Gorakhpur News: नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के जिलों में स्थित बैंकों के करेंसी चेस्ट की सुरक्षा में बढ़ोतरी की जाएगी। इस बाबत पुलिस मुख्यालय ने सीमा से सटे सात जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं। खुफिया सूचनाओं के आधार पर यह कदम उठाया गया है। पत्र मिलते ही पुलिस अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने में जुट गए हैं।
सीमा की संवेदनशीलता और सुरक्षा की जरूरत:
उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिलों की नेपाल के साथ 570 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है। यह क्षेत्र हमेशा से ही संवेदनशील रहा है। यहाँ पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों, तस्करी, और नकली मुद्रा के कारोबार का खतरा बना रहता है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ‘ऑपरेशन कवच’ चला रही है। इस ऑपरेशन के तहत सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के साथ सीमा पर संयुक्त पेट्रोलिंग की जा रही है, साथ ही सीमा से पाँच किलोमीटर के दायरे में सरकारी भूमि से अवैध कब्जे हटाए जा रहे हैं।
खुफिया इनपुट के आधार पर सुरक्षा में बदलाव:
हाल ही में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने सीमा के नजदीक स्थित बैंकों के करेंसी चेस्ट की सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता जताई थी। इसे ध्यान में रखते हुए आईजी कानून व्यवस्था एलआर कुमार ने सीमा जिलों के पुलिस कप्तानों, जोन और रेंज अधिकारियों को पत्र लिखकर सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया है। इसके तहत नेपाल सीमा से 60 किमी के भीतर स्थित सभी बैंकों के करेंसी चेस्ट की सूची तैयार की जा रही है, जिन पर नई सुरक्षा मानकों के अनुसार सुरक्षा ड्यूटी लगाई जाएगी।
नए सुरक्षा मानकों के तहत 15 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी:
पुलिस मुख्यालय द्वारा तैयार किए गए सुरक्षा मानक के अनुसार, प्रत्येक करेंसी चेस्ट की सुरक्षा में 15 पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। इनमें चार इंस्पेक्टर, पाँच हेड कांस्टेबल और छह कांस्टेबल शामिल होंगे। इसके अलावा, संबंधित पुलिस थानों के अधिकारी और स्थानीय पुलिस भी निगरानी करेंगे, ताकि सुरक्षा चाक-चौबंद रहे।
सुरक्षा बैठक और समीक्षा:
25 अक्टूबर, 2024 को लखनऊ स्थित भारतीय रिजर्व भवन में सुरक्षा को लेकर एक बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव गृह ने की, जिसमें नेपाल सीमा से सटे बैंकों के करेंसी चेस्ट की सुरक्षा के विषय पर चर्चा की गई। इस दौरान निर्णय लिया गया कि सीमा के नजदीक स्थित बैंक शाखाओं की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएँगे।
सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में कार्रवाई:
पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार, सभी बैंक शाखाओं में सुरक्षा बढ़ाने के लिए आवश्यक सामग्री जैसे सीसीटीवी कैमरा, बैरिकेडिंग, और गश्ती वाहनों की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही बैंक अधिकारियों और स्थानीय पुलिस के बीच समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। सीमा के पास स्थित बैंकों में नकदी की आवाजाही पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
अवैध गतिविधियों पर लगाम कसने का प्रयास:
नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होने से न सिर्फ नकली मुद्रा का कारोबार रोका जा सकेगा, बल्कि सीमा पार से हो रही अन्य अवैध गतिविधियों पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। पुलिस मुख्यालय के आदेश के बाद सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक सुरक्षा संबंधी तैयारियों में जुट गए हैं। सीमावर्ती जिलों में अवैध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस बलों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।
शहर में आटे की चक्की को लेकर विवाद:
गोरखपुर के शाहपुर की नगर पार्षद ज्ञाति देवी और सलीकराम नगर की पार्षद सरिता यादव ने नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल को पत्र लिखकर श्रीराम नगर कॉलोनी, जंगल मतादीन और पदरी बाजार क्षेत्र में सड़क पर आटा चक्की चलाने की शिकायत की है। पार्षदों का आरोप है कि इन क्षेत्रों में एक व्यक्ति ने ट्रैक्टर पर आटा चक्की लगाकर संचालन कर रहा है। कॉलोनी में संजीव कुमार श्रीवास्तव के घर के सामने नाले को ढककर आटा चक्की लगाई गई है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि आटा चक्की की वजह से सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न होती है और ध्वनि प्रदूषण से भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बैंक और सीमावर्ती क्षेत्र की सुरक्षा पर जनता की प्रतिक्रिया:
जैसे-जैसे नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने की योजनाएँ लागू हो रही हैं, जनता में एक प्रकार का भरोसा भी जाग रहा है। लोगों का मानना है कि सुरक्षा बढ़ने से उन्हें एक सुरक्षित माहौल मिलेगा, जिससे वे भयमुक्त होकर अपने दैनिक कार्य कर सकेंगे। बैंक कर्मचारियों का कहना है कि सुरक्षा बढ़ने से उन्हें नकदी लेन-देन के समय राहत मिलेगी और नकली नोटों का प्रसार भी रुकेगा।
नेपाल सीमा के करीब स्थित बैंकों के करेंसी चेस्ट की सुरक्षा को लेकर उठाए गए यह कदम एक सकारात्मक पहल है। इसके माध्यम से सीमावर्ती जिलों में न केवल बैंकिंग क्षेत्र सुरक्षित रहेगा, बल्कि क्षेत्र में होने वाली अन्य अवैध गतिविधियों पर भी रोक लगाई जा सकेगी। इस दिशा में पुलिस मुख्यालय और खुफिया एजेंसियों की भूमिका सराहनीय है, और उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में इस प्रकार की पहल से देश की सीमाओं की सुरक्षा मजबूत होगी।