Gorakhpur News: गोरखपुर के शाहिद अशफाक उल्लाह खान प्राणि उद्यान में बहाराइच से लाए गए नर और मादा भेड़ियों का व्यवहार अब शांत हो गया है। पहले इनके आक्रामक स्वभाव के कारण इन्हें बचाव केंद्र में रखा गया था, लेकिन अब इन्हें मुख्य बाड़े में स्थानांतरित करने की तैयारी हो रही है। चिड़ियाघर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश के अनुसार, इन भेड़ियों के स्वभाव में सुधार देखा जा रहा है और इसी के चलते उन्हें एक बड़े स्थान पर रखने की योजना बनाई जा रही है।
भेड़ियों का बचाव और आक्रामकता
बहाराइच जिले के लगभग 50 गांवों में इन भेड़ियों का आतंक छाया हुआ था। लोगों पर इनके हमलों की घटनाएं बढ़ गई थीं, जिनमें से 10 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद, वन विभाग द्वारा इन भेड़ियों को पकड़ा गया और गोरखपुर के प्राणि उद्यान के बचाव केंद्र में लाया गया। यहां पर इन्हें शुरुआत में केवल बकरी का मांस दिया जा रहा था, लेकिन अब वे अन्य जानवरों का मांस भी खा रहे हैं।
नर भेड़िया 29 अगस्त को और मादा भेड़िया 10 सितंबर को बचाव केंद्र में लाए गए थे। शुरुआत में इनका व्यवहार बेहद आक्रामक था, जिसके कारण उन्हें फिर से जंगल में छोड़ने का विचार भी नहीं किया गया। हालांकि, चिड़ियाघर में कुछ समय बिताने के बाद अब उनका व्यवहार काफी शांत हो गया है।
मुख्य बाड़े में स्थानांतरण की योजना
चिड़ियाघर प्रबंधन अब इन भेड़ियों को मुख्य बाड़े में स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है। मुख्य बाड़ा फिलहाल खाली है, और चूंकि बचाव केंद्र में बड़े स्थान की कमी है, इसलिए यह स्थानांतरण जल्द ही किया जा सकता है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश के अनुसार, दोनों भेड़िये अब पूरी तरह स्वस्थ हैं और उनकी दिनचर्या भी सामान्य हो गई है।
बचाव केंद्र में अन्य जानवर
भेड़ियों के अलावा, बचाव केंद्र में नौ तेंदुए भी मौजूद हैं। इनमें से छह तेंदुए आदमखोर हैं। चिड़ियाघर में आने के बाद इनके व्यवहार में भी सुधार देखा गया है। हाल ही में आए एक तेंदुए का क्वारंटाइन पीरियड भी समाप्त होने वाला है। इसके बाद उन्हें भी जंगल जैसा वातावरण प्रदान करने के लिए एक अलग बाड़े में स्थानांतरित किया जाएगा।
तेंदुओं के लिए विशेष व्यवस्था
चिड़ियाघर प्रशासन तेंदुओं को स्वस्थ रखने के लिए उनके बाड़े में विशेष इंतजाम कर रहा है। इसके लिए उनके बाड़े में लकड़ी और बोरियों का उपयोग करके उन्हें खेलने का अवसर दिया जाएगा, जिससे उन्हें जंगल की कमी महसूस न हो। यह व्यवस्था उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है।
भविष्य की योजना
भविष्य में चिड़ियाघर प्रबंधन इन आदमखोर जानवरों को आम जनता के दर्शन के लिए भी उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। यह कदम लोगों को जंगली जानवरों के व्यवहार और उनके जीवन के बारे में जागरूक करने के लिए उठाया जाएगा।