Gorakhpur, श्री श्री रामलीला समिति के महासचिव हरिद्वार वर्मा ने बुधवार को आरोप लगाया कि पार्षद लाली गुप्ता ने रावण दहन के बाद राघव-शक्ति मिलन के लिए जा रहे भगवान श्री राम के रथ को रुकवाने की कोशिश की। यह न केवल अस्वीकार्य है बल्कि प्रशासन द्वारा इस पर अब तक कोई कार्रवाई न होने पर भी चिंता व्यक्त की गई है।
वर्मा ने कहा कि भारत मिलाप कार्यक्रम गुरुवार रात को आयोजित होने वाला है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस कार्यक्रम में कोई भी असामान्य गतिविधि होती है या कोई अप्रिय घटना घटती है, तो प्रशासन और एसपी के समर्थन वाले पार्षद सीधे तौर पर इसके लिए जिम्मेदार होंगे। उन्होंने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।
वर्मा ने बताया कि पिछले 162 वर्षों से भगवान श्री राम की बारात, रामलीला मंचन, दुर्गा शक्ति मिलन, भारत मिलाप और भगवान का राजतिलक जैसे भव्य और दिव्य कार्यक्रम श्री राम लीला समिति द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं। इन सभी वर्षों में किसी भी स्थानीय पार्षद, सदस्य, नागरिक, संगठन या अधिकारियों से कोई आपत्ति नहीं आई है। बल्कि, सभी ने हमेशा भगवान श्री राम के इस भव्य आयोजन को और अधिक दिव्य बनाने में सहयोग किया है।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
वर्मा ने सवाल उठाया कि ऐसी कौन सी परिस्थिति उत्पन्न हो गई है कि पिछले छह महीनों में पहली बार निर्वाचित हुए स्थानीय पार्षद ने राम लीला समिति के खिलाफ झूठे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब प्रशासन ने इन आरोपों और राम लीला समिति के दस्तावेजों की जांच की, तो प्रशासन ने भी लापरवाही दिखाई।
उन्होंने कहा, “अगर समिति द्वारा कोई गलती सामने आई है, तो प्रशासन को राम लीला मंचन को रोक देना चाहिए था और इस परिसर को अपने नियंत्रण में ले लेना चाहिए था। लेकिन यदि आरोप सच नहीं पाए जाते हैं, तो फिर प्रशासन इस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है जो भगवान श्री राम के नाम पर समिति पर बार-बार आरोप लगा रहा है।”
गलत तथ्यों के आधार पर आरोप
वर्मा ने यह भी कहा कि हाल ही में राम लीला के मंचन के दौरान, पार्षद ने श्री राम लीला समिति के खिलाफ गलत तथ्यों के आधार पर आरोप लगाए थे, जिसके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। अधिकारियों की समझदारी से यह हुआ कि उन्होंने सत्य जानने के बाद अपने निर्णय को तुरंत वापस ले लिया।
उन्होंने यह भी सवाल किया कि यदि प्रभु के प्रदर्शन के बीच में इस तरह के झूठे आरोप लगाए जाते हैं, तो इसके पीछे क्या मकसद हो सकता है। वर्मा ने प्रशासन से स्पष्ट कार्रवाई की मांग की है, ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था या विवाद की स्थिति से बचा जा सके।
रामलीला समिति का गौरवमयी इतिहास
रामलीला समिति का इतिहास बहुत ही गौरवमयी रहा है। इस समिति ने न केवल धार्मिक आयोजनों का आयोजन किया है, बल्कि समाज में धार्मिक सद्भावना और एकता को भी बढ़ावा दिया है। रामलीला का मंचन हर साल धूमधाम से किया जाता है और इसमें लोग बड़े उत्साह के साथ भाग लेते हैं।
समिति के महासचिव ने यह भी कहा कि इस बार की रामलीला में अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है, तो इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रशासन और उन पार्षदों पर होगी जो ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं।
सुरक्षा की आवश्यकता
उन्होंने प्रशासन से मांग की कि भारत मिलाप कार्यक्रम के लिए सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया जाए। “हम सभी चाहते हैं कि भगवान श्री राम का यह कार्यक्रम बिना किसी विघ्न के सम्पन्न हो। लेकिन, अगर प्रशासन अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाता है, तो हम सभी के लिए यह एक चिंता का विषय होगा,” उन्होंने कहा।
वर्मा ने जोर देकर कहा कि समिति की मांगों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को उचित कदम उठाने चाहिए। इससे न केवल धार्मिक आयोजनों का संरक्षण होगा, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे को भी बढ़ावा मिलेगा।