधानमंत्री के हाथों यह सम्मान पाना उनके लिए सपने के सच होने जैसा है। उन्होंने अपने शिक्षकों, संस्थान और अभिभावकों का आभार भी व्यक्त किया।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से देश के विकास में कौशल की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में युवा शक्ति का कौशल सबसे बड़ी पूंजी है और यही देश को आगे बढ़ाने में मदद करता है।
अलीगंज के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में शनिवार को आयोजित दीक्षा समारोह में 75 युवाओं को प्रमाण पत्र और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इलेक्ट्रिक पावर डिस्ट्रीब्यूशन ट्रेड में आल इंडिया टॉपर आनंद यादव ने 1200 में 1108 अंक हासिल कर पहला स्थान पाया। इसके अलावा ड्राफ्टमैन सिविल में दिव्यांश सिंह, ड्राफ्टमैन मैकेनिकल में शिवा शर्मा, इलेक्ट्रीशियन में शिवानी मिश्रा, इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक में शिवांग वर्मा और फिटर में अंकित ने अपनी ट्रेड में पहला स्थान हासिल किया।
दीक्षा समारोह में पहले तीन स्थान पाने वाले मेधावियों को प्रमाण पत्र दिए गए। संस्थान के अनुदेशक ओम कुमार तिवारी ने बताया कि कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के तहत नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कौशल दीक्षांत समारोह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी किया गया।
आनंद यादव ने कहा कि अपनी ट्रेड में महारत हासिल करने के बाद अब इसी क्षेत्र में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपनी प्रतिभा को तराशने में मेहनत करनी चाहिए और मंजिल जरूर मिलेगी। उन्होंने डिग्री धारकों से भी कहा कि हुनर को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि हुनर की कोई डिग्री नहीं होती। आइटीआइ ने युवाओं की प्रतिभा को निखारने का अवसर दिया है और उनका यह स्थान अनुदेशक और सहपाठियों के सहयोग से संभव हुआ।