Gorakhpur News: सपा नेता काजल निषाद से 70 लाख की ठगी, मामला दर्ज – जानिए किस आधार पर हुआ धोखा

Gorakhpur News: सपा नेता काजल निषाद से 70 लाख की ठगी, मामला दर्ज - जानिए किस आधार पर हुआ धोखा

Gorakhpur News: गोरखपुर की समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और अभिनेत्री काजल संजय निषाद से मुंबई के दो डेवलपर्स और एक निर्माण सामग्री आपूर्तिकर्ता ने फ्लैट देने के नाम पर 70 लाख रुपये की ठगी की है। महाराष्ट्र के दिंडोशी पुलिस ने काजल निषाद की शिकायत पर मण्त्री रियल्टीज के सरिता मण्त्री और सुनील मण्त्री के साथ ही सायनेर्जी कंस्ट्रक्शन के मालिक शांति नारायण राठी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

कैसे हुआ मामला सामने?

काजल निषाद ने बताया कि जिस फ्लैट का वादा इन लोगों ने किया था, वह विवादित निकला। एफआईआर के अनुसार, यह कथित ठगी का मामला दिसंबर 2015 से फरवरी 2016 के बीच का है। आरोपियों ने फ्लैट बेचते समय यह दावा किया था कि फ्लैट का स्वामित्व सरिता मण्त्री के पति सुनील के नाम पर है। इस पर विश्वास करते हुए काजल ने पूरी राशि का भुगतान कर दिया।

Gorakhpur News: सपा नेता काजल निषाद से 70 लाख की ठगी, मामला दर्ज - जानिए किस आधार पर हुआ धोखा

मामले की जानकारी तब सामने आई जब फ्लैट की पूरी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और समझौते के बाद काजल को यह पता चला कि फ्लैट का स्वामित्व विवादास्पद है। पैसे के भुगतान के ठीक अगले दिन वहां एक अदालत का नोटिस चस्पा कर दिया गया, जिसने इस सौदे की वास्तविकता पर सवाल खड़े कर दिए।

ठगी का मामला कैसे दर्ज हुआ?

जब काजल निषाद को अपने फ्लैट का कब्जा नहीं मिला तो उन्होंने आरोपियों से अपना पैसा वापस मांगा। इस मामले को सुलझाने के लिए 2021 में एक समझौते की कोशिश की गई। इसमें यह तय हुआ कि तीनों आरोपी मिलकर काजल को 85 लाख रुपये लौटाएंगे। लेकिन इसके बावजूद काजल को सिर्फ 15 लाख रुपये ही मिले। इसके बाद उन्होंने कानूनी कार्रवाई का फैसला किया और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

कौन हैं काजल निषाद?

काजल निषाद गोरखपुर की जानी-मानी नेता और अभिनेत्री हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का समर्थन किया है और कई मंचों पर सक्रिय रही हैं। काजल का न केवल राजनीति में बल्कि मनोरंजन जगत में भी अपना एक खास स्थान है। ऐसे में उनके साथ हुए इस धोखाधड़ी के मामले ने उनकी छवि को झटका पहुंचाया है और उन्हें कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ रही है।

पुलिस का रुख और आगामी कार्रवाई

दिंडोशी पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सरिता मण्त्री, सुनील मण्त्री और शांति नारायण राठी के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस इस मामले की तहकीकात कर रही है और आगे की कार्रवाई के लिए सबूत जुटाए जा रहे हैं।

आरोपियों का पक्ष

वहीं, मण्त्री रियल्टीज और सायनेर्जी कंस्ट्रक्शन के अधिकारियों की ओर से इस मामले में कोई बयान नहीं आया है। लेकिन सूत्रों के अनुसार, आरोपी पक्ष इस मामले को सुलझाने के लिए कुछ कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। पुलिस की जांच और अदालत के आदेशों के अनुसार ही अब इस मामले का समाधान संभव है।

समाज में क्या संदेश?

इस मामले से यह साफ होता है कि रियल एस्टेट के मामलों में पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए। कई बार बड़े नाम और कंपनियों का विश्वास लेकर लोग धोखा खा जाते हैं। इस प्रकार की धोखाधड़ी के मामलों में ग्राहकों को सतर्क रहना चाहिए और निवेश करने से पहले सभी कानूनी औपचारिकताओं का गहराई से अध्ययन करना चाहिए।

काजल निषाद की प्रतिक्रिया

काजल निषाद ने इस ठगी को लेकर निराशा व्यक्त की और कहा कि वह न्याय की मांग के लिए अंत तक लड़ेंगी। उनका कहना है कि वह सिर्फ अपना पैसा वापस चाहती हैं और उन लोगों को सजा दिलवाना चाहती हैं जिन्होंने उनके साथ धोखाधड़ी की है। उनका यह कदम अन्य निवेशकों के लिए भी एक उदाहरण होगा ताकि वे सतर्क रहें।

रियल एस्टेट में ठगी के बढ़ते मामले

यह मामला केवल एक उदाहरण है, लेकिन देशभर में रियल एस्टेट क्षेत्र में ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। आए दिन ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां लोगों से फ्लैट, जमीन या प्लॉट के नाम पर धोखाधड़ी की जाती है। ऐसे मामलों में ज्यादातर लोग अपने पैसे खो देते हैं और न्याय पाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ती है।

ठगी से कैसे बचें?

विशेषज्ञों का मानना है कि रियल एस्टेट में निवेश करने से पहले सभी दस्तावेजों की गहनता से जांच करें। प्रॉपर्टी के स्वामित्व और कानूनी स्थिति की भी जांच कर लें। इसके अलावा, वकील से सलाह लेना भी बेहद जरूरी है।

काजल निषाद से हुए इस धोखाधड़ी के मामले ने यह सिद्ध कर दिया है कि चाहे कितना ही बड़ा नाम क्यों न हो, धोखा कहीं भी और कभी भी हो सकता है। ऐसे मामलों में न्याय मिलने में भले ही समय लगे, लेकिन न्याय की मांग करना हर नागरिक का हक है। काजल निषाद के इस मामले से सभी को एक सीख लेनी चाहिए कि बिना सोचे-समझे किसी भी बड़े निवेश में शामिल न हों।

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