Gorakhpur Passport Fraud: गोरखपुर पासपोर्ट ऑफिस में फर्जीवाड़े का खुलासा! उपेंद्र यादव दो पासपोर्ट के जाल में फंसा

Gorakhpur Passport Fraud: गोरखपुर पासपोर्ट ऑफिस में फर्जीवाड़े का खुलासा! उपेंद्र यादव दो पासपोर्ट के जाल में फंसा

Gorakhpur Passport Fraud: गोरखपुर पासपोर्ट ऑफिस में इन दिनों फर्जी तरीके से दो पासपोर्ट बनवाने का खेल जोरों पर है। हाल ही में दो दलालों को जेल भेजा गया था लेकिन अब फिर एक नया मामला सामने आया है। इस बार देवरिया निवासी उपेंद्र नाथ यादव पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए दो पासपोर्ट बनवाने का आरोप लगा है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और उसकी तलाश शुरू कर दी गई है।

दो अलग-अलग पते और नाम से पासपोर्ट बनवाने की साजिश

पुलिस जांच में पता चला कि उपेंद्र ने पहला पासपोर्ट अपने असली पते भाटनीपर नवैजपार पर बनवाया था और दूसरा पासपोर्ट भगवानपुर मझा बेलवा देवरिया के पते पर बनवाया। उसने नाम में थोड़ा बदलाव कर ‘उपेंद्र यादव’ कर दिया और पिता के नाम में भी हल्का फेरबदल किया ताकि शक न हो। यह सब जानबूझकर किया गया ताकि दोनों पासपोर्ट असली लगें।

Gorakhpur Passport Fraud: गोरखपुर पासपोर्ट ऑफिस में फर्जीवाड़े का खुलासा! उपेंद्र यादव दो पासपोर्ट के जाल में फंसा

दलालों और अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा नेटवर्क

मामले की गंभीरता यह है कि केवल दलाल और आवेदक ही पकड़े जा रहे हैं जबकि पासपोर्ट जारी करने वाले अफसर हर बार बच जाते हैं। यही वजह है कि पासपोर्ट ऑफिस के अंदर मौजूद दलाल अफसरों की मदद से फर्जी पासपोर्ट तैयार करवा रहे हैं। एक पूरा गिरोह काम कर रहा है जो भोले भाले लोगों को फंसा कर मोटी रकम लेकर फर्जी पासपोर्ट बनवा रहा है।

पुलिस की जांच में कई चौकाने वाले खुलासे

गोरखनाथ पुलिस पहले ही दो दलालों को गिरफ्तार कर चुकी है जिनकी पहचान विशाल सिंह और हरेंद्र प्रताप के रूप में हुई है। इसके बाद जांच तेज हुई और तीन कांस्टेबल की लापरवाही सामने आई जिन्हें सस्पेंड कर दिया गया। एलआईयू को केस की जिम्मेदारी सौंपी गई है और अभी तक 10 से ज्यादा दलालों की पहचान हो चुकी है जो रोजाना ऑफिस के पास मंडराते रहते हैं।

बिचौलियों का कब्ज़ा और अंदरूनी सेटिंग का भंडाफोड़

सूत्रों के मुताबिक कुछ बिचौलियों की सेटिंग पासपोर्ट ऑफिस के गार्ड्स और कर्मचारियों से है जो खुद ही आवेदकों को दलालों के पास भेजते हैं। खास बात यह है कि एक गार्ड हमेशा मास्क लगाए रहता है जिससे उसकी पहचान न हो सके। ऑफिस के पिछले हिस्से में बैठे दलाल लगातार पासपोर्ट से जुड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस की मौजूदगी में ये सब भाग जाते हैं लेकिन वापस लौट आते हैं जैसे ही सख्ती कम होती है।

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