Gorakhpur News: पुलिस ने शनिवार को शांति नगर निवासी संजय गर्ग को गिरफ्तार किया, जो एक ऐसे गैंग का मास्टरमाइंड है, जो पूरे देश में फर्जी हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने और बेचने का काम करता था। यह गिरफ्तारी जयपुर, राजस्थान से हुई, जहां से संजय ने अपनी गतिविधियाँ संचालित की थीं। पुलिस ने संजय को 48 घंटे के ट्रांजिट रिमांड पर गोरखपुर लाया और उसकी मोबाइल फोन की जांच की, जिससे पता चला कि वह हरियाणा, मुंबई, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, नागालैंड और पंजाब समेत कई राज्यों में फर्जी नंबर प्लेट बनाकर भेजता था।
फर्जी नंबर प्लेट का नेटवर्क
लखनऊ की रोसमेर्टा सेफ्टी सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को राज्य में हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने का ठेका मिला है। हाल ही में कंपनी को गोरखपुर से फर्जी नंबर प्लेटों की कई शिकायतें मिलीं, जिसके बाद कंपनी के क्षेत्रीय प्रमुख मोहम्मद सरीक ने 31 जुलाई को कोतवाली पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया। इसके बाद से पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की और गोरखपुर में फर्जी नंबर प्लेटों के जाल को उजागर करने के लिए रडार पर रखा।
गिरफ्तारी की शुरुआत
पुलिस ने अपनी जांच के दौरान अलिनगर में एक दुकान पर छापा मारा, जहां से ईशान अली नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। ईशान ने पुलिस को बताया कि वह जयपुर में एक व्यक्ति को व्हाट्सएप पर वाहन का नंबर भेजता था, जो फिर उसे फर्जी हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट तैयार करवा कर कुरियर के माध्यम से भेज देता था। इस खुलासे के बाद पुलिस ने संजय गर्ग की तलाश तेज कर दी।
संघर्ष और आपराधिक गतिविधियाँ
जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि संजय गर्ग ने अपने आपराधिक नेटवर्क को बहुत ही सुनियोजित तरीके से चलाया था। उसने न केवल गोरखपुर बल्कि अन्य राज्यों में भी अपनी फर्जी नंबर प्लेटों का कारोबार बढ़ा रखा था। संजय की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस अब उसके सहयोगियों और अन्य संदिग्धों की तलाश कर रही है जो इस अपराध में शामिल हो सकते हैं।
सुरक्षा और कानून के प्रति जागरूकता
यह घटना एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि फर्जी नंबर प्लेटों का उपयोग कानून के दायरे से बाहर जाकर अपराधों को अंजाम देने में किया जा सकता है। ऐसे मामलों में, पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने और केवल मान्यता प्राप्त कंपनियों से ही नंबर प्लेटें खरीदने की सलाह दी है। लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचें और ऐसे मामलों में पुलिस से शिकायत करें।
पुलिस की कार्रवाई
गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने संजय से पूछताछ शुरू कर दी है, ताकि उसके नेटवर्क के अन्य सदस्यों और उनकी गतिविधियों का पता चल सके। पुलिस ने इस मामले में उचित कानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है और नागरिकों को आश्वस्त किया है कि इस प्रकार की गतिविधियों को रोका जाएगा।
समाज के प्रति संदेश
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि समाज में सजगता और जागरूकता बहुत महत्वपूर्ण है। जब नागरिक अपने आस-पास की गतिविधियों पर ध्यान देंगे और अनधिकृत कार्यों की रिपोर्ट करेंगे, तो इससे अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे फर्जी नंबर प्लेटों के खिलाफ जागरूकता फैलाएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें।
संजय गर्ग की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट होता है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। गोरखपुर में हुई इस गिरफ्तारी ने पुलिस की सक्रियता को दर्शाया है। साथ ही, यह भी दर्शाता है कि नागरिकों की सहभागिता और पुलिस के बीच एक मजबूत रिश्ता होना आवश्यक है ताकि समाज को सुरक्षित बनाया जा सके।
गोरखपुर में फर्जी नंबर प्लेटों के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए यह कार्रवाई एक सकारात्मक कदम है। पुलिस ने कहा है कि वह इस दिशा में आगे बढ़ते रहेंगे और सभी प्रकार के अपराधों को समाप्त करने के लिए पूरी मेहनत करेंगे।