भारतीय सेना ने ‘अनंत शस्त्र’ QRSAM के अनुदान हेतु RFP जारी किया, अब सीमाओं पर वायु रक्षा अधिक सशक्त होगी

भारतीय सेना ने 'अनंत शस्त्र' QRSAM के अनुदान हेतु RFP जारी किया, अब सीमाओं पर वायु रक्षा अधिक सशक्त होगी

भारतीय सेना ने अपने आकाशीय सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वायु रक्षा बल ने क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QRSAM) को अनंत शस्त्र में शामिल करने के लिए प्रस्ताव का अनुरोध (RFP) जारी किया है। इसके बाद अनंत शस्त्र टैंकों, पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों और तोपों को दुश्मन के विमानों, ड्रोन और आधुनिक हथियारों से सुरक्षित रखेगा। सेना ने तीन रेजिमेंट बनाने की योजना बनाई है, जो वायु रक्षा को अपने गतिशील सैनिकों की सुरक्षा में ताकतवर बढ़त देंगे।

आसमान में और भी मज़बूत दीवार बनेगी अनंत शस्त्र.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की वायु रक्षा ने दुश्मन के हवाई खतरों के सामने जैसे अडिग दीवार बनकर अपनी ताकत दिखाई. अनंत शस्त्र के शामिल होने से यह दीवार और भी मजबूत हो जाएगी. यह सिस्टम विशेष रूप से निचले से मध्यम ऊंचाई वाले हवाई क्षेत्र में प्रभावी रहेगा. अनंत शस्त्र एयर लिटोरल पर अपना दबदबा बनाएगा जो दस किलोमीटर तक के निचले से मध्यम हवाई क्षेत्र को कवरेज देता है. यही वह ज़ोन है जो जमीन पर तैनात सैनिकों और उपकरणों को सीधे प्रभावित करता है. इस क्षेत्र की रक्षा करके यह प्रणाली विमानों हेलीकॉप्टरों और ड्रोन जैसे खतरों से सैनिकों को सुरक्षित रखेगी. इससे जवान बिना पीछे देखे अदम्य आत्मविश्वास के साथ मिशन पूरा कर सकेंगे.

भारतीय सेना ने 'अनंत शस्त्र' QRSAM के अनुदान हेतु RFP जारी किया, अब सीमाओं पर वायु रक्षा अधिक सशक्त होगी

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में नया कदम

अनंत शस्त्र QRSAM भारतीय रक्षा प्रणाली का एक गौरवपूर्ण और विश्वस्तरीय हिस्सा है. इसे डीआरडीओ ने बीईएल और बीडीएल के सहयोग से पूरी तरह स्वदेशी रूप में विकसित किया है. यह मिसाइल प्रणाली मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की भावना को बखूबी दर्शाती है. अनंत शस्त्र QRSAM सेना की जरूरतों के अनुसार डिजाइन किया गया है. यह तेजी से बदलते युद्धक्षेत्र में भी मोबाइल और मशीनीकृत इकाइयों को हवाई खतरों से सुरक्षित रखेगा. यह सिर्फ एक मिसाइल प्रणाली नहीं है बल्कि भारत की तकनीकी शक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक भी है.

  1. रेंज और ऊंचाई- यह 30 से 40 किमी दूर स्थित खतरों को नष्ट करता है. यह 6 से 10 किमी की ऊँचाई पर मौजूद लक्ष्यों को निष्क्रिय करता है. लक्ष्यों में लड़ाकू विमान. हमलावर हेलीकॉप्टर. ड्रोन. रॉकेट और मिसाइल शामिल हैं.
  2. गतिशीलता- अनंत शस्त्र 8×8 उच्च गतिशीलता वाहनों पर स्थापित होता है. यह पहाड़ों. रेगिस्तानों और मैदानों में बगैर रुकावट के घूम सकता है. यह मोबाइल टुकड़ियों के साथ तेज़ी से तालमेल बैठा लेता है.
  3. तकनीकी बढ़त- सिस्टम 360 डिग्री रडार से सुसज्जित है. इसमें स्वचालित कमांड और कंट्रोल सिस्टम है. यह सभी मौसमों में लक्ष्य ट्रैक कर सकता है.
  4. लचीलापन- यह इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग का प्रभाव सहने के लिए डिजाइन किया गया है. प्रतिकूल हालातों में भी यह सटीकता और विश्वसनीयता बनाए रखता है.

रणनीतिक महत्व.

करीब ₹30,000 करोड़ की योजना के तहत तीन रेजिमेंटों को पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर तैनात किया जाएगा. अनंत शस्त्र सुनिश्चित करेगा कि भारत की यंत्रीकृत सेनाएँ पारंपरिक हवाई हमलों और ड्रोन झुंड जैसे नए दोनों से सुरक्षित रहें. यह सिस्टम मोर्चे पर हमारी लक्षित रक्षा क्षमता को बहुत मजबूत करेगा.

आगे की राह.

अनंत शस्त्र को भारत की एक बड़ी छलांग के रूप में देखा जा रहा है जो स्वदेशी नवाचार से युद्धक्षेत्र की जरूरतें पूरी करेगा. इससे सैनिकों को यह भरोसा मिलेगा कि उनका आसमान सुरक्षित है. नौ इकाइयों के उत्पादन की योजना है जो 36 मिसाइलों और 36 रडारों के बराबर होंगी. इसका उद्देश्य दुश्मन के हवाई खतरों को बेअसर करके हमारी मशीनीकृत और बख्तरबंद संरचनाओं की रक्षा करना है.

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *