Gorakhpur news: गोरखपुर के सिविल कोर्ट में वरिष्ठ वकील रविंद्र दुबे पर हमले की साजिश को नाकाम करते हुए तीन संदिग्धों में से दो को वकीलों ने पकड़ लिया, जबकि एक युवक मौके से फरार हो गया। इस घटना ने कोर्ट परिसर में सनसनी मचा दी और वकीलों ने संदिग्धों की जमकर पिटाई की, जिसके बाद दोनों युवकों को पुलिस के हवाले कर दिया गया।
हमला करने की साजिश
यह घटना करीब 1 बजे के आसपास गोरखपुर के सिविल कोर्ट परिसर में हुई। वरिष्ठ वकील रविंद्र दुबे ने बताया कि वह एक मुकदमे में कैंपियरगंज के पक्षकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इसी मामले को लेकर तीन युवक कोर्ट परिसर में पहुंचे थे और उनकी योजना वकील पर हमला करने की थी। तीन संदिग्धों में से एक युवक कोर्ट में कंबल ओढ़कर बैठा था, जबकि बाकी दो युवक वकील के चेंबर के बाहर लंबे समय तक घूमते रहे।
संदेह होने पर हुई प्रतिक्रिया
रविंद्र दुबे को संदिग्ध युवकों पर शक हुआ और उन्होंने इनसे सवाल किया। उनके शोर मचाने पर अन्य वकील भी मौके पर पहुंच गए। जैसे ही वकील एकजुट हुए, तीनों संदिग्धों ने भागने की कोशिश की, लेकिन वकील पीछा करते हुए दो युवकों को पकड़ने में सफल हो गए। बताया गया कि तीसरा युवक, जो कथित तौर पर एक पिस्तौल ले कर आया था, भीड़ का फायदा उठाकर फरार हो गया।
संदिग्धों की पिटाई और पुलिस को सौंपना
गिरफ्तार किए गए दोनों युवकों को पहले तो वकीलों ने बुरी तरह से पीटा, फिर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने Cantt थाना क्षेत्र के अंतर्गत दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया। इस घटना के बाद कोर्ट परिसर में अफरातफरी का माहौल बन गया। वकील और अन्य लोग इस घटना के कारण दहशत में थे।
पुलिस जांच में खुलासा
घटना के बाद पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ शुरू की है। पुलिस का कहना है कि तीसरे युवक का पीछा करने के लिए उनके पास टीम को भेजा जाएगा। अब तक यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आरोपी क्या वकील रविंद्र दुबे पर हमला करने के लिए कोर्ट परिसर में आए थे, या इसके पीछे किसी अन्य कारण की साजिश थी।
पुलिस अधिकारियों ने यह भी बताया कि संदिग्धों के पास से कुछ आपत्तिजनक सामान बरामद होने की संभावना है, जिसके लिए जांच चल रही है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि यह हमला केवल व्यक्तिगत रंजिश के कारण हो सकता है, क्योंकि वकील रविंद्र दुबे कैंपियरगंज क्षेत्र में एक बड़े मामले का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
वकीलों का गुस्सा और सुरक्षा की मांग
घटना के बाद गुस्साए वकीलों ने कोर्ट परिसर में सुरक्षा की मांग की। कई वकीलों का कहना था कि अगर समय रहते यह हमला न रोका जाता, तो यह एक बड़ा हादसा हो सकता था। वकील संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि अदालतों में सुरक्षा के कड़े उपाय किए जाएं ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
वकील रविंद्र दुबे ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के हमले से न्याय व्यवस्था पर सवाल उठ सकते हैं। उन्होंने कहा कि कानून और न्याय की रक्षा करने वाले वकीलों को इस तरह के खतरों से जूझना पड़ता है, जो किसी भी कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए ठीक नहीं है।
कोर्ट परिसर में बढ़ी सुरक्षा
इस घटना के बाद गोरखपुर पुलिस प्रशासन ने कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि कोर्ट परिसर में अब सख्त जांच व्यवस्था की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को टाला जा सके। साथ ही, पुलिस ने यह भी कहा है कि मामले की जांच पूरी तरह से की जाएगी और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना क्यों महत्वपूर्ण है?
इस घटना ने गोरखपुर के सिविल कोर्ट परिसर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर जहां वकील और न्यायिक अधिकारी न्यायिक कार्य में व्यस्त रहते हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसी घटनाएं यह साबित करती हैं कि कोर्ट परिसर अब सुरक्षित नहीं रह गए हैं।
समाज में अपराधों की बढ़ती संख्या और उनके प्रभाव से न्यायालयों में सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। कोर्ट परिसर को न केवल वकीलों और न्यायाधीशों की सुरक्षा करनी चाहिए, बल्कि यहां आने वाले आम नागरिकों के लिए भी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। यह घटना इस बात का संकेत है कि अदालतों में सुरक्षा की समीक्षा और सुधार की आवश्यकता है।
गोरखपुर सिविल कोर्ट में हुई यह घटना वकील और प्रशासन के लिए एक बड़ा संकेत है कि न्यायालय परिसर में सुरक्षा के कड़े उपाय किए जाएं। वकीलों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के कारण एक बड़ा हादसा टल गया, लेकिन इस घटना ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या अदालतों में सुरक्षा पूरी तरह से सुनिश्चित है। पुलिस को इस मामले में गहराई से जांच करनी होगी और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हो।