Gorakhupr News: महिला की मौत के बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम किया, खेत में पड़ी नग्न तार से हुई मौत

Gorakhupr News: महिला की मौत के बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम किया, खेत में पड़ी नग्न तार से हुई मौत

Gorakhupr News: गोरखपुर जिले के गोला इलाके के जानीपुर (भुवाहिया) गांव में एक महिला की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने सोमवार को गोलाकौडीराम सड़क पर शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया। महिला की मौत रविवार को खेत में रखे नग्न तार से संपर्क होने के कारण हुई थी। इस घटना के बाद से पूरे गांव में गुस्से का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों ने घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

महिला की मौत का घटनाक्रम

कौशल्या (50) रविवार सुबह अपनी नियमित मॉर्निंग वॉक पर जा रही थी। इसी दौरान वह खेत में रखी नग्न तार से संपर्क में आ गईं, जो करंट से भरी हुई थी। जैसे ही कौशल्या ने उस तार पर कदम रखा, उन्हें करंट लग गया, जिससे उनकी मौत हो गई। ग्रामीणों और परिवार वालों के अनुसार, यह तार खेतों में बिना किसी चेतावनी के रखा गया था और इससे किसी भी समय दुर्घटना हो सकती थी। घटना की जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।

पोस्टमॉर्टम के बाद गुस्से का इजहार

कौशल्या की लाश सोमवार को पोस्टमॉर्टम के बाद घर पहुंची, तो पूरे गांव में गुस्से का माहौल बन गया। परिवार और गांववाले इस घटना को लेकर काफी आक्रोशित थे। उन्होंने मृतका के शव को गोलाकौडीराम सड़क पर रखकर विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। करीब एक घंटे तक सड़क पर जाम लगा रहा, जिससे राहगीरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। जाम के कारण सड़क पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया, जिससे लोगों की रोजमर्रा की यात्रा बाधित हो गई।

Gorakhupr News: महिला की मौत के बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम किया, खेत में पड़ी नग्न तार से हुई मौत

पुलिस की कार्रवाई

सड़क जाम की सूचना मिलने के बाद, गोला  थाने के थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिवार वालों और ग्रामीणों से बातचीत की और उनकी मांगों को गंभीरता से लिया। परिवार के सदस्य रविंद्र की शिकायत पर पुलिस ने रामाशिश, दिनेश, फूलमती और मंसा के खिलाफ नग्न तार खेत में रखने की वजह से हादसा होने का मामला दर्ज किया। पुलिस ने इस मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही और मामले की जांच शुरू कर दी। इसके बाद, ग्रामीणों और परिवार वालों ने शव को मुक्तिधाम ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया।

ग्रामवासियों की चिंताएं और समस्याएं

इस घटना के बाद गांववाले इस बात को लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि खेतों में बिना किसी चेतावनी के ऐसे नग्न तार क्यों रखे गए थे। ग्रामीणों का कहना है कि यह तार न केवल कौशल्या की मौत का कारण बना, बल्कि क्षेत्र में कई अन्य दुर्घटनाओं का कारण बन सकता था। उन्होंने मांग की है कि ऐसे तारों को जल्द से जल्द हटाया जाए और खेतों में इस प्रकार के खतरनाक उपकरणों को रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

महिला की पहचान और परिवार

कौशल्या का परिवार जानीपुर  (भुवाहिया) गांव में लंबे समय से रह रहा था। उनका पति पहले ही इस दुनिया से जा चुका था, और वह अपने बच्चों के साथ अकेले रह रही थी। रविवार सुबह, जैसे ही कौशल्या रोज की तरह मॉर्निंग वॉक पर गईं, उन्होंने अनजाने में उस खेत में रखे तार से संपर्क किया और उनकी जान चली गई। कौशल्या के परिवार ने अपनी मां को खो दिया, जिसके कारण उन्हें गहरा दुख पहुंचा है। कौशल्या का बेटा रविंद्र ने इस हादसे के बाद पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई है।

ग्रामीणों का आक्रोश और पुलिस की भूमिका

इस घटना के बाद, गांव के लोग खासे नाराज हैं और उन्होंने पुलिस से जवाबदेही की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते तार को हटा लिया जाता या चेतावनी दी जाती, तो शायद यह हादसा न होता। कुछ गांववालों का मानना है कि यह घटना पुलिस और प्रशासन की लापरवाही का परिणाम है, क्योंकि क्षेत्र में इस प्रकार की खतरनाक तारें बिना किसी चेतावनी के रखी जाती हैं, जो किसी भी समय दुर्घटना का कारण बन सकती हैं।

आगे की कार्रवाई

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और अब घटना की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मामले में जल्द ही निष्कर्ष पर पहुंचने की कोशिश की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने यह भी कहा है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए भविष्य में क्षेत्र में निगरानी बढ़ाई जाएगी और खतरनाक उपकरणों को लेकर कड़े नियम बनाए जाएंगे।

कौशल्या की मौत एक दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, जो यह दिखाती है कि किस तरह से लापरवाही से रखी गई नग्न तारें इंसान की जान ले सकती हैं। यह घटना न केवल एक परिवार की जिंदगी को बदल देती है, बल्कि पूरे गांव के लिए एक चेतावनी भी है। अब समय आ गया है कि प्रशासन और पुलिस इस प्रकार की घटनाओं को गंभीरता से लें और किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचने के लिए सख्त कदम उठाएं। अगर इस तरह के खतरों को समय रहते रोका न गया, तो भविष्य में ऐसे हादसों का सिलसिला जारी रह सकता है।

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