Gorakhpur news: गोरखपुर के उपचुनाव के परिणामों के बाद एक बार फिर से पोस्टर वार शुरू हो गया है। इस बार बीजेपी ने शहरभर में नए होर्डिंग्स लगाए हैं, जिनमें लिखा है – “जनता का भी मिल जनादास, एक हैं तो सेफ हैं।” ये होर्डिंग्स बीजेपी के युवा मोर्चा नेता अभय सिंह द्वारा लगाए गए हैं। बीजेपी के इन होर्डिंग्स ने एक बार फिर गोरखपुर के राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है।
BJP के होर्डिंग्स में क्या लिखा है?
बीजेपी के लगाए गए होर्डिंग्स पर लिखा है – “जनता का भी मिल जनादास, एक हैं तो सेफ हैं।” इन होर्डिंग्स का उद्देश्य बीजेपी की एकता और जनता का समर्थन दर्शाना है। इससे पहले भी उपचुनाव के दौरान बीजेपी ने “बातें तो कटेंगी” जैसे नारे लगाकर राजनीतिक माहौल को गर्म किया था। इस बार भी बीजेपी का यह संदेश साफ तौर पर यह दर्शाता है कि पार्टी अपनी जीत को जनता की एकता का परिणाम मानती है।
SP का पलटवार: ‘जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे’
बीजेपी के होर्डिंग्स के बाद समाजवादी पार्टी (SP) भी पीछे नहीं रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान “जुड़ेंगे तो कटेंगे” का जवाब देते हुए SP नेताओं ने शहरभर में “जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे” नारे वाले होर्डिंग्स लगाए। यह नारा अखिलेश यादव के उस भाषण से जुड़ा हुआ था, जिसमें उन्होंने बीजेपी के खिलाफ एकता की बात की थी। समाजवादी पार्टी के नेता म्रित्यंजय यादव बिट्टू द्वारा लगाए गए ये होर्डिंग्स बीजेपी के बयान का विरोध करते हुए अपने पार्टी का संदेश फैलाने की कोशिश कर रहे थे।
कांग्रेस का भी पोस्टर वार में प्रवेश
कांग्रेस ने भी बीजेपी और SP के बीच चल रहे पोस्टर वार में कूदते हुए गोरखपुर में अपने होर्डिंग्स लगाए। इन होर्डिंग्स पर लिखा था – “ना बातेंगे, ना कटेंगे… हम एक हैं और एक रहेंगे और नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूँ मैं।” इन होर्डिंग्स के माध्यम से कांग्रेस ने एकता और प्रेम का संदेश दिया, साथ ही बीजेपी और SP की राजनीति से अलग अपनी विचारधारा को प्रस्तुत किया। यह होर्डिंग्स मनीष ओझा, भारतीय युवा कांग्रेस के राज्य महासचिव और गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता द्वारा लगाए गए थे।
नगर निगम ने हटाए सभी होर्डिंग्स
गोरखपुर में बीजेपी, SP और कांग्रेस द्वारा लगाए गए होर्डिंग्स के बाद राजनीतिक माहौल काफी गरम हो गया। इस स्थिति को देखते हुए नगर निगम ने सभी दलों के होर्डिंग्स को हटा दिया और उनकी जगह निजी संस्थाओं के विज्ञापनों को लगा दिया। हालांकि, उपचुनाव के बाद राजनीतिक तापमान बढ़ने के बाद बीजेपी के होर्डिंग्स का वापस आना गोरखपुर में पोस्टर वार को एक नया मोड़ दे रहा है।
पोस्टर वार से उभरती राजनीति की तस्वीर
गोरखपुर के पोस्टर वार ने यह साफ कर दिया है कि शहर की राजनीति में हर पार्टी अपनी विचारधारा और ताकत दिखाने के लिए सक्रिय है। बीजेपी, SP और कांग्रेस ने अपने-अपने पोस्टरों के माध्यम से राजनीतिक संदेश दिए हैं, जो अब शहर के राजनीतिक माहौल को और गरमा रहे हैं। इस पोस्टर वार ने गोरखपुर की राजनीति को एक नया मोड़ दिया है और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह राजनीतिक हलचल किस दिशा में जाएगी।
राजनीतिक संदेशों का प्रभाव
बीजेपी, SP और कांग्रेस के पोस्टर इस बात का प्रमाण हैं कि हर पार्टी अपने-अपने संदेशों के जरिए जनसमर्थन जुटाने के प्रयास में है। बीजेपी के होर्डिंग्स “जनता का भी मिल जनादास, एक हैं तो सेफ हैं” से यह संकेत मिलता है कि पार्टी जनता के बीच अपनी एकता को महत्वपूर्ण मानती है। वहीं, SP का “जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे” नारा एकजुटता की ताकत को सामने लाता है और कांग्रेस का संदेश “मोहब्बत की दुकान” राजनीतिक दायित्वों के खिलाफ नफरत को खत्म करने का आह्वान है।
गोरखपुर की राजनीति में पोस्टर का महत्व
गोरखपुर की राजनीति में पोस्टर एक अहम भूमिका निभाते हैं। यह न केवल एकतरफा प्रचार का जरिया होते हैं, बल्कि राजनीतिक विचारों के प्रचार-प्रसार का भी माध्यम बनते हैं। इन पोस्टरों के माध्यम से पार्टियां अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को एकजुट करने का प्रयास करती हैं। हालांकि, नगर निगम द्वारा इन होर्डिंग्स को हटाने से यह भी साबित होता है कि गोरखपुर की राजनीति में होर्डिंग्स और पोस्टर कितनी अहमियत रखते हैं।
आने वाले समय में क्या होगा?
गोरखपुर के राजनीतिक माहौल को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में पोस्टर युद्ध और बढ़ेगा। सभी दल अपने-अपने विचारों को जनता तक पहुंचाने के लिए विभिन्न रणनीतियों का सहारा लेंगे। यह पोस्टर युद्ध न केवल गोरखपुर की राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि यह देशभर की राजनीति के लिए एक उदाहरण बनेगा कि किस प्रकार सोशल मीडिया और पोस्टर जैसे साधन राजनीति में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
गोरखपुर में चल रही पोस्टर वार यह दर्शाती है कि राजनीतिक दलों के बीच संवाद और प्रतिस्पर्धा किस हद तक बढ़ चुकी है। बीजेपी, SP और कांग्रेस अपने-अपने विचारों और विचारधाराओं को प्रकट करने के लिए इस पोस्टर युद्ध का सहारा ले रहे हैं। यह समय बताएगा कि इस राजनीतिक मुहिम में कौन सी पार्टी अधिक प्रभावी साबित होती है, लेकिन फिलहाल यह पोस्टर वार गोरखपुर की राजनीति में हलचल पैदा कर चुका है।