Gorakhpur News: नेपाल के रूपनदेही जिले में पुलिस ने एक बड़े ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें 14 भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। यह छापेमारी असफाक आलम के घर पर की गई, जो सगुनि पथ में स्थित है, जहां आरोपियों द्वारा अवैध रूप से ऑनलाइन जुआ चलाया जा रहा था। इस कार्रवाई ने न केवल नेपाल में बल्कि भारत में भी ऑनलाइन सट्टेबाजी के बढ़ते खतरे को उजागर किया है।
ऑपरेशन का तरीका
रूपनदेही पुलिस के सूचना अधिकारी, डिप्टी एसपी नवीन पौडेल के अनुसार, पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग अवैध सट्टेबाजी और जुआ ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से चला रहे थे। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की, जिसके बाद यह बड़ा रैकेट सामने आया। पुलिस ने असफाक आलम के घर पर छापेमारी की, जहां अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी चल रही थी।
पुलिस का कहना है कि इस रैकेट में शामिल लोग प्रमुख ऑनलाइन सट्टेबाजी साइट्स का उपयोग कर रहे थे, जिनमें “लॉर्ड्स एक्सचेंज”, “ऑल पैनल”, “सैफ्रन”, “ताज”, “क्लासिक XCH”, और “गो XCH” जैसी वेबसाइट्स शामिल थीं। इन प्लेटफार्मों पर क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी और घोड़ा दौड़ जैसे खेलों पर सट्टा लगाया जा रहा था। सट्टेबाजी के लिए “टाइगर ग्रुप”, “शिवा ग्रुप”, और “विनायक ग्रुप” जैसे नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा रहा था।
पुलिस द्वारा जब्त किए गए साक्ष्य
छापेमारी के दौरान पुलिस ने कई उपकरण जब्त किए हैं, जो इस अवैध गतिविधि में इस्तेमाल हो रहे थे:
- 40 मोबाइल फोन (विभिन्न ब्रांड्स के)
- 3 लैपटॉप
- 2 राउटर
पुलिस के अनुसार, इन उपकरणों का इस्तेमाल सट्टेबाजी के संचालन में किया जा रहा था। इन उपकरणों से और भी साक्ष्य मिलने की संभावना है, जो मामले की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार किए गए युवकों की उम्र 18 से 28 साल के बीच है। इनमें से अधिकांश युवक उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों के रहने वाले हैं। गिरफ्तार आरोपियों की सूची निम्नलिखित है:
- गोरखपुर: राजत कुमार (22), लकी जायसवाल, मोहित कुमार, प्रियंशु जायसवाल, मनीष पासवान
- संतकबीरनगर: सतेंद्र कुमार, अवधेश कुमार
- देवरिया: रवि जायसवाल
- आजमगढ़: शिवम सिंह
- हरियाणा: साहिल सोड़ा (33), अनुराग सिंह, नितेश वर्मा
- उत्तराखंड: श्याम गुप्ता (18)
इन आरोपियों को नेपाल के रूपनदेही जिला न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान इस गैंग के अन्य संपर्कों और नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है।
ऑनलाइन सट्टेबाजी के बढ़ते खतरे की ओर संकेत
यह कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों का जाल भारतीय युवाओं के बीच तेजी से फैल रहा है। खासकर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में यह नेटवर्क सक्रिय है। पुलिस के अनुसार, इन अवैध गतिविधियों के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्मों का इस्तेमाल करना इन रैकेट्स को और भी छुपा हुआ और खतरनाक बनाता है।
अभिभावक, शिक्षा संस्थान और समाज में इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, और यह युवा पीढ़ी के मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरे का कारण बन सकता है। इसके अलावा, यह अवैध गतिविधियाँ युवाओं को अपराध की ओर भी खींच सकती हैं, जैसा कि इस मामले में देखा गया है।
भारतीय और नेपाली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
यह मामला दोनों देशों के लिए गंभीर चुनौती पेश करता है, क्योंकि यह न केवल कानून-व्यवस्था से जुड़ा हुआ है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच सहयोग और समन्वय की आवश्यकता को भी दर्शाता है। भारतीय और नेपाली पुलिस के अधिकारियों ने इस रैकेट के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। पुलिस का कहना है कि ऐसे नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
भविष्य में क्या कदम उठाए जाएंगे?
भारत और नेपाल में ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ पर प्रतिबंध लगाने के लिए दोनों देशों की सरकारों को एकजुट होकर कदम उठाने की आवश्यकता है। कई रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है, ताकि इस तरह के रैकेट्स पर काबू पाया जा सके।
अधिकारियों का मानना है कि यह घटना एक चेतावनी है, जो विशेष रूप से भारतीय युवाओं के लिए है। सोशल मीडिया और इंटरनेट का अत्यधिक उपयोग युवाओं को ऐसे अवैध कार्यों की ओर आकर्षित कर सकता है। ऐसे में युवाओं के लिए शिक्षा और जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है, ताकि वे इस तरह की गतिविधियों से दूर रहें।
नेपाल के रूपनदेही जिले में हुए इस ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट का पर्दाफाश ने कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े किए हैं। इस मामले ने साबित कर दिया है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी एक तेजी से बढ़ता हुआ खतरा है, जो न केवल युवा पीढ़ी के लिए बल्कि समाज के लिए भी हानिकारक है। इस घटना ने भारत और नेपाल दोनों देशों की पुलिस को इस तरह की अवैध गतिविधियों के खिलाफ और भी सख्त कदम उठाने की दिशा में प्रेरित किया है। भविष्य में इस तरह के रैकेट्स को रोकने के लिए और प्रभावी कदम उठाए जाएंगे, ताकि युवाओं को इस जाल से बाहर निकाला जा सके और समाज को सुरक्षित रखा जा सके।